MSP कानून पर सरकार का बड़ा बयान, कृषि मंत्री बोले- इस तरह कानून पर फैसला नहीं होगा कि बाद में आलोचना हो

MSP कानून पर सरकार का बड़ा बयान, कृषि मंत्री बोले- इस तरह कानून पर फैसला नहीं होगा कि बाद में आलोचना हो

एमएसपी कानून गारंटी समेत कई मांगों को लेकर दिल्ली आ रहे किसानों के मार्च का आज दूसरा दिन है. किसानों की मांग को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसान संगठनों जिस कानून की मांग कर रहे हैं उस पर ऐसे निर्णय नहीं लिया जा सकता कि बाद में लोग आलोचना करें.

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MSP कानून पर सरकार का बड़ा बयान, कृषि मंत्री बोले- इस तरह कानून पर फैसला नहीं होगा कि बाद में आलोचना होदिल्ली आ रहे किसान मार्च का आज दूसरा दिन है.

एमएसपी कानून गारंटी समेत कई मांगों को लेकर दिल्ली आ रहे किसानों के मार्च का आज दूसरा दिन है. किसानों की मांग को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसान संगठनों जिस कानून की मांग कर रहे हैं उस पर ऐसे निर्णय नहीं लिया जा सकता कि बाद में लोग आलोचना करें. कृषि मंत्री के बयान से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार किसानों की मांगों पर विचार करने के मूड में नहीं दिख रही है. हालांकि, सरकार की ओर से कल से ही कहा जा रहा है कि बातचीत का रास्ता खुला है.  वहीं, किसानों ने कहा कि वह अपना हक लेकर ही लौटेंगे और पंजाब के शंभू बॉर्डर पर वह डटे हुए हैं.

दिल्ली आने के लिए किसानों और पुलिस में टकराव 

किसान मार्च के दूसरे दिन किसानों के विरोध के मद्देनजर दिल्ली के सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर भारी संख्या में फोर्स तैनात की गई है. दिल्ली की सीमाओं के बंद किए जाने से कालिंदी कुंज, नोएडा में भारी जाम देखा जा रहा है. पुलिस ड्रोन के जरिए इलाके की मैपिंग कर रही है. उधर, पंजाब के शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. किसान बॉर्डर पार करने की कोशिशों में जुटे हुए हैं, जिससे पुलिस से टकराव हो रहा है. वहीं, हरियाणा के कई जिलों में वॉयस कॉल को छोड़कर मोबाइल नेटवर्क पर प्रदान की जाने वाली मोबाइल इंटरनेट सेवाएं, बल्क SMS और सभी डोंगल सेवाएं आदि 15 फरवरी तक निलंबित रहेंगी. वहीं, किसान पीछे हटने को तैयार नहीं है. बता दें कि हरियाणा में टकराव के चलते करीब 30 सुरक्षाकर्मी और 60 किसान घायल हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. 

कृषि मंत्री ने कहा- कानून के बारे में ऐसे निर्णय नहीं लिया जा सकता कि आलोचना हो 

किसान आंदोलन को लेकर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि किसान संगठनों को ये समझना होगा कि जिस कानून की बात की जा रही है.  उस कानून के बारे में इस तरीके से कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता है जिससे बाद के दिनों में सबके लिए बगैर सोची समझी स्थिति के बारे में लोग आलोचना करें. हमें ये कोशिश करनी चाहिए कि हम इसके सभी पक्षों का ध्यान रखें. किसानों को इस बात का भी ध्यान रखना पड़ेगा कि आम जनजीवन को बाधित ना करें, आम जनजीवन किसी तरह से परेशान ना हो.

किसान संगठनों से बातचीत का रास्ता खुला रहेगा- अर्जुन मुंडा

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंंडा ने कहा है कि किसान संगठनों के साथ हम हमेशा रचनात्मक ढंग से सकारात्मक ढंग से बात करने की जो कोशिशें हैं वह जारी रहेगी और हम बातचीत करने के लिए तैयार है.

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