उत्तर प्रदेश की इटावा लायन सफारी में जंगली जानवरों की मौत हो रही है जो सफारी प्रबंधन के लिए मुसीबत बनती जा रही है. इससे पहले चार शावकों की मौत पिछले एक महीने के दौरान हो चुकी है. अब मादा भालू कुनी की मौत हुई है. भालू की मौत के बाद सफारी पार्क में प्रबंधन की व्यवस्थाओं पर अब सवाल खड़े होने लगे हैं. बता दें सपा शासनकाल में इटावा लायन सफारी को विकसित किया गया था. शावकों की मौत के बाद भालू की मौत ने फिर एक बार व्यवस्थाओं को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी मानसून सत्र में सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा था शेरनी सोना के गर्भवती होने की जानकारी प्रशासन को थी लेकिन लापरवाही के चलते चार शावक की मौत हुई.
इटावा लायन सफारी में मादा भालू कुनी की मौत हो चुकी है. मादा भालू को 31 जुलाई 2007 को उड़ीसा के जंगलों से लखनऊ स्थित नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान में लाया गया. यहां से 3 अप्रैल 2017 को इटावा लायन सफारी पार्क में शिफ्ट किया गया था. मादा भालू की मृत्यु के वास्तविक कारणों का पता अब तक नहीं चल सका है. वहीं पोस्टमार्टम के लिए मादा भालू के शव को पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय एवम गौ-अनुसंधान संस्थान मथुरा भेजा जा रहा है. मादा भालू के मौत के बाद इटावा लायन सफारी में दो भालू ही बचे हैं. 4 साल पहले भी यहां भालू शंकर की मौत हो चुकी है . सफारी में भालू की मौत के बाद भालू की कुनबा बढ़ाने की उम्मीदों को भी झटका लगा है. अब पर्यटक केवल दो भालू का ही दीदार कर सकेंगे.
इटावा लायन सफारी में जुलाई महीने में ही शेरनी सोना ने पांच शावकों को जन्म दिया था जिसमें से चार साल को की मौत हो चुकी है. इटावा लायन सफारी के निदेशक दीक्षा भंडारी ने बताया कि मादा भालू शाम को भोजन करने के बाद अपने बाड़े में सोई हुई थी जब सुबह कीपर उठाने की कोशिश की तो वह नहीं उठी. उसकी मौत की जानकारी हुई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता चल सकेगा.
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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विधानसभा के मानसून सत्र में इटावा लायन सफारी की बदहाली पर सरकार को घेरा है. उन्होंने शेरनी सोना के चार शावकों की मौत का मामला भी उठाया है. बरेली स्थित आईवीआरआई की रिपोर्ट में भी सफारी प्रशासन के लापरवाही का खुलासा हुआ है. अखिलेश यादव ने कहा है कि सफारी की व्यवस्था दुरुस्त नहीं है. शेरों व अन्य जानवरों की अच्छे से देखभाल नहीं हो रही है. सरकार की उपेक्षा के चलते विश्व स्तरीय लायन सफारी बदहाल होती जा रही है.
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