किसान आंदोलन के बीच केंद्र सरकार ने बहुत बड़ा फैसला लिया है. कहा जा रहा है कि सरकार ने प्याज के निर्यात पर से बैन हटा दिया है. खास बात यह है कि केंदीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाली मंत्री समिति ने प्याज निर्यात को मंजूरी दे दी है. यानी अब भारत से विदेशों में प्याज का एक्सपोर्ट किया जा सकता है. वहीं, इस खबर से प्याज उत्पादक किसानों के बीच खुशी की लहर है. किसानों का कहना है कि निर्यात शुरू होने से प्याज कीमतों में बढ़ोतरी होगी. इससे उन्हें उचित मुनाफा मिल सकेगा. हालांकि, अभी तक घरेलू मार्केट में कम रेट होने के चलते प्याज उत्पादक किसानों को घाटा लग रहा था. वे लागत भी नहीं निकाल पा रहे थे.
दरअसल, अक्टूबर महीने में प्याज अचानक महंगा हो गया था. 30 से 35 रुपये किलो बिकने वाले प्याज की कीमत 70 से 80 रुपये किलो हो गई थी. केंद्र सरकार के ऊपर महंगाई को नियंत्रित करने के लिए दबाव बढ़ता जा रहा था. ऐसे में सरकार ने महंगाई पर ब्रेक लगाने के लिए पिछले साल 8 दिसंबर को प्याज के निर्यात पर बैन लगाने का फैसला किया. हालांकि, निर्यात पर बैन लगाते ही रिटेल मार्केट में इसका असर दिखने लगा. जनवरी आते- आते इसकी कीमत में गिरावट आ गई. मार्केट में खुदरा प्याज 70 रुपये किलो से गिरकर 40 रुपये किलो पर पहुंच गया. अभी अच्छी क्वालिटी का प्याज 30 रुपये किलो बिक रहा है.
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वहीं, प्याज पर बैन लगाने से किसानों को नुकसान होने लगा. घरेलू मार्केट में प्याज की आवक बढ़ने से होलसेल कीमतों में बहुत अधिक गिरावट आ गई. इससे किसानों को लागत निकालना मुश्किल हो गया. इससे किसान घाटे में जाने लगे. खासकर महाराष्ट्र के किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. किसानों ने सरकार के फैसले के खिलाफ सड़क जाम किया और प्रदर्शन भी किया.
जानकारों का कहना है कि सरकार लोकसभा चुनाव को देखते हुए किसानों को नाराज नहीं करना चाहती है. क्योंकि महाराष्ट्र में बड़ी संख्या में किसान प्याज उगाते हैं, जो सरकार के फैसले से नाराज चल रहे थे. वे सरकार के खिलाफ भी आम चुनाव में वोट कर सकते थे. ऐसे में बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ता. यही वजह है कि सरकार ने प्याज निर्यात पर बैन हटाने का फैसला लिया, ताकि नाराज किसानों को खुश किया जा सके. हालांकि, ऐसे भी इसकी डेडलाइन 31 मार्च 2024 को समाप्त होने वाली थी.
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कृषि एक्सपर्ट का कहना है कि प्याज निर्यात पर बैन हटाने से किसानों को फायदा होगा. मार्केट में डिमांड बढ़ने से होलसेल रेट में बढ़ोतरी होगी, जिससे किसानों को अच्छी कीमत मिलेगी. लेकिन इसका असर रिटेल मार्केट पर भी पड़ेगा. देश में प्याज की खुदरा कीमतों में फिर से बढ़ोतरी हो सकती है. जिसका असर आम आदनी की जेब पर पड़ेगा. हालांकि, एक्सपर्ट का ये भी कहना है कि मार्च से ग्रीसमकालीन प्यान प्याज की आवक शुरू हो जाएगी. इससे कीमतों में उतनी अधिक बढ़ोतरी नहीं होगी. फिर भी निर्यात पर से बैन हटाने से रेट पर कुछ न कुछ असर तो पड़ेगा ही. खास बात यह है कि बैन हटाने के बाद भी समिति ने एक शर्त लगा दी है. देश से महज 3 लाख मीट्रिक टन ही प्याज निर्यात करने को मंजूरी दी गई है. यानी सरकार अभी भी महंगाई को लेकर सतर्क है.
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