पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश का असर अब मैदानों की नदियों पर दिखने लगा है. गंगा नदी पर उत्तराखंड की भारी बारिश का सबसे ज्यादा असर देखा जा रहा है. फर्रुखाबाद जनपद में गंगा नदी में बाढ़ की वजह से किसानों के अरमानों पर पानी फिर चुका है. बाढ़ का पानी के चलते किसानों की फसल जल मग्न हो चुकी है तो वहीं 1000 एकड़ से ज्यादा क्षेत्रफल में बोई गई सब्जी की फसल बर्बाद हो चुकी है. बढ़ते जलस्तर को देखकर किसान दहशत में है. कई किसान फसल के नुकसान के चलते कर्ज के बोझ में दब चुके हैं. अब उन्हें परिवार का खर्च चलाने की चिंता भी सताने लगी है.
गंगा के बढ़े जलस्तर ( Ganga river flood) के चलते फर्रुखाबाद जनपद में किसानों को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा है. गंगा किनारे के गांव अमिलापुर , हैबतपुर गढ़िया, नगला वजीर , सलामत खा गांव में हजारों एकड़ क्षेत्रफल में बोई गई सब्जी की फसल बर्बाद हो चुकी है. हैबतपुर गढ़िया गांव में खेतों में पानी पूरी तरीके से भर चुका है. किसान मूरत देव ने बताया खेत में तीन लाख किलो कीमत का बीज लेकर सिगरा गोभी का बीज बोया था. सोचा था कि मंडी में अच्छे दामों पर गोभी को बेचेंगे जिससे बेटी के हाथ भी पीले हो जाएंगे. गंगा की बाढ़ में सब कुछ बर्बाद कर दिया है. उन्हें पांच लाख से अधिक का नुकसान हो चुका है. दूसरे किसान रामनरेश का कहना है कि अपने खेतों में ढाई लाख रुपए की लागत से गोभी ,मक्का ,तोरई पालक की फसल लगाई थी. बाढ़ का पानी इतना तेजी से बढ़ा की फसल बर्बाद हो गई. उन्हे 6 लाख से अधिक का नुकसान हो चुका है. किसान रामशंकर ने बताया कि उन्होंने 2 बीघा खेत में मक्के की फसल बोई थी जो बाढ़ के पानी से पूरी तरह बर्बाद हो गई. नगला वजीर गांव के रहने वाले किसान राज कपूर का कहना है कि उन्होंने गोभी की फसल लगाई थी जो बाढ़ के पानी से पूरी तरीके से गल चुकी है. उन्हें 2 लाख का नुकसान पहुंचा है.
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गंगा नदी फर्रुखाबाद जनपद में खतरे के निशान 33 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. राजेपुर -अमृतपुर मार्ग पर वाहनों का आवागमन प्रभावित हुआ है. नरौरा बांध से छोड़े गए 3.17 लाख क्यूसेक पानी से जलस्तर 137 मीटर से ऊपर पहुंच चुका है. वही जनपद में रामगंगा नदी का जलस्तर भी बढ़ने लगा है. गंगा नदी के बढ़ रहे जलस्तर से अकेले फर्रुखाबाद ही नहीं बल्कि बदायूं ,कानपुर, उन्नाव जैसे जनपद में भी हालात सामान्य नहीं है. इसके अलावा कासगंज में भी गंगा नदी का पानी दर्जन भर से ज्यादा गांव में घुस चुका है.
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