भारत के कृषि क्षेत्र में अब कई ऐसे देसी तरह के फैसले हैं जो विलुप्तप्राय होने की कगार पर है . इनमें से कई तेल सीड भी है. राम तिल का नाम बहुत कम लोगों ने सुना होगा लेकिन यह आज से 50 साल पहले सरसों की जगह इस्तेमाल होने वाला ऑयल सीट था. इसकी खेती भी खूब होती थी.यहां तक की इसके बीच में 45 फ़ीसदी तक तेल पाया जाता है. वहीं इसका तेल काफी गुड़कारी भी माना जाता है. यूपी के एक किसान हरित सिंह इस विलुप्त हो रहे आयल सिड को बचाने के लिए काम कर रहे हैं. वहीं कृषि विज्ञान केंद्र अमेठी के द्वारा भी इस बीज का संरक्षण किया जा रहा है . कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ आर. के आनंद ने बताया कि राम तिल की फसल खरीद में बोई जाती है .
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