जल को संरक्षित करने एवं कृषि कार्यों को सुचारू रूप से चलाने, मछली पालन करने और अन्य कामों के लिए अलग-अलग सिंचाई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है. हम सब इस बात से रूबरू हैं कि जून-जुलाई आते ही जल का स्तर बहुत नीचे चले जाता है. जिसका सबसे अधिक खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है. ना समय पर किसान बुवाई कर पाते हैं ना हीं समय पर खेतों कि सिंचाई हो पाती है. इस समस्या को दूर करने के लिए सरकार लगातार इस पर काम कर रही है. इसी कड़ी में मध्य प्रदेश की सरकार नें किसानों के लिए बलराम तालाब योजना की शुरुआत की है.
वर्तमान में जल की स्थिति को देखते हुए यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि जल की स्थिति दिन प्रति दिन बिगड़ती जा रही है. जलवायु परिवर्तन की वजह से जलस्तर लगातार घटता जा रहा है. ऐसे में जल को संरक्षित करने एवं कृषि कार्यों को सुचारू रूप से चलाने, मछली पालन करने और अन्य कामों के लिए अलग-अलग जल संरक्षण योजना चलाई जा रही है. इसी कड़ी में आईए जानते हैं कि मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से चलाई जा रही है तालाब योजना क्या है और किसान कैसे इस योजना का फायदा उठा सकते हैं और कैसे इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं.
योजनाओं के तहत सिंचाई प्रक्रिया को और भी उपयोगी और आसान बनाने के लिए किसानों को सिंचाई के संसाधन, सिंचाई यंत्र आदि उपलब्ध करवाने और जल, भूमिगत जलस्तर को बढ़ाने के लिए तालाबों, नहरों आदि का निर्माण सरकार द्वारा किया जा रहा है. इसी क्रम में मध्य प्रदेश की सरकार नें किसानों के लिए बलराम तालाब योजना शुरू की है. तो आइये जानते हैं क्या है बलराम तालाब योजना जिसे बोलचाल की भाषा में बलराम ताल योजना भी कहते हैं.
इस योजना के तहत मध्य प्रदेश के किसानों को तालाब निर्माण के लिए सरकार सब्सिडी प्रदान करती है. इस योजना के तहत किसान तालाबों में वर्षा के जल को आसानी से संग्रहित कर समय-समय पर अपने खेतों की सिंचाई कर सकते हैं. बलराम योजना के तहत किसानों को कभी पानी की समस्या ना हो इस बात का ख़ास कर ध्यान रखा गया है. साथ ही इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि किसानों को कृषि कार्य में पानी की वजह से होने वाली समस्या के वजह से नुकसान ना उठाना पड़े और किसान अच्छी और उन्नत उत्पादन कर अच्छा मुनाफा कमा सकें. यह योजना किसानों की आय में वृद्धि करने में किसानों की मदद करता आया है.
इस योजना को और भी सफल बनाने के लिए मध्य प्रदेश राज्य सरकार ने प्रदेश में पहले से चल रही “बलराम ताल योजना” को भी प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत शामिल कर लिया है. अब किसान इस योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
मध्य प्रदेश बलराम ताल योजना को और भी प्रभावशाली बनाने के लिए बलराम तालाब योजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत शामिल कर दिया गया है. इस योजना के तहत किसानों के खेतों को दो भाग में बांट दिया जाएगा. जिसमें खेत के एक हिस्से को तालाब में बदल दिया जाएगा. कई सफल किसानों का कहना है कि तालाब ना सिर्फ सिंचाई के लिए बल्कि मछली पालन के लिए के भी अत्यंत उपयोगी है. अगर कोई किसान तालाब में मछली पालन का काम करता है तो वह उस पानी से सिंचाई भी कर सकता है.
यह आपके फसल में खाद का भी काम करता है. वो इस प्रकार की पानी में पल रही मछली खाने के बाद जो बचा हुआ खाना पानी में गिराती है और साथ ही उसका मल पानी को खनिज बना देता है, जिससे यह किसानों के लिए काफी लाभदायक साबित होता है. इस विधि यानी खेतों में तालाब बनवाने के लिए सरकार द्वारा किसानों को सब्सिडी भी प्रदान की जाती है. वर्षा के समय खुद ब खुद तालाबों में पानी इकठ्ठा हो जाता है जिस वजह से किसानों को उस समय दिक्कत नहीं होती जन वर्षा का अभाव होता है. इसके अलावा खेतों में ही तलाब होने से जलस्तर में गिरावट भी नहीं होती है.
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