एक तरफ जहां बुधवार को ग्रेटर नोएडा में यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो की शुरुआत हो रही है तो वहीं इसी तर्ज पर नवंबर में "कृषि भारत मेले" का भी आयोजन किए जाने की तैयारी हो रही है. 15 से 18 नवंबर के मध्य राजधानी लखनऊ में प्रस्तावित इस मेले के माध्यम से प्रदेश के कृषि क्षेत्र में नवाचारों को प्रोत्साहित किया जाएगा. इंटरनेशनल ट्रेड शो की तरह ही इस आयोजन में भी पार्टनर कंट्री के रूप में नीदरलैंड्स को सम्मिलित किया गया है.
प्रस्तावित योजना के अनुसार 'कृषि भारत मेला' का आयोजन 20,000 स्क्वायर मीटर क्षेत्रफल में किया जाएगा. इसमें 200 से ज्यादा एक्जीबिटर्स के शामिल होने की संभावना है. साथ ही 1 लाख से अधिक अन्नदाता किसान भी इस आयोजन में शिरकत करेंगे. आयोजन के दौरान 10 से अधिक संगोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा, जबकि 4000 से अधिक कृषि आधारित बिजनेस से जुड़े लोग इसमें शामिल होंगे. वहीं आठ राज्यों के किसानों को भी इसमें शामिल होने का अवसर प्राप्त होगा.
इस आयोजन के माध्यम से कृषि क्षेत्र में हो रहे नए-नए नवाचारों को प्रोत्साहित किया जाएगा एवं अन्नदाता किसानों को इससे जुड़ने के लिए एक मंच प्रदान किया जाएगा. इन नवाचारों को प्रदर्शित करने के लिए अलग-अलग स्टॉल तैयार किए जाएंगे. इनमें एग्रीकल्चर टूरिज्म, सस्टेनेबिलिटी जोन, फार्मर वेलनेस जोन और यंग फार्मर्स जोन सम्मिलित होंगे.
सीएम योगी ने कहा कि कृषि के बाद यूपी में यह सर्वाधिक रोजगार सृजन करने वाला क्षेत्र है. यूपी में ऑनलाइन पंजीकरण के बाद यदि कोई एमएसएमई यूनिट आपदा का शिकार होती है तो राज्य शासन की तरफ से उसे पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराते हैं. प्रदेश में फ्लैटेड फैक्ट्री और निजी क्षेत्र में प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क के निर्माण की कार्रवाई तेजी के साथ बढ़ी है. ओडीओपी योजना की सफलता के साथ ही यूपी के पास सर्वाधिक 75 जीआई टैग हैं। प्रोत्साहन के अभाव में जो उत्पाद दम तोड़ रहे थे, आज उसे आगे बढ़ाने का कार्य हो रहा है. यूपी के अलग-अलग सेक्टर में भी अनेक कार्य हुए हैं. यूपी का जो प्रोडक्शन है, उन्हें भी शोकेस का अवसर यूपीआईटीएस उपलब्ध करा रहा है.
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