KCC: किसान क्रेडिट कार्ड और लोन बांटने में कर्नाटक दक्षिणी राज्यों में सबसे आगे

KCC: किसान क्रेडिट कार्ड और लोन बांटने में कर्नाटक दक्षिणी राज्यों में सबसे आगे

किसानों को खेती बाड़ी और अन्य कृषि कार्यों के लिए पैसों की जरूरत होती है. ऐसे में किसानों को कोई समस्या ना हो इसको ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी है. ऐसे में दक्षिण भारत के पांच राज्यों में, कर्नाटक सबसे आगे चल रहा है.

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KCC: किसान क्रेडिट कार्ड और लोन बांटने में कर्नाटक दक्षिणी राज्यों में सबसे आगे किसान क्रेडिट कार्ड

किसानों को दी जाने वाली सुविधा किसान क्रेडिट कार्ड दक्षिण भारत में काफी तेजी से बढ़ रहा है. दक्षिण भारत के पांच राज्यों में, कर्नाटक में सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और वाणिज्यिक बैंक के द्वारा जारी किए गए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की संख्या सबसे अधिक है. मार्च 2022 के अंत तक जारी किए गए कार्डों की कुल संख्या 47.37 लाख थी. वहीं कर्नाटक में तीन प्रकार के बैंकों द्वारा सभी केसीसी के तहत बकाया राशि ₹1,75,226.10 करोड़ थी.

क्या है किसान क्रेडिट कार्ड?

किसानों को खेती बाड़ी और अन्य कृषि कार्यों के लिए पैसों की जरूरत होती है. ऐसे में किसानों को कोई समस्या ना हो इसको ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी है. इस कार्ड के माध्यम से किसान सस्ती दरों पर सरकार से लोन लेकर अपना काम पूरा कर सकते हैं. किसानों के लिए इस हितकारी योजना की शुरुआत 1998 में की गयी थी. जिसका लाभ किसान आज भी उठा रहे हैं.

आंध्र प्रदेश दूसरे स्थान पर

कर्नाटक के बाद आंध्र प्रदेश अगले नंबर पर है. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा हाल ही में जारी "रिपोर्ट ऑन ट्रेंड्स एंड प्रोग्रेस ऑफ़ बैंकिंग इन इंडिया 2021-22" के अनुसार, आंध्र प्रदेश दूसरे स्थान पर है. यहां के सभी बैंकों ने 45.77 लाख केसीसी (56,125.33 करोड़) जारी किए, इसके बाद तेलंगाना - 42.73 लाख (40,611.34) करोड़), तमिलनाडु - 30.55 लाख (31,609.25 करोड़), और केरल - 19.37 लाख (27,953.85 करोड़) केसीसी जारी किए गए हैं.

एक्टिव केसीसी खाते की संख्या 

कर्नाटक में, 2022 में 2021 की तुलना में दो लाख अधिक परिचालन केसीसी (operational kcc) थे. जून 2020 तक, दक्षिणी क्षेत्र के लिए 90.9% की औसत की तुलना में कर्नाटक की ऋण वसूली दर 95.1% है. सहकारी बैंकों द्वारा जारी किए गए 17.44 लाख ऑपरेशनल कार्ड के साथ तमिलनाडु सबसे आगे है, इसके बाद आंध्र प्रदेश 15.35 लाख, तेलंगाना 9.28 लाख और केरल 6.67 लाख के साथ चल रहा है. मार्च 2022 तक परिचालन केसीसी (operational kcc) के तहत कर्नाटक में ₹1,44,511.43 करोड़ बकाया सहकारी बैंक थे, इसके बाद आंध्र प्रदेश में ₹12,136.26 करोड़, तमिलनाडु में ₹9,124.19 करोड़, तेलंगाना में ₹4,968.60 करोड़ और केरल में ₹5,324.11 करोड़ थे.

राज्यों में सक्रिय केसीसी की संख्या

तेलंगाना में 14.65 लाख के साथ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा जारी सबसे अधिक सक्रिय केसीसी हैं, इसके बाद आंध्र प्रदेश में 9.46 लाख, कर्नाटक में 6.68 लाख और केरल में 6.65 लाख कार्ड हैं.
कर्नाटक में वाणिज्यिक बैंकों द्वारा जारी किए गए 9.44 लाख सक्रिय केसीसी, केरल में 9.05 लाख, आंध्र प्रदेश में 20.96 लाख, तमिलनाडु में 12.73 लाख और तेलंगाना में 18.8 लाख सक्रिय केसीसी हैं.

मार्च 2022 के अंत तक, वाणिज्यिक बैंकों ने 19,013.66 करोड़, केरल ने 17,068.52 करोड़, आंध्र प्रदेश ने 32,420 करोड़, तमिलनाडु ने 21,982.65 करोड़ और तेलंगाना ने 22,946 करोड़ वितरित किए थे.

कर्नाटक में कुल 11,214 लाख मूल्य की 1,274 प्राथमिक कृषि साख समितियां हैं. शोध के अनुसार, 4,303 व्यवहार्य PACS (Primary Agricultural Credit Societies), 1,570 संभवतः व्यवहार्य PACS, 106 निष्क्रिय PACS, 50 निष्क्रिय PACS और 219 अतिरिक्त PACS हैं.

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