तमिलनाडु में लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पूरी तरह से बाहर होने के बाद, पार्टी के अंदर असंतोष बढ़ने लगा है. यहां पर बीजेपी के कई नेता राज्य पार्टी अध्यक्ष के. अन्नामलाई की तरफ से चुनाव के लिए अपनाई गई रणनीतियों की खुलेआम आलोचना कर रहे हैं. हाल के चुनावों में बीजेपी को तमिलनाडु में कोई भी सीट नहीं मिली. अन्नामलाई को खुद द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के गणपति राजकुमार ने कोयंबटूर निर्वाचन क्षेत्र में 114,000 वोटों के अंतर से हराया है.
कुछ उम्मीदवारों के दूसरे स्थान पर रहने के बावजूद पार्टी के सामूहिक प्रदर्शन ने पार्टी के अंदर गंभीर बहस और असंतोष को जन्म दिया है. पार्टी के नेता कल्याण रमन ने एक्स पर पोस्ट किया कि साल 2014 की तुलना में साल 2024 में पार्टी का वोट शेयर कम हो गया था. दोनों ही बार जब पार्टी ने अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के साथ गठबंधन नहीं किया था. उन्होंने कहा कि साल 2014 में पार्टी का वोट शेयर 5.56 फीसदी था जबकि उसने नौ सीटों पर चुनाव लड़ा था. वहीं साल 2024 में पार्टी ने 23 सीटों पर चुनाव लड़ा और उसका वोट प्रतिशत 11.24 फीसदी ही रहा.
रमन का कहना है कि अगर अनुपात निकाला जाए तो बीजेपी को अपने 2014 के प्रदर्शन की बराबरी करने के लिए करीब 14.25 फीसदी वोट मिलना चाहिए था. रमन ने आगे दावा किया कि बीजेपी ने 2014 में केवल दो सीटों पर अपनी जमानत खोई थी, जबकि 2024 में 11 सीटों पर जमानत जब्त हुई है. उन्होंने कहा कि आम वोटर्स के सामने उसकी प्रतिष्ठा को भारी नुकसान पहुंचा है और खराब प्रबंधन और दयनीय राजनीतिक दुस्साहस है. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार अन्नामलाई को चार लाख से ज्यादा वोट मिले था जिससे वह कोयंबटूर सीट पर दूसरे नंबर के उम्मीदवार बन गए थे.
तमिलनाडु में बीजेपी लोकसभा चुनाव में अपनी पहली सीट नहीं जीत पाई है. नतीजों के बाद एक्स पर एक पोस्ट में आईपीएस से राजनेता बने अन्नामलाई ने लिखा था, 'मैं कोयंबटूर संसदीय क्षेत्र के लोगों के सामने नतमस्तक हूं और 4.5 लाख मतदाताओं को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने एनडीए और बीजेपी तमिलनाडु में अपना विश्वास जताया. आपने हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के विजन पर विश्वास किया. आपने कोयंबटूर संसदीय क्षेत्र के इतिहास में एनडीए के लिए ऐतिहासिक वोट दिए हैं और फिर भी हम जीत के आंकड़े से चूक गए.'
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