किसानों को खेती में रोके रखना एक बड़ी परेशानी बनती जा रही है. युवा खेती से जुड़ना नहीं चाहते हैं. एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने इस परेशानी पर बोलते हुए कहा, ‘आज जब हम श्वेत क्रांति 2.0 की ओर बढ़ रहे हैं. भारत की कृषि व्यवस्था छोटे किसानों पर आधारित है. किसानों का गांवों से शहरों की ओर पलायन उनकी समृद्धि से जुड़ा है. ग्रामीण पलायन की समस्या पर काबू पाने के साथ-साथ छोटे किसानों को समृद्ध बनाने के लिए डेयरी एक महत्वपूर्ण विकल्प है.’
वहीं इस मौके पर केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा, डेयरी क्षेत्र में सर्कुलरिटी और टिकाऊपन पर ध्यान देने की जरूरत है. साथ ही ईंधन के उत्पादन के लिए गाय के गोबर का इस्तेमाल किसानों की इनकम बढ़ाने में मदद करेगा. देश में 53 करोड़ से ज्यादा पशुधन संसाधन है. इसमे से करीब 30 करोड़ गाय-भैंस हैं. जिसके चलते बड़ी मात्रा में गाय का गोबर देश में उपलब्ध है. जिसका इस्तेमाल जैविक खाद, जैव ईंधन आदि के लिए किया जा सकता है. इससे उत्पादकता तो बढ़ेगी ही, साथ में किसान और पशुपालकों की इनकम भी बढ़ेगी.
वर्कशॉप के दौरान केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह को धन्यवाद देते हुए डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि सरकार की कोशिशों के चलते ही आज डेयरी सेक्टर काफी हद तक असंगठित से संगठित क्षेत्र में बदल गया है. देश में हरित विकास और किसान कल्याण को बढ़ावा देने में सर्कुलर इकोनॉमी प्रथाओं, नवीकरणीय ऊर्जा पहलों और सार्वजनिक-निजी भागीदारी का बड़ा महत्व है. पर्यावरण अनुकूल प्रथाओं को नवाचार के साथ एकीकृत करने से न केवल हरित विकास को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि लाखों किसानों का भला होगा और उनकी समृद्धि सुनिश्चित होगी.
पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने भारत मंडपम, नई दिल्ली में डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक वर्कशॉप का आयोजन किया था. केंद्रीय मंत्री अमित शाह और केन्द्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने इसका उद्घाटन किया था. इस मौके पर मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल और जॉर्ज कुरियन भी मौजूद थे. इसके अलावा डेयरी सेक्टर से जुड़ी कंपनियों और कोऑपरेटिव के प्रमुख भी बुलाए गए थे. साथ ही पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (एमओपीएनजी), नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई), उर्वरक विभाग, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी), इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) के अफसरों ने भी हिस्सा लेकर किसानों और पशुपालकों की इनकम बढ़ाने पर चर्चा की.
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