लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा 2024 के नतीजे हाल ही में घोषित किए गए. इस नतीजे में कोल्हापुर जिले की कागल तहसील के यमगे गांव के बिरदेव डोणे ने देश में 551वीं रैंक हासिल कर सफलता हासिल की. इस परीक्षा का नतीजा आ गया लेकिन बिरदेव डोणे अभी भी कर्नाटक के बेलगाम में बकरियां पालने में व्यस्त थे. बिरदेव ने कहा कि वह यह मुकाम केवल बकरी भेड़ मौली द्वारा समय मिलने पर की गई सेवा और उनसे प्राप्त आशीर्वाद के कारण ही प्राप्त कर पाए हैं.
'यूपीएससी' अधिकारी बिरदेव डोणे द्वारा ली गई भेड़-बकरी की फोटो और उनके रिश्तेदारों द्वारा उन्हें सम्मानित किए जाने की फोटो सोशल मीडिया के जरिए वायरल हो गई है. इस फोटो की हर तरफ चर्चा हो रही है. केंद्र में 10वीं और 12वीं की परीक्षा में प्रथम स्थान हासिल करने के साथ ही वे पुणे में सिविल इंजीनियरिंग विभाग में उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सफल रहे. इसके बाद उन्होंने दिल्ली में दो साल तक संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी की और दो परीक्षाएं दीं. तीसरे प्रयास में भी उन्हें सफलता मिल गई.
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ओमकार खुंटले, ज्ञानेश्वर मुखेकर ने यूपीएससी परीक्षा जीती बिरदेव को परिणाम के बारे में पता नहीं था, लेकिन उन्हें पता था कि यह किस समय घोषित किया जाएगा, उनके दोस्त ने फोन करके कहा, 'दोस्त, तुम जीत गए हो, तुम्हारा नाम सूची में है'. इस समय, बीरू अपनी बकरियों के बाल काटने में व्यस्त था. वह खुश था कि वह सफल हुआ, लेकिन काम को एक तरफ नहीं रख सकता था. काम खत्म करने के बाद, उसने यह कहानी अपने रिश्तेदारों को बताई. जिस जगह पर एक हजार से अधिक बकरियों का झुंड था, फिलहाल बिरदेव अपने चाचा और मेरी बकरियों की देखभाल कर रहा था. यह मेरे माता-पिता, शिक्षकों, चाचा और रिश्तेदारों के सहयोग के कारण ही संभव हो पाया, जिसकी वजह से मैं यह काम आसानी से कर पाया. उन्होंने यह बात कही. संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करने वाले बिरदेव डोणे ने अपनी भेड़ मौली उठाकर अपनी खुशी मनाई.
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परीक्षा के बारे में ध्यान से पढ़ाई की और सफलतापूर्वक उसका सामना किया. लोग पूछ रहे हैं कि मैं गांव कब आऊंगा. हालांकि, मैं गांव कब जाऊंगा, इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है. परिणाम घोषित हुए दो दिन बीत चुके हैं, लेकिन जब उनसे पूछा गया कि क्या वो अभी भी बकरियों की सेवा में व्यस्त हैं, तो उन्होंने कहा कि यह मेरा पारंपरिक व्यवसाय है और इसे बनाए रखना जरूरी है. आज तक हमारा परिवार इस पर निर्भर है, इसलिए मेरे लिए इस व्यवसाय को तुरंत छोड़ना मुश्किल है. मुझे अपनी भेड़ों से प्यार है. मैंने अब तक उनकी सेवा की है और मुझे सफलता के रूप में फल मिला है, बिरदेव डोणे ने कहा. कर्नाटक राज्य के बेलगाम के भवानीनगर में भेड़ और बकरियां खुली जगह पर मौजूद हैं, कुछ लोग वहां बिरदेव डोणे के परिवार को शुभकामनाएं देने गए हैं. (दीपक सूर्यवंशी का इनपुट)
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