रेलवे अगले साल 500 से अधिक Vande Bharat चलाएगा, सेफ्टी के लिए कोच में एंटी-इंजरी फिटिंग होगी 

रेलवे अगले साल 500 से अधिक Vande Bharat चलाएगा, सेफ्टी के लिए कोच में एंटी-इंजरी फिटिंग होगी 

भारतीय रेलवे अगले साल लगभग 500 वंदे भारत ट्रेनें शुरू करने की योजना बना रहा है. अलग-अलग कैटेगरी के 3,250 कोच बना रहा है. रेलवे ट्रेन कोच में एंटी-इंजरी फिटिंग करेगा ताकि यात्रियों की सुरक्षा को और बेहतर किया जा सके और किसी अनुहोनी पर उन्हें चोट लगने से बचाया जा सके.

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रेलवे अगले साल 500 से अधिक Vande Bharat चलाएगा, सेफ्टी के लिए कोच में एंटी-इंजरी फिटिंग होगी रेल दुर्घटनाओं की स्थिति में चोटों की संभावनाओं को कम करने के लिए ट्रेन कोच में एंटी-इंजरी फिटिंग लगाने की योजना बना रहा है.

ट्रेन यात्रियों के लिए एक अच्छी खबर यह है कि भारतीय रेलवे अगले साल लगभग 500 वंदे भारत ट्रेनें शुरू करने की योजना बना रहा है. इससे रेल यातायात और सुविधाजनक हो जाएगा. इसके अलावा रेलवे अपनी ट्रेनों के कोच में एंटी-इंजरी फिटिंग करेगा ताकि यात्रियों की सुरक्षा को और बेहतर किया जा सके. इस साल कुछ रेल दुर्घटनाओं में बड़े स्तर पर जान-माल के नुकसान के बाद रेलवे सुरक्षा बिंदुओं को लेकर काफी गंभीर है. 

TOI की रिपोर्ट में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) चेन्नई के महाप्रबंधक बीजी माल्या के हवाले से कहा गया है कि आईसीएफ अगले साल के लिए लगभग 500 से 550 वंदे भारत ट्रेनों का लक्ष्य बना रहा है. वंदे भारत ट्रेनों के प्रोडक्शन टारगेट के बारे में उन्होंने कहा कि इस वर्ष के लिए कुल 75 वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण की योजना है. इससे पहले रेलमंत्री अश्विनि वैष्णव कई मौकों पर वंदे भारत के 3 वर्जन अगले साल लॉन्च करने की बात कह चुके हैं. 

रिपोर्ट में कहा गया है कि रेलवे लगभग 1,700 एलएचबी कोच और 700 वंदे भारत कोच बनाने की योजना पर काम कर रहा है. बीजी माल्या ने टीओआई को बताया कि हमारे पास 750 ईएमयू कैटेगरी के कोच और लगभग 100 स्पेशल कोच का टारगेट मिला है. इस तरह से बनाए जा रहे कुल कोच की संख्या 3,250 है. वहीं, रेलवे आईसीएफ-डिजाइइन कोचों को लिंके हॉफमैन बुश (एलएचबी) कोचों से बदलने की योजना बना रहा है. ये कोच जर्मन डिजाइन के हैं और पटरी से उतरने की स्थिति में कोच को पलटने से रोकने के लिए एंटी-क्लाइंबिंग की सुविधा देते हैं. 

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रेलवे रेल दुर्घटनाओं की स्थिति में चोटों की संभावनाओं को कम करने के लिए ट्रेन कोच में एंटी-इंजरी फिटिंग लगाने की योजना बना रहा है. इसका उद्देश्य अप्रत्याशित घटनाओं या अचानक ब्रेक लगाने के दौरान कोच के भीतर टकराने से लगने वाली चोटों को रोकना है.वर्तमान में मेटल कोट हैंगर और खुरदुरे सामान रैक जैसी फिटिंग से यात्रियों को नुकसान होने का खतरा रहता है. इस चिंता को दूर करने के लिए रेलवे बोर्ड ने सभी कोच मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट को भविष्य के कोचों के लिए टूल्स खरीदते समय इस आवश्यकता पर विचार करने का निर्देश दिया है. रेलवे बोर्ड का यह निर्देश हाल ही में हुई बड़ी रेल दुर्घटनाओं की प्रतिक्रिया है, जिनमें काफी जानमाल की हानि हुई है. 
 

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