केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान की तरफ से प्रदर्शनकारी किसानों के सामने वार्ता का प्रस्ताव रखा गया है. अप्रैल महीने की शुरुआत में शिवराज सिंह ने किसानों के सामने एक और दौर वार्ता की पेशकश की थी. बताया जा रहा है कि चार मई को चंडीगढ़ में एक बार फिर केंद्र सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच वार्ता हो सकती है. वहीं इस वार्ता से पहले संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा की तरफ कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने एक शर्त रख दी गई है. किसान नेताओं को 19 मार्च को हुई घटना की याद सरकार को दिलाई है और उससे पंजाब सरकार को दूर रखने की मांग की है.
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने कृषि मंत्री और केंद्र सरकार को एक चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में लिखा है, 'संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतक) और किसान मजदूर मोर्चा का मानना है कि खेती-किसानी के मुद्दों का समाधान बैठक में बातचीत के जरिये ही संभव है और बातचीत के लिए हम हमेशा तैयार रहे हैं. हमारी पिछली बैठक 19 मार्च को चंडीगढ़ में
सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई थी. इसके अंत में अगली बैठक चार मई की तय हुई थी. लेकिन 19 मार्च को बैठक खत्म होने के बाद पंजाब सरकार ने किसान नेताओं को धोखे से गिरफ्तार करके जेल में भेज दिया.'
चिट्ठी में आगे लिखा है कि न सिर्फ किसान नेताओं को गिरफ्तार किया गया बल्कि शंभू-खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को भी कुचलने का काम भी किया गया. दोनों किसान संगठनों का कहना है कि ऐसा करके पंजाब सरकार ने किसानों के स्वाभिमान को चोट पहुंचाई है. इस घटना के बाद से ही किसानों में नाराजगी है. संयुक्त मोर्चा और किसान मजदूर संघ ने केंद्र सरकार को याद दिलाया है कि प्रदर्शनकारी किसान केंद्र सरकार के निमंत्रण पर ही वार्ता में शामिल हुए थे. ऐसे में किसान नेताओं की गिरफ्तारी और बॉर्डर पर आंदोलन को कुचलने की जिम्मेदारी भी केंद्र सरकार की है.
संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर संघ ने पिछली घटना के बाद अब चार मई को होने वाली वार्ता के लिए पंजाब सरकार के प्रतिनिधियों को शामिल न करने की अपील की है. संगठनों का कहना है कि अगर पंजाब सरकार के प्रतिनिधि वार्ता में शामिल होते हैं तो फिर न चाहते हुए भी उन्हें इस वार्ता से दूरी बनानी पड़ेगी. संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर संघ ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह अपने फैसले के बारे में जल्द से जल्द चिट्ठी के जरिए उन्हें बताएं.
यह भी पढ़ें-
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today