scorecardresearch
Torai Farming: तोरई की खेती से मोटी कमाई कर रहे लखनऊ के रामलाल, जानिए 3 महीने की इनकम

Torai Farming: तोरई की खेती से मोटी कमाई कर रहे लखनऊ के रामलाल, जानिए 3 महीने की इनकम

63 साल के किसान रामलाल ने बताया कि हम लोग चार भाई है, सभी मौसमी सब्जियों की खेती करते है. उन्होंने आगे बताया कि कम खर्चे में तोरई की खेती को किया जा सकता है और कम ही पानी की जरूरत होती है.

advertisement
 लखनऊ के मड़ियांव गांव के रहने वाले किसान रामलाल (Photo-Kisan Tak) लखनऊ के मड़ियांव गांव के रहने वाले किसान रामलाल (Photo-Kisan Tak)

Lucknow News: आधुनिकता के इस दौर में सब्जी इन दिनों मुनाफे का सौदा साबित हो रही है. कई किसान इससे सीजन में अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. किसान उन्नत वैरायटी का बीज बाजार से लाकर तोरई की खेती कर रहे हैं. इसी कड़ी में राजधानी लखनऊ के मड़ियांव गांव के रहने वाले किसान रामलाल महज तीन महीने में तोरई की खेती से 4-5 लाख रुपये की आय कर रहे हैं. किसान तक से बातचीत में रामलाल ने बताया कि वो बीते 40 सालों से तोरई की खेती कर रहे हैं. हर सीजन में 1 से 1.5 लागत लगाने के बाद 4 से 5 लाख रुपये की इनकम हो जाती है.

एक सीजन में 150 क्विंटल तोरई का उत्पादन

उन्होंने बताया कि पहले तोरई की फुटकर बिक्री 80 से 90 रुपये प्रति किलो थी, लेकिन आज तोरई 30 से 40 रुपये की रेट से बाजार में बिक रही है. किसान रामलाल बताते हैं कि 2 बीघे पक्के में हम तोरई की पैदावार कर रहे है.एक सीजन में 150 क्विंटल तोरई का उत्पादन होता है. हमारा सारा माल लखनऊ की तेड़ी पुलिया सब्जी मंडी में खपत हो जाता है, जो बचता है वो हम फुटकर बेचकर मुनाफा कमा लेते है.

खेते में तोरई को तोड़ते किसान रामलाल
खेते में तोरई को तोड़ते किसान रामलाल

63 साल के किसान रामलाल ने बताया कि हम लोग चार भाई है, सभी मौसमी सब्जियों की खेती करते है. उन्होंने आगे बताया कि कम खर्चे में तोरई की खेती को किया जा सकता है और कम ही पानी की जरूरत होती है. तोरई की खेती को किट से बचाना एक चुनौती होती है. वहीं जमीन से ऊपर उगाई गई तोरी का रेट भी अच्छा मिलता है.

मंडी में बेचने के लिए तैयार तोरई
मंडी में बेचने के लिए तैयार तोरई

वहीं बुवाई से पहले 3-4 फीट की दूरी पर क्यारियां बनाया जाता है और मेड़ों पर 2 इंच गहराई में बीजों की बुवाई करते है. कैल्शियम, फॉस्फोरस, लोहा और विटामिन-ए के गुणों से भरपूर तोरई एक नकदी फसल भी है. इसकी बुवाई जून से जुलाई के बीच की जाती है. तोरई की फसल 70-80 दिनों में फल देना शुरू कर देती है.

तोरई में विटामिन की मात्रा अधिक

आपको बता दें कि तोरई की इस किस्म के फल का रंग हरा होता है. भारत में इस किस्म की खेती आमतौर पर ज्यादा की जाती है. इस किस्म के यदि फलों की बात करें, तो इसके फल का छिलका पतला होता है. तोरई की इस किस्म में विटामिन की मात्रा अधिक पायी जाती है.