Success Story: रेडीमेड कपड़ों का बिजनेस छोड़ खेत में उगाए कई तरह के फल, देखते-देखते बदल गई ज‍िंदगी

Success Story: रेडीमेड कपड़ों का बिजनेस छोड़ खेत में उगाए कई तरह के फल, देखते-देखते बदल गई ज‍िंदगी

प्रगतिशील किसान श्रवण सिंह के खेतों में उगे सिंदूरी अनार के दीवाने हैं अरब के शेख. खेती से करते हैं सालाना 40 लाख से ज्यादा की कमाई.  श्रवण सिंह ने बताया क‍ि उनके खेतों में उगे फलों की क्वालिटी यूरोप एक्सपोर्ट होने लायक भी है. यह लैब टेस्ट में प्रमाणित हो चुका है.

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Success Story: रेडीमेड कपड़ों का बिजनेस छोड़ खेत में उगाए कई तरह के फल, देखते-देखते बदल गई ज‍िंदगीअनार की खेती से किसान हो रहा है अच्छा मुनाफा

राजस्थान में सिरोही जिले के एक प्रगतिशील किसान ने अपनी मेहनत, लगन और खेती में नवाचार के जरिए विदेशों तक अपनी सफ़लता का परचम लहराया है. इनके फॉर्म हाउस के सिंदूरी अनार के तो दुबई के शेख भी दीवाने हैं. सिर्फ अनार ही नहीं, इनके फॉर्म हाउस में नींबू, आम, चीकू और खीरे की स्पेशल वैरायटी भी उगाई जा रही है. सिरोही के रुखाडा गांव के ये प्रगतिशील किसान श्रवण सिंह हैं जो कि ग्रेजुएट हैं. वे खेती करने से पहले रेडीमेड कपड़ों का शो रूम चलाया करते थे. लेकिन फिर अचानक रेडीमेड कपड़ों के व्यवसाय को बंद कर पूरी तरह से खेती में रम गए. कुछ साल की मेहनत से खेती में अपना नाम जमा लिया. खेतों में उगे फलों से ये प्रगतिशील किसान अभी सालाना 40 लाख रुपये की आय ले रहे हैं.

सिरोही जिले के रुखाडा गांव के किसान श्रवण सिंह जिले भर के किसानों के लिए प्रेरणा बने हुए हैं. उसकी वजह है उनके खेतों में उगाए जा रहे सिंदूरी अनार, नींबू, आम, अमरूद और चीकू के फलों से लदी हुई फसल. इन फलों की खेती ने श्रवण सिंह को प्रगतिशील किसानों की पंक्ति में लाकर खड़ा कर दिया है. दरअसल, खेती में सफलता का झंडा गाड़ने से पहले श्रवण सिंह रेडीमेड कपड़ों का व्यापार किया करते थे. श्रवण सिंह का कहना है क‍ि उन्हें उस व्यापार में मेहनत के अनुरूप रिटर्न नहीं मिल रहा था. उसी दौरान खाली समय में वे खेती की तरफ मुड़े और अपनी पुश्तैनी जमीन को डेवलप करने का प्रयास किया.

अनार एक्सपोर्ट करते हैं क‍िसान 

श्रवण सिंह ने बताया क‍ि उन्होंने पहले पपीते की फसल लगाई थी. इसमें उन्हें तीसरे प्रयास में 17 से 18 लाख प्रॉफिट हुआ था. उसके बाद उन्होंने वर्ष 2011 में 12 हेक्टेयर में नींबू के पौधे लगाए. उसके बाद वर्ष 2013 में अनार का प्लांटेशन शुरू किया. अनार का प्रोडक्शन दो साल में शुरू हो गया था. उसमें उन्हें अच्छी खासी सफलता मिली. श्रवण सिंह बताते हैं क‍ि साल भर में चार सीजन में फल की फसल होती है. वे प्रमुखता से अनार एक्सपोर्ट करते हैं जो दुबई, बांग्लादेश और नेपाल तक जाता है.

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खेत पर ही होती है पैकेजिंग

श्रवण सिंह ने बताया क‍ि फ्रूट की पैकिंग फार्म हाउस पर होती है. बहुत से खरीदार यहां आकर खरीद के भी ले जाते हैं. उनका दावा है क‍ि उनका रिलायंस फ्रेश, देहात सुपरमार्केट और जैन इरीगेशन जैसी कंपन‍ियों से टाइप अप रहता है. श्रवण सिंह ने बताया क‍ि उनके खेतों में उगे फलों की क्वालिटी यूरोप एक्सपोर्ट होने लायक भी है. यह लैब टेस्ट में प्रमाणित हो चुका है.

अनार के लगाए पांच हजार पौधे 

फिलहाल, श्रवण सिंह के खेतों में पांच हजार पौधे अनार के हैं. इतने ही पोधे उन्होंने अपने भाई के फॉर्म हाउस पर लगा रखे हैं. इसके अलावा ताइवान पिंक अमरूद, गुजरात के जूनागढ़ से लाकर केसर आम की एक ख़ास किस्म भी लगाई हुई है. इन्हें केसर और मल्लिका नाम से जाना जाता है. यही नहीं वो अपनी खेतों में ऑर्गेन‍िक तरीके से खीरा और अमरूद भी उगाते हैं. साथ ही अंगूर की खेती का भी प्रयोग कर रहे हैं. स‍िंह का दावा है क‍ि उनके खेतों के आम, नींबू और अमरूद 100 फीसदी ऑर्गेनिक हैं.(राहुल त्रिपाठी की रिपोर्ट)

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