Saharanpur News: सहारनपुर के मेरवानी में रहने वाले 69 साल के प्रगतिशिल किसान आदित्य त्यागी ने हरी की जगह लाल भिंडी (Red Ladyfinger) उगाकर आजकल चर्चाओं में हैं. इंडिया टुडे के किसान तक से बातचीत में किसान आदित्य त्यागी ने बताया कि भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी से वो लाल भिंडी के बीज लेकर आए थे. उन्होंने एक बीघे में लाल भिंडी की खेती की थी. उन्होंने बताया कि उसकी पैदावार बहुत अच्छी हुई है. बाजार में हरी भिंडी ₹40 प्रति किलो बिक रही है. वहीं लाल भिंडी ₹ 70 से ₹80 रुपये प्रति किलो के रेट से ग्राहक खरीद ले रहे है. त्यागी ने आगे बताया कि लाल भिंडी की डिमांड बहुत तेजी से बढ़ रही है. अगर किसान एक बीघे जमीन पर इसकी खेती करें तो एक सीजन में 10 से 15 क्विंटल लाल भिंडी का उत्पादन होगा. इस तरह आप सिर्फ एक सीजन में लाल भिंडी बेचकर 6-7 लाख रुपये तक कमा सकते हैं. ऐसे में बाकी किसान लाल भिंडी-1 किस्म की खेती कर लाखों का मुनाफा कमा सकते हैं.
उन्होंने बताया कि इसकी खेती भी हरी भिंडी की तरह ही की जाती है. लेकिन इससे कमाई ज्यादा होती है. लाल भिंडी का रेट हरी भिंडी से काफी ज्यादा है. जिसके कारण यह अभी तक आम लोगों की रसोई तक नहीं पहुंच पाया है. कई राज्यों में किसान लाल भिंडी की खेती भी कर रहे हैं. इसी तरह लाल भिंडी में हरी भिंडी की तुलना में अधिक विटामिन और पोषक तत्व पाए जाते हैं. ऐसे में अगर किसान इसकी खेती करेंगे तो उनकी आय में बढ़ोतरी होगी.
किसान आदित्य त्यागी बताते हैं कि लाल भिंडी में हरी भिंडी की तुलना में अधिक पोष्टिक तत्व पाए जाते हैं, खासकर एंथोसायनिन और एंटीऑक्सिडेंट की मात्रा अधिक रहती है. यह आहारीय फाइबर, प्रोटीन और आयरन, कैल्शियम और आयोडीन जैसे खनिजों से भी समृद्ध है. लाल भिंडी के एंटीऑक्सीडेंट गुण बीमारियों से बचाते हैं और इम्युनिटी में सुधार करता है. जिससे यह हरी भिंडी की तुलना में अधिक कीमतों के साथ अत्यधिक मांग वाली फसल बन जाती है.
उन्होंने बताया कि भिंडी औषधीय गुणों से भरपूर सब्जी है. इसमें बहुत ही फायदेमंद ऐसे तत्व पाए जाते हैं. हरी भिंडी तो आप सभी ने देखी होगी लेकिन एक लाल भिंडी भी आती है. हालांकि, लाल या हरे रंग से भिंडी से इसके पोषण पर कोई फर्क नहीं पड़ता है. भिंडी कई बीमारियों की रामबाण दवा है. इसे खाने से कई रोग खत्म हो सकते हैं.
सहारनपुर के प्रगतिशिल किसान आदित्य त्यागी ने बताया कि लाल भिंडी को हमने पूरी तरह ऑर्गनिक तरीके से उगाया हैं. क्योंकि हम किसी भी खेती में खतरनाक केमिकल डालकर पैदावार नहीं करते, वो सेहत के लिए बहुत हानिकारक है. बता दें कि सहारनपुर के मेरवानी में रहने वाले किसान आदित्य त्यागी 2015 में उत्तराखंड वन विभाग से फॉरेस्ट रेंजर के पद पर तैनात थे. अपने पद से रिटायर होने के बाद अब वो खेती-किसानी से घर बैठे लाखों रुपये की आय कर रहे हैं.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today