लोन राशि का इंतजार कर रहे 35 लाख किसानों की पैसे की जरूरत पूरी करने में दिक्कत होने की आशंका है. दरअसल, कर्नाटक सरकार ने राज्य के लिए लागू कृषि लोन से 4 गुना कम आवंटन पर केंद्र से नाराजगी जताई है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री से मुलाकात कर कृषि लोन की राशि बढ़ाने के मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है. बता दें कि नाबार्ड की ओर से राज्यों को कृषि लोन के रूप में तय धनराशि जारी की जाती है. नाबार्ड ने कर्नाटक को केवल 2,340 करोड़ रुपये ही पास किए हैं, जो बेहद कम है. ऐसे में उन किसानों की मुश्किल बढ़ सकती है जिन्होंन लोन के लिए आवेदन कर रखा है.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कृषि लोन आवंटन घटाए जाने को लेकर गुरुवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की. उन्होंने केंद्रीय मंत्री से हस्तक्षेप कर और वित्त वर्ष 2024-25 के लिए शॉर्टटर्म कृषि लोन की लिमिट बढ़ाने का आग्रह किया है. मुख्यमंत्री ने नाबार्ड की ओर से प्रस्तावित आवंटन में भारी गिरावट पर आपत्ति जताई. राज्य की लागू सीमा 9,162 करोड़ रुपये के मुकाबले केवल 2,340 करोड़ रुपये नाबार्ड ने मंजूर किए हैं. यह राशि पिछले साल के 5,600 करोड़ रुपये की तुलना में 58 फीसदी कम है.
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जोर देकर कहा कि कर्नाटक का टारगेट 2024-25 में 35 लाख किसानों को 25,000 करोड़ रुपये के शॉर्टटर्म लोन देने का है. 2023-24 में राज्य पहले ही सहकारी लोन इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिए से 22,902 करोड़ रुपये वितरित कर चुका है. राज्य सरकार ने कहा कि शॉर्टटर्म लोन लिमिट में भारी कटौती से कृषि सहयोग में काफी बाधा आ सकती है और संभावित रूप से खाद्यान्न उत्पादन प्रभावित हो सकता है. नाबार्ड ने आरबीआई से कम लोन आवंटन का कारण बताया.
कर्नाटक में अनुकूल मानसून की स्थिति के साथ किसान अपनी कृषि कार्यों के लिए बढ़े हुए लोन राशि मिलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. ऐसे में अगर किसानों को लोन राशि नहीं मिली तो खेती से जुड़े काम बाधित होने की आशंका है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने वित्तमंत्री सीतारमण से अनुरोध किया है कि वे नाबार्ड और आरबीआई को शॉर्टटर्म कृषि लोन सीमा पर फिर से विचार करने और इसे बढ़ाने का निर्देश दें.
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