एमपी और छत्तीसगढ़ सहित 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया, आज दूसरे चरण का मतदान पूरा होने के साथ अपने अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ गई है. एमपी, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में हो रहे विधानसभा चुनाव को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है. इस चुनाव में एमपी की 230 और छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों पर मतदान की प्रक्रिया आज पूरी हो गई. दूसरे चरण में छत्तीसगढ़ की 70 और एमपी की सभी 230 सीटों पर मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हाे गया. छत्तीसगढ़ की नक्सल प्रभावित 20 सीटों पर गत 7 नवंबर को मतदान हो चुका है.
चुनाव आयोग के मुताबिक एमपी में शाम पांच बजे मतदान संपन्न होने तक 71.11 प्रतिशत मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर चुके थे. निर्वाचन नियमों के मुताबिक शाम 5 बजे मतदान केंद्रों में मतदाताओं का प्रवेश बंद होने के बाद जो मतदाता पोलिंग सेंटर के अंदर मौजूद थे, अब वे ही मतदान कर रहे हैं. स्पष्ट है कि अभी मत प्रतिशत में इजाफा होगा, हालांकि शाम 5 बजे तक के मतदान के आंकड़ें पिछले चुनाव की तुलना में 4 प्रतिशत कम है.
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दिन भर के मतदान संबंधी आंकड़ों की बात करें तो मतदान की अधिकता वाले जिलों में ग्रामीण मतदाताओं ने जमकर वोट डाले. वहीं जिलेवार मतदान के आंकड़े बताते हैं कि सूबे की राजधानी भोपाल के अलावा ग्वालियर चंबल संभाग में मतदान का ग्राफ नीचे रहा. शाम 5 बजे तक सबसे ज्यादा 85.49 प्रतिशत मतदान सैलाना विधानसभा क्षेत्र में दर्ज किया गया. वहीं बारघाट और खिलचीपुर विधानसभा क्षेत्रों में 84 प्रतिशत तक मतदान हुआ.
इससे इतर शाम 5 बजे तक चंबल संभाग के भिंंड में 50.41 प्रतिशत, ग्वालियर दक्षिध में 51 प्रतिशत और ग्वालियर पूर्व में 54 प्रतिशत मतदान हुआ. वहीं इंदौर और जबलपुर जिले की सीटों पर भी 60 फीसदी तक ही मतदात हुआ. दो दर्जन से अधिक सीटों पर मतदान का प्रतिशत 80 से 85 के बीच रहा.
चुनाव आयोग के मुताबिक छत्तीसगढ़ में जिन 70 सीटों पर आज वोट डाले गए, उनमें शाम 5 बजे तक मत प्रतिशत 67.34 रहा. पिछले चुनाव में छत्तीसगढ़ की सभी 90 सीटों पर 76.88 प्रतिशत मतदान हुआ था. आयोग के मुताबिक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्वाचन क्षेत्र पाटन में 75 और बिलाासपुर में 56 प्रतिशत मतदान हुआ.
राज्य में दूसरे चरण के मतदान वाली 70 सीटों पर कुल 958 उम्मीदवार चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे थे. इस चरण में राज्य के 1.63 करोड़ मतदाताओं ने इन उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला आज ईवीएम में कैद कर दिया.
चुनाव आयोग के मुताबिक दोनों राज्यों में मतदान शांतिपूर्ण रहा. आयोग की से बताया गया कि मप्र के छतरपुर और मुरैना सहित कुछ अन्य स्थानों से दो गुटाें में हिसक झड़प होने की सूचनाएं मिली. इन पर तत्काल कानून सम्मत कार्रवाई कर मतदान को सुचारु कराया गया. कुछ स्थानों पर ईवीएम में तकनीकी खराबी आने से मतदान मामूली रूप से बाधित भी हुआ. इन शिकायतों पर आयोग ने संज्ञान लेकर तत्काल नई मशीनें पहुंचाकर मतदान को सुचारू कराया.
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विधानसभा चुनाव के दौरान एमपी और छत्तीसगढ़ में किसानों के मुद्दे प्रभावी रूप से उभर कर सामने आए. दोनों राज्यों के दोनों प्रमुख दल कांग्रेस और भाजपा ने किसानों को लुभाने के लिए बढ़चढ़ कर चुनावी वादे किए. इनमें किसानों को गेहूं और धान की एमएसपी पर खरीद के साथ बोनस देने और किसानों की कर्ज माफी का मुद्दा एक बार फिर चुनाव के लिए निर्णायक साबित होता दिख रहा है.
एक तरफ कांग्रेस ने एमपी में किसानों को गेहूं की 2600 रुपये प्रति कुंतल और धान की 2500 रुपये प्रति कुंतल की दर से खरीद करने का वादा किया. साथ ही किसानों का हर प्रकार का कर्ज माफ करने की भी चुनावी घोषणा की. वहीं भाजपा ने गेहूं की खरीद 2700 रुपये प्रति कुंतल ओर धान की 3100 रुपये प्रति कुंतल की दर से खरीद करने का वादा किया. हालांकि भाजपा ने किसानों की कर्ज माफी के बजाए कर्ज पर ब्याज काेेमाफ करने की घोषणा की.
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार धान की एमएसपी पर खरीद के एवज में बोनस देने के अपने पिछले चुनावी वादे को पूरा कर चुकी है. कांग्रेस और भाजपा ने एमपी में इस घोषणा को अपने अपने तरीके से चुनावी वादे के रूप में अपनाया है. यह देखने वाली बात होगी कि सरकार बनने पर ये दल अपने इन वादों को पूरा करने में कितना खरे उतर पाते हैं.
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