बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान मंडौस का खतरा प्रबल है. धीरे-धीरे इसकी तेजी बढ़ रही है और 8 दिसंबर को तमिलनाडु के कई जिलों में भारी बारिश और आंधी की आशंका है. तूफान के खतरे को देखते हुए सरकार और आपदा मोचन बल ने तैयारी तेज कर दी है. इसी सिलसिले में केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (NCMC) की बैठक हुई, जिसमें बंगाल की खाड़ी में आने वाले संभावित चक्रवाती तूफान का सामना करने को लेकर केंद्रीय मंत्रालयों/एजेंसियों और राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों की तैयारियों का जायजा लिया गया.
भारतीय मौसम-विज्ञान विभाग के महानिदेशक ने समिति को बंगाल की खाड़ी में मौसमी हालात की मौजूदा स्थिति के बारे में बताया. चक्रवाती तूफान के बारे में संभावना जताई गई कि यह पश्चिम-उत्तरपश्चिम की तरफ बढ़ सकता है. साथ ही बुधवार शाम तक यह दक्षिण पूर्वी बंगाल की खाड़ी के ऊपर दबाव बना सकता है. इसके बाद, संभावना है कि यह पश्चिम-उत्तरपश्चिमी दिशा में बढ़ जाएगा और सात दिसंबर की शाम तक चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा.
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बताया है कि चक्रवात उत्तरी तमिलनाडु-पुडुचेरी से दूर दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी में पहुंचेगा और आठ दिसंबर की सुबह तक पड़ोसी दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों पर चक्रवाती हालात बन सकते हैं. वहां से यह पश्चिम-उत्तरपश्चिमी दिशा में बढ़ता रहेगा और अगले 48 घंटों में उत्तरी तमिलनाडु-पुडुचेरी और पड़ोसी दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों पर छा जाएगा.
आंध्र प्रदेश, तमिलाडु के मुख्य सचिवों और पुडुचेरी के वरिष्ठ अधिकारियों ने समिति को अपनी तैयारियों के बारे में बताया कि चक्रवाती तूफान के संभावित रास्ते में आने वाली आबादी की सुरक्षा के क्या उपाय किए जा रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि स्थानीय प्रशासन इसके तमाम उपाय कर रहा है, जिसके तहत मछुआरों को आगाह कर दिया गया है कि वे समुद्र में न जाएं और जो लोग समुद्र में गए हैं, उन्हें वापस बुलाया जा रहा है. इमरजेंसी सर्विस को भी चौकस कर दिया गया है.
तमिलनाडु के लिए एनडीआरएफ की पांच टीमें और पुडुचेरी के लिए तीन टीमों को तैयार कर दिया गया है कि जब उनकी जरूरत पड़े, वे तैनात हो जाएं. आंध्रप्रदेश के लिए कुछ टीमों को भी चौकस कर दिया गया है, ताकि राज्य की ओर से जरूरत पड़ने पर वे हरकत में आ जाएं. सेना और नौसेना की बचाव और राहत टीमों को भी जहाजों और जहाजों के साथ चाक-चौबंद कर दिया गया है. तटरक्षक भी अपने जहाजों के साथ तैयार हैं.
राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय एजेंसियों की तैयारियों का जायजा लेते हुए राजीव गौबा ने जोर दिया कि राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और संबंधित केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर रोकथाम और सजगता उपाय किए जाएं. लक्ष्य यह हो कि कोई जनहानि न होने पाए और संपत्ति का कम से कम नुकसान हो, जिनमें बिजली और संचार सुविधाएं शामिल हैं. अगर इन इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचता है, तो फौरन इन्हें बहाल किया जाए. कैबिनेट सचिव ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को भरोसा दिलाया कि सभी केंद्रीय एजेंसियां चौकस हैं और सहायता के लिए तत्पर हैं.
चक्रवाती तूफान से तटीय इलाकों के अलावा मौदानी इलाकों में भी नुकसान हो सकता है. खासकर खेती को बड़ी क्षति हो सकती है. खतरे को देखते हुए आईएमडी (IMD Forecast) ने संभावित खतरों के प्रति आगाह किया है और बचने की नसीहत दी है.
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