'बकरे दूध दे रहे हैं.. जी हां बकरी नहीं, बकरे दूध दे रहे हैं'... ये बात आपको सुनने में अटपटी लगे, लेकिन है सौ फीसद सच. मध्य प्रदेश के एक प्राइवेट बकरी फार्म पर चार बकरे एक साथ दूध दे रहे हैं. सभी बकरे आम बकरियों की तरह से सुबह-शाम दूध दे रहे हैं. एक बकरा दोनों वक्त में मिलाकर करीब 200 से 300 एमएल तक दूध दे रहा है. फार्म मालिक के मुताबिक दूध देने से बकरे की सेहत पर भी कोई असर नहीं पड़ रहा है. बकरे के दूध का स्वाद भी बकरी के दूध जैसा ही है.
इस मामले को लेकर केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मथुरा के साइंटिस्ट का कहना है कि ऐसे बकरों का दूध पीने से शरीर में किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है. मध्य प्रदेश के बुराहनपुर में यह बकरी फार्म है. जहां बकरी पालन करने के साथ ही बकरी पालन की ट्रेनिंग भी दी जाती है. बकरी का दूध बेचने के साथ यहां कई अलग-अलग नस्ल के बकरे भी बेचे जाते हैं.
बुराहनपुर में बकरे दूध दे रहे हैं, इस बारे में किसान तक ने सीआईआरजी, मथुरा के प्रिंसीपल साइंटिस्ट डॉ. अशोक कुमार से बात की है.उन्होंने बताया कि बकरों का दूध देना कोई नई बात नहीं है. लैक्टोज नाम के हॉर्मोन के चलते ऐसा होता है. इस तरह की घटना के लिए सिर्फ लैक्टोज ही जिम्मेदार नहीं होता है. और भी दूसरे हॉर्मोन है जो इस तरह के केस में भूमिका निभाते हैं. यह सिर्फ जानवरों में ही नहीं इंसानों में भी देखा गया है. क्योंकि इससे कोई बहुत बड़ा फर्क नहीं पड़ने वाला है, इसलिए इस पर ज्यादा रिसर्च भी नहीं की गई हैं. ऐसे बकरे दूध भी कोई बहुत ज्यादा नहीं देते हैं.
रहा सवाल बकरे के द्वारा दिया गया दूध पीने का तो यह किसी भी तरह से नुकसानदायक नहीं है. बकरी के दूध के मुकाबले गुणवत्ता में जरूर थोड़ा बहुत फर्क आ सकता है. वो भी इसलिए की दोनों की न्यूट्रीशियन वैल्यू अलग-अलग है.
बुराहनपुर के इस बकरी फार्म पर करीब 250 से ज्यादा बकरे हैं. इसमे पंजाब की बीटल नस्ल के साथ ही हैदराबाद की लोकल ब्रीड पथिरा और हंसा के बकरे भी हैं. दूध देने वाले बकरों में लोकल ब्रीड के साथ ही बीटल नस्ल का बकरा भी शामिल है. जानकारों की मानें तो बकरियों में बीटल नस्ल की बकरी सबसे ज्यादा दूध देती है. इस नस्ल की बकरी एक दिन में 6 से 7 लीटर तक दूध दे देती है.