अंडमान के किसान ने आम की एक नई किस्म को विकसित किया है. यह आम पर्पल कलर का होने की वजह से खासा चर्चा में है. इसके फल का वजन 400 ग्राम तक होता है. किसान ने अपने आम को 'चिंता आम' (Chinta Mango ) नाम दिया है. यह काफी रसीला और मीठा है. 'चिंता आम' को पौधों की विविधता और किसान अधिकार संरक्षण प्राधिकरण नई दिल्ली (PPVFRA) में रजिस्टर किया गया है.
आईसीएआर- सेंट्रल आइलैंड एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट पोर्ट ब्लेयर (ICAR-CIARI) ने कहा है कि अंडमान निकोबार द्वीप समूह के रहने वाले प्रगतिशील किसान चिंताहरण विश्वास ने आम की नई किस्म 'चिंता आम' को विकसित किया है. उनके पास 100 आम के पेड़ का बगीचा है. उन्होंने खुद 'चिंता आम' को विकसित किया है. उनकी इस किस्म को पौधों की विविधता और किसान अधिकार संरक्षण प्राधिकरण नई दिल्ली (PPVFRA) के साथ रजिस्टर्ड किया गया है.
आईसीएआर पोर्ट ब्लेयर के अनुसार 'चिंता आम' पीपीवीएफआरए के तहत रजिस्टर होने वाली आम की पहली किस्म है. आम की यह किस्म मैंगीफेरा इंडिका प्रजाति से संबंधित है, जो आम की खेती के लिए उपयुक्त है. 'चिंता आम' का रंग पर्पल होने की वजह से यह दिखने में अनोखा है और आकर्षक भी है. जीनोटाइप की वजह से आम जब कच्चा होता है तभी से छिलके में पर्पल यानी बैंगनी रंग आने लगता है. हालांकि, इसका गूदा पीले रंग का ही होता है.
आईसीएआर-सीआईएआरआई के अनुसार इस आम की किस्म का फल बड़ा होते है और प्रत्येक फल का वजन 300-400 ग्राम तक होता है. यह आम रसीला होने के साथ ही बेहद मीठा है और इसमें कम फाइबर तत्व पाए जाते हैं. इस आम की एक और अनूठी खूबी यह भी है कि इसके मेल से बनाए जानी वाली नई किस्मों में इसकी शुद्धता को बनाए रखा जा सकता है. इस आम के गूदे में फाइटोकेमिकल, कैरोटीनॉयड, फ्लेवोनोइड, एस्कॉर्बिक एसिड और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं.
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