Cauliflower Farming: 3 बीघा में गोभी की खेती, 30 हजार रुपये खर्च, अच्छी-खासी हो रही कमाई

Cauliflower Farming: 3 बीघा में गोभी की खेती, 30 हजार रुपये खर्च, अच्छी-खासी हो रही कमाई

हरियाणा के फरीदाबाद में किसान धर्मवीर सैनी 3 बीघा में गोभी की खेती कर रहे हैं. धर्मवीर ने इस बार 15-22 वैरायटी लगाई है. हालांकि हर बार वो अलग-अलग वैरायटी आजमाते हैं. धर्मवीर सैनी पिछले 25 से 30 साल से गोभी की खेती कर रहे हैं. इसके अलावा वो खीरा और करेला की खेती भी करते हैं.

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3 बीघा में गोभी की खेती, 30 हजार रुपये खर्च, अच्छी-खासी हो रही कमाईCauliflower Farming (Photo/Meta AI)

मुनाफे वाली खेती करने के लिए तमाम किसान पारंपरिक खेती से हटकर कुछ कर रहे हैं. ज्यादातर किसानों को इसमें सफलता भी मिल रही है. इसकी वजह से उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो रही है. कई किसान सब्जी की खेती कर रहे हैं और अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं. ऐसे ही एक किसान धर्मवीर सैनी है, जो हरियाणा के फरीदबाद के रहने वाले हैं. वो गोभी की खेती करते हैं और इससे अच्छा-खासा मुनाफा कमाते हैं.

3 बीघा में गोभी की खेती-

किसान धर्मवीर सैनी बल्लभगढ़ के ऊंचा गांव के रहने वाले हैं. लेकिन खेती वो फरीदाबाद के सुनपेड़ गांव में करते हैं. उन्होंने जमीन पट्टे पर ली है. इस समय धर्मवीर ने 3 बीघा में गोभी की खेती कर रहे हैं. उन्होंने 15-22 वैरायटी लगाई है. धर्मवीर हर साल अलग-अलग वैरायटी आजमाते हैं. धर्मवीर गोभी के अलावा खीरा और करेला जैसी सब्जियों की खेती भी करते हैं.

25-30 साल से गोभी की खेती-

किसान धर्मवीर सैनी 25 से 30 साल से गोभी की खेती कर रहे हैं. इससे उनको अच्छा-खासा मुनाफा होता है. उनका कहना है कि अगर खेती अच्छे से की जाए तो खेती फायदे का सौदा है. इस साल धर्मवीर ने 3 बीघा खेत में गोभी की खेती की है. इसपर उन्होंने 30 से 35 हजार रुपए खर्च किए हैं. हिंदी डॉट न्यूज18 डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक किसान ने बताया कि मंडी में गोभी के अच्छे दाम मिल रहे हैं. मार्केट में गोभी 15 से 20 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बिक रहा है. धर्मवीर का कहना है कि इस खेती से उनका घर अच्छे से चल जाता है. 

कैसे होती है गोभी की खेती-

गोभी की खेती के लिए सबसे अच्छी मिट्टी दोमट या बलुई दोमट मिट्टी होती है. सबसे पहले खेत की अच्छी तरह से जुताई करनी चाहिए. खेत की 2-3 बार जुताई करनी चाहिए. इससे मिट्टी भुरभुरी हो जाती है. इसके बाद इसमें गोबर की सड़ी हुई खाद डालनी चाहिए. अगेती किस्मों के लिए जून-जुलाई में नर्सरी तैयार करना अच्छा है. जबकि पछेती किस्म के लिए अगस्त से मध्य सितंबर और अक्तूबर से नवंबर का पहला हफ्ता नर्सरी तैयार करने के लिए सबसे अच्छा है.

नर्सरी में तैयार पौधों को शाम के समय रोपाई करनी चाहिए. पौधों के बीच 12-18 इंच की दूरी होनी चाहिए. जबकि लाइन के बीच 2-3 फीट की दूरी होना अच्छा है. समय पर सिंचाई भी करनी जरूरी है. पानी बचाने के लिए प्लास्टिक या जैविक मल्च का इस्तेमाल कर सकते हैं. कीटों और बीमारियों से बचाव के लिए दवाई का छिड़काव करना चाहिए. गोभी की खेती 3 महीने में तैयार हो जाती है.

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