हरियाणा के कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल ने कृषि एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों को ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल को 1 अक्तूबर से खोलने के निर्देश दिए हैं. ताकि किसान अपनी कपास की फसल में हुए नुकसान का ब्यौरा इस पोर्टल पर दर्ज करा सकें. कृषि मंत्री चंडीगढ़ में कृषि और राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक करके कपास की फसल में हुए नुकसान की समीक्षा कर रहे थे. ब्यौरा दर्ज किए बिना किसी भी किसान को मुआवजा न देने का प्रावधान है. इसलिए जिन किसानों की फसल का नुकसान हुआ है वो इस बात का ध्यान रखें. आपके ब्यौरा भरने के बाद पटवारी उसकी तस्दीक यानी वेरिफिकेशन करेगा. तब जाकर मुकावजा मिलेगा. इस साल बाढ़ और अतिवृष्टि की वजह से हरियाणा में बड़े पैमाने पर फसलों का नुकसान हुआ है. उसके बाद फसल पर गुलाबी सुंडी का अटैक हुआ है.
इसके अलावा, उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को कपास फसल के नुकसान का आकलन करते हुए रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए. ताकि राजस्व विभाग द्वारा आकलन रिपोर्ट के आधार पर फसल में हुए नुकसान पर वित्तीय सहायता प्रदान की जा सके. आपको यह भी जानना चाहिए कि हरियाणा में मुआवजे की रकम कितनी तय है. राज्य सरकार ने कहा है कि नुकसान की सीमा 25 से 50 प्रतिशत है तो 7000 रुपये प्रति एकड़ और 50 से 75 प्रतिशत नुकसान में 9000 रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा मिलेगा. लेकिन अगर 75 और इससे अधिक नुकसान है तो फसल की मुआवजा रकम 12500 रुपये प्रति एकड़ हो जाएगी.
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कृषि मंत्री ने कहा कि कपास में गुलाबी सुंडी के प्रकोप से हुए नुकसान की भरपाई के लिए हर गांव से 4 की बजाय 8 सैंपल लिए जाएं, ताकि नुकसान का सटीक आकलन किया जा सके. उन्होंने इसकी वीडियोग्राफी करने के भी निर्देश दिए ताकि फसल कटाई प्रयोगों के आधार पर कपास फसल में हुए नुकसान पर आर्थिक मदद प्रदान की जा सके.
बैठक में बताया गया कि राज्य में कलस्टर-2 के अधीन जिला अंबाला, करनाल, सोनीपत, हिसार, जींद, महेन्द्रगढ़ व गुरुग्राम में जिन किसानों का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसल बीमा नहीं हुआ उनके लिए राज्य सरकार द्वारा हरियाणा फसल सुरक्षा योजना को कपास फसल के लिए शुरू किया गया है. इसके तहत किसान 30 सितम्बर 2023 तक कृषि विभाग की बेवसाईट पर अपनी कपास की फसल का पंजीकरण मामूली शुल्क अदा कर फसल को सुरक्षित कर सकते हैं.
दलाल ने कहा कि मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल को भी 3 दिन तक तुरंत प्रभाव से खोलने का निर्णय लिया गया है. जिन किसानों ने अभी तक अपनी फसलों का ब्यौरा इस पोर्टल पर दर्ज नहीं किया है, वे किसान अपनी फसल का ब्यौरा पंजीकृत करवाकर फसल उत्पाद को सुगमता से बेच सकते हैं. बता दें कि हरियाणा में कोई भी फसल एमएसपी पर बेचने के लिए इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होता है. इस पर अगर फसल का ब्यौरा नहीं है तो मुआवजा भी नहीं मिलेगा.
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