राजस्थान के पशुपालकों के लिए खुशखबरी है. राज्य सरकार प्रदेश में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री पशुपालन विकास कोष का गठन करेगी. इसके लिए वह 250 करोड़ रुपये खर्च करेगी. सरकार को उम्मीद है कि उसकी इस कोशिश से राज्य में पशुपालकों को काफी फायदा होगा. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कहा कि देश कृषि आधारित है और राज्य की अर्थव्यवस्था में पशुपालकों का महत्वपूर्ण योगदान है. इसे ध्यान में रखते हुए बजट में पशुपालकों के सशक्तिकरण के लिए कई सौगातें दी गई हैं.
उन्होंने कहा कि पशुपालन संवर्धन, संरक्षण और विकास के लिए 250 करोड़ रुपये से मुख्यमंत्री पशुपालन विकास कोष का गठन किया जाएगा. साथ ही दुधारू पशुओं के नस्ल विकास और नर पशुओं की समस्या के समाधान के लिए अनुदान राशि को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत किया जाएगा. शर्मा ने कहा कि संशोधित राज्य बजट 2024-25 में की गई घोषणाओं से विकसित राजस्थान का सपना साकार होगा. उन्होंने कहा कि इस बजट से राज्य की आठ करोड़ जनता की आकांक्षाएं और उम्मीदें पूरी होंगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसान, पशुपालक, युवा, महिलाओं सहित सभी वर्गों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पार्टी के संकल्प पत्र के सभी वादों को पूरा कर रही है.
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दरअसल, सीएम शर्मा सिरोही और बाली सहित विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों से आए देवासी समुदाय के प्रतिनिधिमंडल को संबोधित कर रहे थे. यह प्रतिनिधिमंडल राज्य के वार्षिक बजट में उनके उत्थान के लिए की गई घोषणाओं के लिए आभार व्यक्त करने आया था. इसी दौरान मुख्यमंत्री ने ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में पशु चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार के लिए 125 पशु चिकित्सकों तथा 525 पशुधन सहायकों के नये पदों भर्ती की जाएगी. साथ ही ग्राम पंचायतों में इस वर्ष 500 नवीन पशु चिकित्सा उपकेन्द्र खोले जाने की योजना है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुग्ध उत्पादकों की सुविधाओं पर भी फोकस किया जा रहा है. इसके लिए बजट में कई प्रावधान किए गए हैं. लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से चूरू, झालावाड़, भरतपुर और नागौर सहति कई जिलों में मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट को मजबूत किया जाएगा. इसके अलावा 95 करोड़ रुपये की लागत से पाली में 30 मीट्रिक टन क्षमता का अत्याधुनिक मिल्क पाउडर प्लांट तथा 25 करोड़ रुपये से कोटा में केटल फीड प्लांट बनाया जाएगा.
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