सेहत के मामले में अंडे देने वाली मुर्गी का खास ख्याल रखना होता है. खासतौर पर मुर्गी के वजन पर बराबर निगाह रखनी होती है. जरा सा भी वजन बढ़ने पर मुर्गी को तो परेशानी होगी ही साथ में पोल्ट्री फार्म मालिक को भी नुकसान होगा. इसलिए सर्दी हो या गर्मी अंडे देने वाली मुर्गी लेयर बर्ड को बहुत ही नापतौल के साथ दाना खाने को दिया जाता है. जैसे ही लगता है कि किसी मुर्गी का वजन बढ़ रहा है तो उसे दूसरी मुर्गियों से अलग रखकर दाना खिलाया जाता है.
पोल्ट्री फार्म मालिक अमित सिंह ने किसान तक को बताया कि रोज अंडा देने वाली लेयर बर्ड की सेहत पर बहुत ध्यान देने की जरूरत होती है. अगर जरा सा भी आपका ध्यान मुर्गियों के ऊपर से हटा तो आपकी मुर्गी जान से जा सकती है. खास बात यह है कि अंडा देने वाली मुर्गी का वजन तय है. मुर्गी ने एक हफ्ते पहले अंडा देना शुरू किया है या उसे अंडा देते हुए एक साल हो गया है, उसका वजन इधर से उधर नहीं होना चाहिए.
अगर आप चाहते हैं कि मुर्गी बिना किसी परेशानी के अंडा देती रहे तो उसका वजन हमेशा 13 सौ ग्राम से लेकर 17 सौ ग्राम रहना चाहिए. अगर 17 सौ ग्राम के बाद मुर्गी का वजन 50-100 ग्राम भी बढ़ा तो मुर्गी के शरीर में चर्बी बढ़ने लगेगी. मुर्गी की ओबरी पर भी चर्बी बढ़ने लगती है. इसके चलते मुर्गी को अंडा देने में परेशानी होने लगती है. इतना ही नहीं कई बार तो अंडा फंस जाता है और कभी-कभी मुर्गी के शरीर के अंदर ही अंडा टूट भी जाता है. जिसके चलते मुर्गी की मौत तक हो जाती है.
पोल्ट्री फार्म संचालक मनीष ने किसान तक को बताया कि चूंकि अंडा देने वाली मुर्गी लेयर नस्ल की होती है. इस मुर्गी से रोजाना अंडा लेना है तो इसलिए खासतौर पर इसकी सेहत का ख्याल रखना होता है. साथ ही पोल्ट्री फार्म के बजट के हिसाब से भी चलना होता है. सर्दियों के मौसम में लेयर मुर्गी 105 ग्राम दाना खाती हैं.
वहीं गर्मियों में उन्हें 100 ग्राम दाना खाने के लिए दिया जाता है. पोल्ट्री फार्म के संचालन के हिसाब से यह दाना उन्हें दिन में तीन से चार बार में दिया जाता है. इस दाने के साथ गर्मी हो या सर्दी हर रोज उन्हें 10 ग्राम कंकड़-पत्थर पीसकर भी खिलाया जाता है. सर्दियों में मुर्गी पानी कम पीती है इसलिए 5 ग्राम तक दाना भी ज्यादा खाती है.