किसानों के प्रदर्शन में बवाल, पुलिस ने चलाई लाठियां और आंसू गैस के गोले दागे, किसानों ने बरसाए ईंट-पत्थर 

किसानों के प्रदर्शन में बवाल, पुलिस ने चलाई लाठियां और आंसू गैस के गोले दागे, किसानों ने बरसाए ईंट-पत्थर 

पंजाब के बठिंडा में अधिक मुआवजे की मांग को लेकर विरोध कर रहे किसानों और पुलिस के बीच कहासुनी के बाद हाथापाई हो गई. कथित तौर पर किसानों के पथराव करने के बाद पुलिस ने लाठियां चलाईं. किसानों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले भी दागने पड़े. इलाके में तनाव बना हुआ है. 

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किसानों के प्रदर्शन में बवाल, पुलिस ने चलाई लाठियां और आंसू गैस के गोले दागे, किसानों ने बरसाए ईंट-पत्थर भूमि के मुआवजे को लेकर विरोध कर रहे किसानों और पुलिस के बीच कहासुनी के बाद हाथापाई हो गई.

पंजाब के बठिंडा में एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए ली गई भूमि के अधिक मुआवजे की मांग को लेकर विरोध कर रहे किसानों और पुलिस के बीच कहासुनी के बाद हाथापाई हो गई. कथित तौर पर किसानों के पथराव करने के बाद पुलिस ने लाठियां चलाईं. किसानों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले भी दागने पड़े. दोनों पक्षों की ओर से कई लोगों के घायल होने की सूचना है. घटना के बाद से इलाके में तनाव बना हुआ है. 

एजेंसी के अनुसार जामनगर-अमृतसर एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए अधिग्रहित भूमि के लिए अधिक मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों और पुलिस के बीच शुक्रवार को हाथापाई हो गई. दोनों पक्षों के कई लोग घायल हो गए. पुलिस ने कहा कि किसानों की ओर से पथराव किए जाने और लाठी-डंडों से हमला किए जाने के चलते 5 से 6 पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिसके बाद स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को आंसू गैस और लाठियों का इस्तेमाल करना पड़ा. बठिंडा के दुनेवाला गांव में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने दावा किया कि इस घटना में उनमें से कुछ को चोटें भी आई हैं. बवाल के बाद से इलाके में तनाव बना हुआ है.

कहीं कम-कहीं ज्यादा मुआवजा का विरोध    

यह घटना तब हुई जब बठिंडा जिला प्रशासन ने भारतमाला सड़क परियोजना के तहत दुनेवाला में 8 किलोमीटर से अधिक भूमि के एक टुकड़े के साथ-साथ जिले के दो और गांवों की जमीन भी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को सौंप दी है. अधिकारियों ने कहा कि यह भूमि जामनगर-अमृतसर एक्सप्रेसवे का हिस्सा है और इसका लगभग 62 किलोमीटर का हिस्सा बठिंडा जिले से होकर गुजरता है. उन्होंने कहा कि भूमि मालिकों की ओर से विवादित कुछ मामलों को छोड़कर अधिग्रहित भूमि के लिए कुल 731 करोड़ रुपये के मुआवजे में से लगभग 693 करोड़ रुपये पहले ही बांटे जा चुके हैं. लेकिन, उनमें से कुछ अब भी मांग कर रहे हैं कि उन्हें प्रति एकड़ 10-15 लाख रुपये अधिक दिए जाएं.

जमीन पर कब्जा वापस लेने पहुंचे तो हुआ बवाल

अधिकारियों ने आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारी किसान जमीन पर कब्जा वापस लेने की कोशिश कर रहे हैं. राजमार्ग परियोजना के लिए भूमि पर कब्जा लेने के प्रशासन के कदम का विरोध करने के लिए दुनेवाला में बड़ी संख्या में एकत्र हुए किसानों ने दावा किया कि कुछ स्थानों पर अधिक मुआवजा दिया गया है. किसानों ने मांग की है कि उन्हें भी अधिक राशि दी जाए. हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि कुछ गांवों में मुआवजा दर 50 लाख रुपये प्रति एकड़ थी, जबकि उन गांवों में अधिग्रहण दर थोड़ी अधिक थी जहां भूमि राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना के बहुत करीब थी. 

क्या बोले अधिकारी 

बठिंडा के पुलिस उप महानिरीक्षक एचएस भुल्लर ने विरोध स्थल पर संवाददाताओं को बताया कि पड़ोसी जिलों के कुछ किसान स्थल पर एकत्र हुए थे. उन्होंने कहा कि हमने जमीन का कब्जा एनएचएआई को सौंप दिया है. दूसरे जिलों के किसान कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई गड़बड़ी नहीं करने दी जाएगी. उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन प्रदर्शनकारियों को अशांति पैदा न करने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं. 

आंसू गैस के गोले क्यों छोड़े जाने को लेकर डीआईजी ने कहा कि पुलिस पर पथराव किया गया और उन्होंने हम पर लाठियों से हमला करने की कोशिश की, जिसके बाद हमें आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा. 5 से 6 पुलिसकर्मी घायल हो गए और उन्हें अस्पताल भेजा गया. उन्होंने कहा कि पुलिस किसानों से कानून को अपने हाथ में न लेने की अपील कर रही है और प्रशासन से बातचीत करने की अपील किसानों से की गई है. 

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