बिहार की शोक कही जाने वाली कोसी नदी का नाम सुनते ही इलाके के लोगों के मन में खौफ और तबाही की तस्वीर उभर आती है. हर साल मानसून के दौरान कोसी की विकराल धाराएं सुपौल सहित बिहार के दर्जनों जिलों में कहर बरपा देती हैं. सैकड़ों गांव जलमग्न हो जाते हैं, फसलें बर्बाद हो जाती हैं, घर, मवेशी और संपत्ति बहकर हजारों लोगों को बेघर कर देती है. मगर जब बाढ़ रूपी रौद्रता शांत होती है, तो अपने पीछे दूर-दूर तक रेत का अथाह अंबार छोड़ जाती है. यही रेत सैकड़ों किसानो के लिए वरदान बन जाती है.
growing vegetables in sand farmer Earning lakhs know story of Supaul farmers
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