अंडा एक ऐसा फूड प्रोडक्ट है जिस पर ना तो एक्सपायरी डेट होती है और ना ही इस्तेमाल करने की समय सीमा बताई जाती है. जैसा की दूध के पैकेट पर लिखा होता है कि पैकिंग डेट से तीन या चार दिन तक इस्तेमाल किया जा सकता है. जबकि सब जानते हैं कि अंडा भी खराब होता है.
अंडे की भी एक्सपायरी होती है. लेकिन ना तो अंडे पर और ना ही अंडे की ट्रे पर कोई डिटेल होती है, जिससे हमे अंडे की एक्सपायरी तारीख के बारे में पता चल सके. हालांकि बीते साल यूपी में ये पॉलिसी बनाई गई थी कि अंडे पर सभी तरह की जानकारी देनी होगी.
अंडे को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए एसी वैन का इस्तेमाल करना होगा. इस वैन में 10 से 15 डिग्री तापमान होना चाहिए. लेकिन बाद में इस पॉलिसी को हटा लिया गया. हालांकि अंडे को तोड़े बिना ये पता कर पाना बहुत मुश्किरल है कि अंडा सही है या खराब. पोल्ट्री एक्सपर्ट की मानें तो अंडा तोड़ने पर उसकी पीले रंग की जर्दी और उसका लिक्विड आपस में घुल जाते हैं, यानि की जर्दी टूट जाती है तो समझ जाइए कि अंडा खराब हो चुका है.
अंडों को कोल्डा स्टोरेज में रखने के लिए सरकार की ओर से एक गाइड लाइन जारी की हुई है. गाइड लाइन के मुताबिक अंडों को कोल्ड स्टोरेज में सब्जी और फलों के साथ नहीं रखा जा सकता है. कोल्ड में अंडे रखने के लिए अलग चैम्बर बनाने होंगे. अंडों को कोल्ड में रखते वक्त अंडों पर किसी मिनरल आयल या प्राथमिकता के आधार पर लिक्विड पैराफीन का स्प्रे करना होगा.
अंडों को ज्यादा से ज्यादा तीन महीने ही कोल्ड में रखा जाएगा. एक बार कोल्ड से निकले अंडे दोबारा कोल्ड में नहीं रखे जाएंगे. जिस चैम्बर में अंडे रखे जाएंगे उसका तापमान चार से सात डिग्री होना चाहिए. वहीं आर्दता 75 से 80 होगी.
गाइड लाइन के मुताबिक कोल्ड स्टोरेज में अंडा रखने से पहले कई नियमों का पालन करना होता है. सबसे पहले तो अमिट स्याही से अंडे पर उत्पादन की तारीख और जगह का नाम लिखना होगा.
जब अंडा कोल्ड से निकाला जाएगा तो उस दिन की तारीख भी स्याही से यहा स्टिकर लगाकर बतानी होगी. साथ ही कोल्ड से अंडे निकालने वाली तारीख पर यह भी बताना होगा कि कोल्ड से निकलने के कितने दिन तक अंडे को इस्तेमाल कर सकते हैं. कोल्ड से निकले अंडे के उपभोग की अधिकतम अवधि तीन दिन अंडों पर अंकित करनी होगी.
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