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![किसान केशव बाग में आम के साथ ही सब्जियां उगा रहे हैं और मुर्गी-बकरी पालन भी कर रहे हैं. किसान केशव बाग में आम के साथ ही सब्जियां उगा रहे हैं और मुर्गी-बकरी पालन भी कर रहे हैं.](https://akm-img-a-in.tosshub.com/lingo/ktak/images/story/202405/6655dcde43485-ranchi-farmer-keshav-integrated-farming-28321342-16x9.jpg?size=948:533)
केंद्र सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए उन्हें प्रोत्साहित कर रही है. एकीकृत खेती या समेकित खेती विधि किसानों के लिए कमाई बढ़ाने का सबसे सुलभ जरिया बनकर उभरी है. इसका जीता-जागता उदाहरण रांची के किसान केशव फरमिंग हैं. वह बाग में आम का उत्पादन करने के साथ ही सब्जियां उगाते रहे हैं और मुर्गी पालन, बकरी पालन भी कर रहे हैं. इससे एक ही जगह पर कमाई के लिए आसानी से कई साधनों को उपयोग किया जा रहा है. बुजुर्ग किसान ने बताया कि एकीकृत खेती की वजह से वह सालाना 5 लाख रुपये तक की कमाई कर पा रहे हैं.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के रांची केन्द्र किसानों को एकीकृत खेती के लिए प्रेरित करने के साथ ही उन्हें सस्ती कीमत में बीज और उर्वरक उपलब्ध करा रही है. फार्मर फर्स्ट प्रोग्राम के तहत 2016 से रांची केंद्र से जुड़े पिंडारकोम गांव के किसान केशव फर्मीन एकीकृत खेती के जरिए अपनी कमाई बढ़ाकर खुश हैं. एकीकृत कृषि प्रणाली का मतलब खेती की उस विधि से है जिसमें फसल उत्पादन, मवेशी पालन, फल तथा सब्जी उत्पादन, मधुमक्खी पालन, वानिकी का एक साथ उत्पादन किया जाता है. इससे किसान की लागत और समय की बचत होती है, जबकि कमाई के साधन बढ़ जाते हैं.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अनुसार झारखंड के रांची में पिंडारकोम कुटियातु गांव के निवासी केशव फर्मीन ने बताया कि वह 2016 से संस्थान के प्रोग्राम फार्मर फर्स्ट से जुड़े हुए हैं. जिसमें उन्हें खेत में सब्जी के साथ-साथ बागवानी करने, आम के पेड़ लगाने और पशुपालन की जानकारी दी गई है. सेंटर के जरिए उन्हें बताया गया कि इससे उनकी आमदनी बढ़ेगी. बुजुर्ग किसान ने कहा कि मैं अपने बागान में आम के साथ सब्जी उगाता हूं और मैंने मुर्गी पालन भी किया है, साथ ही बकरियों का पालन भी कर रखा है.
बुजुर्ग किसान केशव फर्मीन ने कहा कि एकीकृत खेती करने से उन्हें बाजार से सब्जी खरीदनी नहीं पड़ती है. जबकि, फसल बिक्री के साथ ही मुर्गी और बकरियों के जरिए उनकी आमदनी बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि सब्जी के बीज आईसीएआर केंद्र से मिल जाते हैं, उसे बाजार से खरीदना नहीं पड़ता है. किसान केशव ने एकीकृत खेती के जरिए अपनी आमदनी पर बताया कि वह साल में 4-5 लाख रुपये कमा लेते हैं.
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