Milk Prices Hike: पिछले साल लंपी तो इस साल गर्मी का असर, इसलिए तेजी से बढ़ रहे दूध के दाम

Milk Prices Hike: पिछले साल लंपी तो इस साल गर्मी का असर, इसलिए तेजी से बढ़ रहे दूध के दाम

भारत में डेयरी सबसे बड़ी कृषि वस्तु है, जो राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में 5 प्रतिशत का योगदान देती है और 8 करोड़ से अधिक किसानों को सीधे तौर पर रोजगार देती है. ऐसे भी भारत दूध उत्पादन में पहले स्थान पर है, जो दुनिया के कुल दूध उत्पादन में 25 प्रतिशत का योगदान देता है.

दूध की कीमतों में और हो सकती है बढ़ोतरी. (सांकेतिक फोटो)दूध की कीमतों में और हो सकती है बढ़ोतरी. (सांकेतिक फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jun 14, 2024,
  • Updated Jun 14, 2024, 1:25 PM IST

18वीं लोकसभा के चुनाव के लिए मतदान पूरा होने के तुरंत बाद, दूध और टोल की कीमतें बढ़ गईं. भारत की दो सबसे बड़ी दूध सहकारी कंपनियां अमूल और मदर डेयरी ने 3 जून से अपने दूध की कीमतों में 2 रुपये की बढ़ोतरी कर दी है. खास बात यह है साल 2022-23 में लंपी वायरल के चलते दूध का उत्पादन प्रभावित होने के चलते कीमतों में बढ़ोतरी हुई थी. लेकिन इस साल अधिक गर्मी के चलते डेयरी कंपनियां दूध की कीमतें बढ़ा रही हैं. ऐसे में एक्सपर्ट का कहना है कि गर्मी के वजह से आने वाले दिनों में उत्पादन लागत ज्यादा होने पर दूध की कीमतों में और तेजी आ सकती है.

द इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर 2023 की कीमतों की तुलना नई कीमतों से की जाए, तो मदर डेयरी का फुल क्रीम और अमूल का फुल क्रीम दूध (गोल्ड) अब आपको 68 रुपये में मिलेगा. पिछले दो सालों में, अमूल और मदर डेयरी जैसे प्रमुख दूध आपूर्तिकर्ताओं ने किसानों से दूध की बढ़ती खरीद लागत का हवाला देते हुए कई बार दूध की कीमतों में बढ़ोतरी की है. उदाहरण के लिए, मदर डेयरी ने मार्च और दिसंबर 2022 के बीच दूध की कीमतों में 10 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है.

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अमूल ने कीमतों में तीन बार बढ़ोतरी की

वहीं, साल 2022 में, अमूल ने अपनी कीमतों में तीन बार बढ़ोतरी की. साल 2022 में अमूल द्वारा आखिरी बढ़ोतरी अक्टूबर में की गई थी, जब उसने अपनी कीमतों में 2 रुपये की बढ़ोतरी की थी. जबकि मदर डेयरी के मामले में, आखिरी बढ़ोतरी दिसंबर में 2 रुपये की हुई थी.  भारत के पशुपालन और डेयरी सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा कि 2022 में कई बार कीमतों में बढ़ोतरी का मुख्य कारण मवेशियों में गांठदार त्वचा रोग (लंपी वायरस) था. मवेशियों में संक्रमण फैलने से दूध का उत्पादन कम हो गया था. 

गर्मी से दूध उत्पादन पर पड़ा असर

जबकि इस साल देश के कई हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ रही है. इससे दूध उत्पादन पर और असर पड़ने की आशंका है. मदर डेयरी ने कहा कि हाल के महीनों में दूध की खरीद लागत में वृद्धि के बावजूद, उपभोक्ता कीमतें स्थिर रहीं. लेकिन देश भर में बहुत अधिक पड़ रही गर्मी के कारण दूध उत्पादन पर और असर पड़ने की आशंका है. कई राज्यों में तो तापमान 45 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है. इससे हरे चारे की किल्लत हो गई है. इससे भी दूध उत्पादन गिर रहा है.

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