Goat Farming: बकरी पालन की बना रहे हैं योजना! तो इन 20 बातों को जरूर रखें ध्यान

Goat Farming: बकरी पालन की बना रहे हैं योजना! तो इन 20 बातों को जरूर रखें ध्यान

आप 20 से 25 बकरे-बकरियों के साथ गोट फार्मिंग शुरू करने जा रहे हैं तो सबसे पहले आपको 20 स्‍क्‍वायर फीट लम्बा और 20 फीट चौड़े हॉल की जरूरत होगी. इस साइज के हॉल को तैयार कराने में आज के बाजार रेट के हिसाब से 100 से 150 रुपये स्‍क्‍वायर फीट का खर्च आता है.

मथुरा के एक गोट फार्म में घास चरती हुईं बकरियां. मथुरा के एक गोट फार्म में घास चरती हुईं बकरियां.
नासि‍र हुसैन
  • Noida ,
  • Dec 08, 2022,
  • Updated Dec 08, 2022, 4:35 PM IST

बकरी पालन अब मुफलिसी के दौरान में दो वक्त का खाना खिलाने वाला धंधा नहीं रहा है. बकरे-बकरी पालकर आज के एमबीए और इंजीनियरिंग पास युवा लाखों कमा रहे हैं. इंग्लैंड में लाखों रुपये महीने की नौकरी छोड़कर बकरियां बेचने का काम कर रहे युवा मुनेन्द्र चौधरी एक मिसाल हैं. बकरी पालन का कोर्स करने वाले यह युवा लगातार रिसर्च में लगे रहते हैं. अगर आप भी बकरी पालन से लाखों की कमाई करना चाहते हैं तो किसी भी सरकारी संस्थान से कोर्स करने के साथ ही 20 जरूरी बातों का भी खास खयाल रखना होगा. 

अगर आप 20 से 25 बकरे-बकरियों के साथ गोट फार्मिंग शुरू करने जा रहे हैं तो सबसे पहले आपको 20 स्‍क्‍वायर फीट लम्बा और 20 फीट चौड़े हॉल की जरूरत होगी. इस साइज के हॉल को तैयार कराने में आज के बाजार रेट के हिसाब से 100 से 150 रुपये स्‍क्‍वायर फीट का खर्च आता है. इसके साथ ही बिजली के उपकरण और उनकी फिटिंग का खर्च अलग से हैं.

यह हैं बकरी पालन से जुड़ी वो 20 प्रमुख बातें

वैसे तो बकरी पालन के दौरान हर बात का खास खयाल रखा जाता है. बीमारी से बचाने के लिए वक्त पर दवाई दिलाना और टीका लगवाना भी शामिल है. लेकिन और भी कई छोटी-छोटी ऐसी बातें हैं जिनका अगर खासतौर पर खायाल रखा जाए तो बकरियों को कई तरह की बीमारियों से बचाकर आप मोटा मुनाफा कमा सकते हैं. 

  • अपने इलाके के हिसाब से बकरे-बकरी की नस्ल का चुनाव करें.
  • बकरियों के बाड़े में एक बकरी को 10-12 वर्ग फीट की जगह दें.
  •  एक हॉल में एक साथ 20 बकरियों से ज्यादा नहीं रखें.
  • बड़े बकरे-बकरियों के साथ ही बच्चों  को भी पक्के फर्श पर न रखें.
  • बकरे और बकरी को पास-पास नहीं रखें.
  • तीन महीने से ज्यादा उम्र के बच्चों और बकरियों को इंटेरोटोक्सिमिया के दो टीके लगवाएं.
  •  गर्भावस्था के आखिरी डेढ़ महीने में चराने के अलावा 200 ग्राम दाना का मिश्रण दें.
  • बच्चा देने के वक्त  बकरियों को साफ जगह पुआल आदि पर रखें.
  • बच्चा जन्म के समय साबुन से हाथ धोकर बकरी को या बच्चे को हाथ लगाएं.
  • जन्म के बाद नाभी को 3 इंच पीछे से नए ब्लेड से काट दें.
  • नाभी काटने के बाद इरोल, टिंक्चर आयोडीन या बोकाडीन लगा दें.
  •  जन्म के बाद बच्चों की मां का पहला दूध जन्म के 20 मिनट के अंदर पिलायें.
  • बच्चों को दिनभर मां के साथ रखें. रात के वक्त मां से अलग कर टोकरी में ढककर रखें.
  • बकरी के साथ खासकर बच्चों  को ठंड से बचाएं.
  • निमोनिया से बचाने के लिए बच्चों को टेट्रासाइक्लिन दवा पानी में मिलाकर पिलाते रहें.
  • बकरा 15 किलो वजन का हो जाए तो उसका मीट खाया जा सकता है.
  • पाठा (खस्सी) बकरों की बिक्री 9-10 महीने की उम्र में की जा सकती है.
  • बकरे-बकरी के बाड़ों में दवा का छिड़काव करते रहें.
  • बकरी के आवास को साफ-सुथरा एवं हवादार रखें.
  • रात की मेंगनी सुबह और सुबकी दोपहर तक साफ कर दें.

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