अकसर ऐसी शिकायतें सोशल मीडिया पर मिल जाती हैं कि ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान उन्हें गलत या खराब प्रोडक्ट दिया गया है. ग्राहक सही प्रोडक्ट पाने या रिफंड के लिए परेशान होता है, लेकिन संबंधित सर्विस प्रोवाइडर्स की ओर से 7 दिन तक में समस्या सुधार का हवाला दिया जाता है, लेकिन कई मामलों में ग्राहक को निराशा हाथ लगती है. ऐसे में ग्राहकों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने ऑनलाइन पोर्टल लाने जा रही है, जिस पर ग्राहकों को एनालिस्ट और एक्सपर्ट पैनल मिलेगा, जो उनकी समस्या को तुरंत हल कराएगा.
केंद्र सरकार उपभोक्ता शिकायतों को अधिक कुशलता से निपटाने के लिए ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च करने जा रही है. यह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म कंपनियों, सर्विस प्रोवाइडर्स और कंज्यूमर्स के लिए एक सामान्य इंटरफेस के रूप में काम करेगा, जो तुरंत समाधान के लिए एक्सपर्ट पैनल उपलब्ध कराएगा. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने तीन साल की अवधि के लिए ऑनलाइन विवाद समाधान (Online Dispute Resolution) प्लेटफॉर्म को डिजाइन, डेवलप और मैनेज करने के लिए एजेंसियों के लिए टेंडर जारी किए हैं. पोर्टल में एआई तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा.
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मंत्रालय ने बताया कि ऑनलाइन विवाद समाधान यानी ओडीआर प्लेटफॉर्म उपभोक्ताओं को महंगी और समय लेने वाली कानूनी कार्यवाही का सहारा लेने से पहले विवाद समाधान के लिए प्रारंभिक चैनल के रूप में कार्य करेगा. इसका उद्देश्य कम लागत प्रभावी, कुशल और सुविधाजनक समाधान प्रदान करना है ताकि ग्राहकों को अपने विवादों को ऑनलाइन हल करने की अनुमति मिल सके.मंत्रालय के अनुसार ऑनलाइन विवाद समाधान पोर्टल पर उपभोक्ता शिकायत दर्ज करा सकेंगे और पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन कर सकेंगे.
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वर्तमान में ग्राहकों की शिकायत निपटारे के लिए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH) का संचालन करता है. इससे उपभोक्ताओं को कॉल सेंटर और पोर्टल के माध्यम से शिकायत दर्ज करने की सुविधा मिलती है. रजिस्ट्रेशन के बाद इन शिकायतों को समाधान के लिए संबंधित विक्रेताओं, संस्थाओं या ई-कॉमर्स खिलाड़ियों को भेज दिया जाता है. यदि शिकायतकर्ता असंतुष्ट रहता है या समाधान नहीं किया जाता है तो उपभोक्ता शिकायत को उपभोक्ता आयोगों या अदालतों तक ले जाने का विकल्प चुन सकते हैं.वर्तमान में उपभोक्ता आयोगों के पास 5,00,000 से अधिक मामले लंबित हैं. इनमें ई-कॉमर्स सेक्टर से जुड़े विवाद सर्वाधिक हैं.
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