हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के ऊंचे इलाकों में अलग-अलग स्थानों पर हल्की बर्फबारी हुई. इससे सेब उत्पादक किसानों के चेहरे खिल गए. किसानों का कहना है कि यदि इसी तरह से बर्फबारी जारी रही, तो सेब की फसल को काफी फायदा होगा. वहीं, बर्फबारी से हिमाचल प्रदेश में शीतलहर बढ़ गई है. लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. ऊपरी शिमला क्षेत्र के नारकंडा और खदराला में बुधवार रात को 5 सेमी बर्फबारी दर्ज की गई, जबकि मंडी, सुंदरनगर और नालागढ़ में घना कोहरा छाया रहा, जिससे दृश्यता 500 मीटर तक कम हो गई और सुबह के समय यातायात बाधित हो गया.
कई स्थानों पर न्यूनतम तापमान हिमांक बिंदु के आसपास रहा, जबकि सुमदो और कल्पा में न्यूनतम तापमान शून्य से 5.8 डिग्री और शून्य से 3.6 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. इसी तरह नारकंडा, मनाली, भुंतर, मंडी और सुंदरनगर में तापमान शून्य से क्रमश: 1.2 डिग्री, 0.2 डिग्री, 0.4 डिग्री, 1.1 डिग्री और 1.3 डिग्री नीचे दर्ज किया गया. वहीं, सोलन और ऊना में रात का तापमान 2.2 डिग्री, शिमला में 3.1 डिग्री दर्ज किया गया. स्थानीय मौसम विज्ञान केंद्र ने निचली पहाड़ियों में घने कोहरे की चेतावनी दी है और 24 जनवरी तक इस क्षेत्र में शुष्क मौसम की भविष्यवाणी की है.
कहा जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश के सभी 12 जिलों में जनवरी महीने के दौरान 100 प्रतिशत कम बारिश हुई है. किसान और सेब उत्पादक चिंतित हैं, क्योंकि लंबे समय तक सूखा रहना नवंबर और दिसंबर के शुरुआती महीनों में बोई जाने वाली रबी फसलों के लिए बहुत हानिकारक है. वहीं, शुष्क मौसम और सामान्य से अधिक तापमान सेब की फसल के लिए अनुकूल नहीं है. क्योंकि सर्दियों के दौरान नमी और ठंड के घंटों की आवश्यकता होती है.
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बता दें कि पिछले हफ्ते खबर सामने आई थी कि हिमाचल प्रदेश में दिसंबर में 83 फीसदी कम बारिश हुई, जबकि जनवरी में अब तक 100 फीसदी कम बारिश हुई है. शुष्क और गर्म मौसम के जारी रहने का मौसम विभाग का पूर्वानुमान लोगों को चिंता में डाल रहा है, क्योंकि इससे फसलों को नुकसान हो रहा है. इसके अलावा, कम बारिश से गर्मियों में पानी की भी कमी हो सकती है.
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