
फसलों पर एमएसपी गारंटी कानून के साथ अन्य मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा (नॉन पॉलिटिकल) और किसान मजदूर मोर्चा के दिल्ली में हुए सम्मेलन के बाद किसान नेताओं से मिलने सांसद पहुंचे. आज 22 जुलाई को दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में चल रहे किसानों के राष्ट्रीय सम्मेलन में हरियाणा, पंजाब से कांग्रेस के कई सांसद और शिरोमणि अकाली दल की नेता और सांसद हरसिमरत कौर बादल भी पहुंचीं. राजनेताओं ने किसानों की बात सुनी और उनके मुद्दे को हल कराने में मदद करने का आश्वासन दिया है. वहीं, किसान नेताओं ने कहा कि राहुल गांधी से मुलाकात कर एमएसपी समेत अन्य मांगों पर चर्चा की जाएगी.
संयुक्त किसान मोर्चा (नॉन पॉलिटिकल) और किसान मजदूर मोर्चा का राष्ट्रीय सम्मेलन आज 22 जुलाई को दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में हुआ. किसान नेताओं ने सम्मेलन में कई बड़े ऐलान किए हैं. उधर, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में शंभू बॉर्डर खोलने से संबंधित सुनवाई टल गई. बताया गया है कि हरियाणा सरकार ने अदालत से अपना पक्ष रखने के लिए समय मांगा, जिसके बाद अदालत ने सुनवाई को 24 तारीख तक स्थगित कर दी. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने 10 जुलाई को शंभू बार्डर खोलने के आदेश दिए थे. जिसके खिलाफ हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी.
हरियाणा से कांग्रेस के सांसद जय प्रकाश, कांग्रेस सांसद वरुण मुलाना और लुधियाना से कांग्रेस के सांसद अमरिंदर सिंह राजा वारिंग और फतेहगढ़ साहिब से कांग्रेस के सांसद अमर मलकिअत सिंह किसान सम्मेलन में पहुंचे. इसके अलावा शिरोमणि अकाली दल की नेता और सांसद हरसिमरत कौर बादल भी किसानों से मिलने पहुंचीं हैं. इसके अलावा सुखजिंदर सिंह रंधावा, अरविंद सावंत, राजकुमार रोत, सैयद आगा रुहल्लाह मेहदी, विक्रमजीत साहनी, मालविंदर कांग ने कांस्टीट्यूशन क्लब में किसानों से मुलाकात की. नेताओं और किसानों के बीच फसलों पर एमएसपी समेत किसानों के अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई है. इन सभी नेताओं ने किसानों से जुड़ा मुद्दा उठाने का वादा किया है.
उधर, कुछ देर में कांग्रेस और बीजेपी विरोधी दलों के अन्य सांसद किसानों से मिलने कांस्टीट्यूशन क्लब पहुंचेंगे. दूसरी ओर, वाजपेयी सरकार में कृषि मंत्री रहे सोमपाल शास्त्री ने किसान आंदोलन को समर्थन दिया है. उन्होंने कहा कि एमएसपी की लीगल गारंटी की लड़ाई में वो किसानों के साथ हैं. अगर किसी भी बैठक में सरकार कहे कि इस फैसले से महंगाई बढ़ जाएगी तो किसान तुरंत उन्हें बुला लें. वो किसानों की लड़ाई लड़ेंगे.
किसानों से कांस्टीट्यूशन क्लब में मिलने आए 12 विपक्षी सांसदों ने कहा है कि अगर पूरा विपक्ष मिलकर एक प्राइवेट मेंबर बिल लाएगा तो उसका सरकार पर असर पड़ेगा, अलग-अलग बिल लाने से कोई असर नहीं दिखेगा. शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल एक प्राइवेट मेंबर बिल का ड्राफ्ट लेकर आई थीं. उन्होंने कहा कि इसमें जो बदलाव किसान साथी करना चाहते हैं वो कर दें, वो इस मुद्दे को उठाएंगी. हालांकि कुछ सांसदों ने कहा कि प्राइवेट मेंबर बिल महत्वपूर्ण नहीं है, महत्वपूर्ण यह है कि पूरा विपक्ष मिलकर किसानों का मुद्दा उठाए.
बिल को लेकर एक-दो दिन में फैसला हो जाएगा. पूरे विपक्ष की ओर से किसानों के मुद्दे पर एक प्राइवेट मेंबर बिल लाया जाएगा, लेकिन शून्यकाल में सभी मुद्दा उठाएंगे. इस बारे में एक-दो दिन में किसानों की विपक्ष के नेता राहुल गांधी से मुलाकात होगी. शिवसेना-उद्धव ठाकरे गुट के सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि किसान आंदोलन करने वालों को महाराष्ट्र के प्याज किसानों के संघर्ष को नहीं भूलना चाहिए.
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