गुजरात सरकार ने किसानों के हित के एक और निर्णय लेते हुए उन्हें मिल रही सहायता में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है. किसानों की उपज को सुरक्षित रखने के लिए गुजरात सरकार मुख्यमंत्री फसल भंडारण संरचना योजना चलाती है. इस योजना के बारे में बात करते हुए कृषि मंत्री राघवजी पटेल ने कहा कि गुजरात के किसानों को अपने खेतों में भंडारण सुविधाएं स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री फसल भंडारण संरचना योजना लागू की गई थी. इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को अपने खेत में न्यूनतम 330 वर्ग फुट क्षेत्र की फसल भंडारण संरचना का निर्माण करना होगा, जिसके लिए राज्य सरकार द्वारा आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है.
किसानों को बाजार में उनकी उपज के अच्छे दाम मिल सकें, इसके लिए यह बहुत जरूरी है कि उपज की गुणवत्ता लंबे समय तक बनी रहे और उपज तभी बेची जाए, जब देश में फसल के दाम अच्छे हों. लेकिन, कई किसानों के पास कटाई के बाद उपज के लंबे समय तक भंडारण के लिए कोई उचित सुविधा नहीं थी. परिणामस्वरूप, किसानों को प्राकृतिक आपदाओं और बाजार में कम कीमतों के कारण आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता था. गुजरात के किसानों के इस दर्द को समझते हुए राज्य सरकार ने वर्ष 2021-22 में एक नई "मुख्यमंत्री फसल भंडारण संरचना योजना" लागू की.
इस योजना के तहत कुल लागत का 50 प्रतिशत या रु. 75,000 की सहायता दी जाती थी, जिसे बढ़ाकर अब 1 लाख रुपये किया गया है. मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने किसानों को अधिकतम सहायता दिलाने के लिए इस वर्ष सहायता राशि में वृद्धि की है. अब स्टोरेज ढांचा बनाने के लिए किसान को इस योजना के तहत कुल लागत का 50 प्रतिशत या 1 लाख रुपये में जो भी कम हो वह सहायता की जाएगी.
मुख्यमंत्री फसल भंडारण संरचना योजना के तहत 2021-22 से 2023-24 तक राज्य के 36,600 से अधिक किसानों को 184.27 करोड़ से रुपये अधिक का वितरण किया जा चुका है. मंत्री ने कहा कि सहायता राशि बढ़ाने के बाद इस वर्ष राज्य भर में कुल 13,982 किसानों को इस योजना के तहत फसल भंडारण संरचनाओं के निर्माण के लिए पूर्व-अनुमोदन दिया गया है.
यहां बता दें कि गुजरात के किसान इस योजना का लाभ उठाकर लगभग 16 से 17 मीट्रिक टन भंडारण क्षमता वाली 330 वर्ग फुट की इस संरचना में अपनी कृषि उपज को बारिश, तूफान, टिड्डियों और चोरी जैसी आकस्मिक आपदाओं से लंबे समय तक सुरक्षित रख सकेंगे. इतना ही नहीं, किसान इस भंडारण संरचना में कृषि कार्यों में उपयोग होने वाली विभिन्न सामग्रियों जैसे खाद, बीज, दवा, कृषि उपकरण, सिंचाई उपकरण और तिरपाल को भी व्यवस्थित रूप से संग्रहीत कर सकेंगे. परिणामस्वरूप किसानों की आय में भी वृद्धि होगी. (रिपोर्ट- ब्रिजेश दोशी)
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