जमशेदपुर में मनाया गया रजनी नाम की हाथी का जन्मद‍िन, बहुत द‍िलचस्प है इसकी पूरी कहानी 

जमशेदपुर में मनाया गया रजनी नाम की हाथी का जन्मद‍िन, बहुत द‍िलचस्प है इसकी पूरी कहानी 

वन व‍िभाग के रेंजर जगदीश चंद्रा ने कहा क‍ि रजनी हाथी का जन्मद‍िन लोगों में जंगली जानवरों के प्रति जागरूकता पैदा करने का एक अवसर है. विभाग यह संदेश देना चाहता है कि जानवर भी पृथ्वी के लिए महत्वपूर्ण हैं और उनका भी अपना महत्व है. इसी संदेश को ध्यान में रख कर जन्मदिन मनाया जा जाता है. 

वन विभाग के अधिकारी हथिनी का जन्मदिन मानते हुए वन विभाग के अधिकारी हथिनी का जन्मदिन मानते हुए
क‍िसान तक
  • jamshedpur,
  • Oct 06, 2023,
  • Updated Oct 06, 2023, 6:27 PM IST

जमशेदपुर क्षेत्र के दलमा वाइल्ड लाइफ सेचुरी माकूलाकोचा चेक नाका में रजनी नाम की एक हाथी 17 साल से केक काट कर अपना जन्मद‍िन मनाती है. वन व‍िभाग इसका आयोजन करता है और इसमें गांव वाले ओर वन विभाग के लोग शाम‍िल होकर खुशी मनाते हैं. इस बार रजनी के जन्मदिन पर 17 पाउंड का केक काटा गया. उसके जन्मदिन पर दलमा पश्चिमी के रेंजर दिनेश चंद्रा बताया कि यह खुशी की बात है इससे लोगों में एक अच्छा संदेश जाता है कि जब हम अपने बच्चों का जन्म दिन मना सकते हैं तो जंगली जानवर का क्यों नहीं. यह जंगली जीवों के प्रत‍ि हमारा प्रेम है. इसल‍िए हम हाथी का जन्मद‍िन मना रहे हैं. 
 
वन व‍िभाग के रेंजर ने कहा क‍ि लोगों में जंगली जानवरों के प्रति जागरूकता पैदा करने का भी यह एक अवसर होता है. रजनी के जन्मदिन को लेकर वन विभाग यह संदेश देना चाहता है कि जानवर भी पृथ्वी के लिए महत्वपूर्ण हैं और उनका भी अपना महत्व है. इसी संदेश को ध्यान में रख कर जन्मदिन मनाया जा जाता है. कोशिश है कि इससे दूसरे भी सीख लें और जानवरों की सुरक्षा के संदेश देने के लिए इसे आत्मसात करें. 

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गड्ढे में फंसी मिली थी रजनी 

रजनी एक बार अपने झुंड से बिछड़कर गड्ढे में फंसी मिली थी. वो यहां के चांडिल के समीप पीलीद में एक गड्ढे में फंसा हुआ मिला था. उसे घायलावस्था में निकालकर टाटा जू लाया गया था, जहां काफी दिनों तक उसका इलाज हुआ. जब रजनी ठीक हो गई तो उसे दलमा वन्यप्राणी आश्रयणी माकूलाकोचा लाया गया. दलमा के मकुलाकोचा चेक नाका में बकायदा इस हाथी का नामकरण रजनी के रूप में किया गया था. उसी समय से रजनी का जन्मदिन धूमधाम से मनाया जा रहा है. रजनी का जन्मदिन मनाने के लिए दलमा वन आश्रयणी के कर्मचारियों के साथ ही मकुलाकोचा के ग्रामीण भी शाम‍िल होते हैं. 

प्रेरणादायक है कहानी 

दलमा के रेंजर जगदीश चंद्रा ने कहा क‍ि एलिफेंट सेंचुरी दलमा में लगातार 17 साल से रजनी का ख्याल रखा जा रहा है. उसका जन्मद‍िन मनाकर हम उसके प्रत‍ि अपने लगाव को द‍िखाते हैं. उसके जन्मद‍िन के जश्न में सभी स्थानीय गांव वाले और वन विभाग के लोग आज खुशी मना रहे हैं. क्योंक‍ि आज के ही द‍िन वो गड्ढे में ग‍िर गई थी और उसे बचा ल‍िया गया था. तभी से माना जाता है क‍ि उसका नया जन्म हुआ है. टाटा ज़ू के डॉक्टर्स ने इसको नया जन्म दिया है. यह इंसान और जानवर के बीच अच्छे बर्ताव की कहानी है. ज‍िससे सभी को प्रेरणा लेनी चाह‍िए. (रिपोर्ट /अनूप सिन्हा)

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