चमोली में बीते दिन हुई बर्फबारी के बाद एक बार फिर तापमान में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. चमोली जिले की नीती घाटी इन दिनों पूरी तरह से जम गई है. यहां का तापमान -10 से भी नीचे चला गया है और हर जगह पानी की एक-एक बूंद जम गई है. यहां तक कि भगवान शिव का बैल नंदी भी मंदिर में पूरी तरह जमे हुए नजर आते हैं. ऐसे में पूरी गुफा में पानी की हर बूंद के जम जाने से पहाड़ी पर पाले की कंटीली आकृतियां नजर आने लगती हैं. ऐसे में ये नजारा हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है.
नीती घाटी जहां स्थानीय लोगों ने सर्दियों के दौरान अपना शीतकालीन प्रवास शुरू कर दिया है. ऐसे में इस समय नीति घाटी में हर तरफ बर्फबारी के साथ कड़ाके की ठंड देखने को मिल रही है.
बहते नाले, झरने, नदियां सब जम गए हैं और अब कड़ाके की ठंड का असर मंदिरों में भी देखने को मिल रहा है. यह भोलेनाथ की गुफा है जहां भगवान शिव के बैल नंदी को भी बर्फ में तब्दील होते देखा जाता है. तो यहां गुफा पूरी तरह से बर्फ की कंटीली आकृतियों से सजी हुई नजर आती है. ऐसा लगता है मानों भगवान शिव ने बर्फ के रूप में अपना आशीर्वाद यहां बिखेर दिया हो. तापमान माइनस 10 डिग्री से भी ज्यादा गिर गया है और दिन में भी यहां का तापमान माइनस में रहता है. ऐसे में यहां कड़ाके की ठंड देखने को मिल रही है. ऐसे में पानी की एक-एक बूंद जम गई है और मौसम बदलते ही यहां बर्फबारी देखने को मिल रही है. यहां पहुंचे पर्यटक भी काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं.
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इस मंदिर को हर कोई बाबा बर्फानी के नाम से जानता है. ऐसे में अब गुफा में हर तरफ बर्फ ही बर्फ नजर आ रही है और अलग-अलग शिवलिंग बर्फ के आकार में तब्दील हो रहे हैं. शीत ऋतु में भोलेनाथ का शिवलिंग यहां बाबा बर्फानी के रूप में विराजमान रहता है. और गर्मियों में यहां भोलेनाथ के शिवलिंग की पूजा की जाती है. ऐसे में अब यहां कड़ाके की ठंड का असर देखने को मिल रहा है. जहां भोलेनाथ बाबा बर्फानी के रूप में विराजमान होने वाले हैं. उसी गुफा में भोलेनाथ की जटाएं फैली हुई दिखाई देती हैं.
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