आज पूरी दुनिया में भारत के अलग-अलग राज्यों में उगाई जाने वाली चाय बहुत फेमस है. भारत की असम, गुवाहाटी, दार्जिलिंग और जम्मू-कश्मीर की चाय के तो लोग दीवाने थे ही अब इस लिस्ट में बिहार का नाम भी जुड़ने जा रहा है. दरअसल अब राज्य के सरकारी कार्यालयों के बाबू यानी अधिकारी बिहार में उगाई जाने वाली चाय की चुस्की लेंगे. क्योंकि राज्य में उगाई जा रही चाय को प्रमोट करने के लिए कृषि विभाग ने यह फैसला लिया है. इसको लेकर जल्द ही कृषि विभाग टी इंडस्ट्री के लोगों के साथ एक बैठक करने जा रहा है. वहीं कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने ये भी बताया कि पहले किशनगंज में उगाई जा रही चाय की प्रोसेसिंग बंगाल में होती थी, लेकिन, अब राज्य में इसके लिए प्रोसेसिंग यूनिट खोली जाएगी.
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार के सभी अधिकारियों से कार्यालयों में बिहार की चाय का इस्तेमाल करने का आग्रह किया गया है. जिसे अधिकारियों और विभागों ने स्वीकार कर लिया है.
भारत के लगभग कई राज्यों में चाय का उत्पादन किया जाता है. इसमें अब बिहार भी शुमार हो गया है. दरअसल भारत में सबसे अधिक चाय उत्पादन के मामले में बिहार पांचवें स्थान पर है. वहीं किशनगंज के चार प्रखंडों के 25 हजार एकड़ में चाय की खेती की जा रही है. जहां से लगभग 20 लाख टन चाय का उत्पादन हो रहा है.
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कृषि मंत्री सर्वजीत ने कहा कि जल्द ही अपने अधिकारियों के साथ हम उन जिलों में जाएंगे और किसानों से बात करेंगे कि अच्छी फसल के लिए क्या करना चाहिए, जिससे ज्यादा से ज्यादा चाय उत्पादन हो सके. उन्होंने कहा कि बिहार की चाय की ब्रांडिंग कृषि विभाग खुद करेगा. किसानों से चाय पत्ती लेकर उसको बनाने और मार्केट में लाने तक की सारी जिम्मेदारी कृषि विभाग की होगा. हम लोग अभी तक असम और दार्जिलिंग में चाय की चुस्की लेते हैं, लेकिन वह दिन दूर नहीं जब बहुत जल्द पूरे देश में बिहार की चाय की खुशबू मिलेगी और लोग बिहार के नाम की चाय पिएंगे.
बिहार में चाय की खेती को अत्याधुनिक और सरल बनाने के लिए कृषि यंत्रों पर सरकार किसानों को सब्सिडी भी देगी. वहीं अहम बात ये है कि चाय के बागानों में काम करने वाली महिलाओं को ध्यान में रखकर कृषि यंत्र डिजाइन किए जाएंगे. ताकी महिलाएं इस यंत्र का आसानी से इस्तेमाल कर सकें.
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