Maharashtra News: अकोला में बारिश नहीं होने से खरीफ की फसलें हो रही हैं खराब, किसानों की बढ़ी मुश्किलें

Maharashtra News: अकोला में बारिश नहीं होने से खरीफ की फसलें हो रही हैं खराब, किसानों की बढ़ी मुश्किलें

Maharashtra Agriculture News: अमरावती विभाग के अकोला में पिछले 20 से अधिक दिनों  से बारिश नहीं होने की वजह से खरीफ की सोयाबीन, कपास, अरहर, मूंग और उड़द की फसलों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. फसलें दम तोड़ती नजर आ रही है.

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Maharashtra News: अकोला में बारिश नहीं होने से खरीफ की फसलें हो रही हैं खराब, किसानों की बढ़ी मुश्किलें अकोला में बारिश नहीं होने की वजह से खरीफ की फसलें हो रही हैं खराब, सांकेतिक तस्वीर

अमरावती विभाग के अकोला में इस साल मॉनसूनी बारिश एक माह देरी से हुई. वहीं पिछले 20 से अधिक दिनों  से बारिश नहीं होने की वजह से खरीफ की सोयाबीन, कपास, अरहर, मूंग और उड़द की फसलों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. बारिश की एक बूंद भी किसानों के खेत में न गिरने से किसानों की आंखें आसमान की ओर देख रही हैं. वहीं फसल खराब होते देख किसानों के आंखों से आंसू छलक रहे हैं. महाराष्ट्र के अकोला के खराब गांव के मनोहर पाटिल जिन्होंने अपने 4 एकड़ खेत में सोयाबीन की खेती की है. मॉनसूनी बारिश में देरी होने की वजह से उन्होंने जून के आखिरी सप्ताह में सोयाबीन की खेती की थी. लेकिन बुवाई के बाद जिस तरह बारिश होनी चाहिए थी. वैसी बारिश नहीं हुई, जिसके चलते खेतों की नमी लगभग खत्म होती नजर आ रही है और फसल की जिस तरह से बढ़वार होना चाहिए उसे तरह से नहीं होने के चलते बीच में ही फसल दम तोड़ती नजर आ रही है. 

ऐसे में मनोहर पाटिल रोज खेत में आते हैं और आसमान की ओर देखते हैं कि बादल कब गरजेगा और बरसेगा और मेरी फसल फिर से लह लहाएगी. लेकिन उनकी रोज की उम्मीद पर पानी फिरता नजर आ रहा है और फसल को अपनी आंखों के सामने बर्बाद होते देख उनकी आंखों में आंसू आ रहे हैं.

मौसम की बेरुखी से किसान परेशान 

पहले विदर्भ के किसान ज्यादा बारिश होने की वजह से परेशान होते थे. अभी पिछले साल इतनी बारिश हुई की हाथ में आई फसल आखरी समय पर बारिश के कारण आधे से अधिक बर्बाद हो गई. किसानों को इस साल उम्मीद थी की अच्छी बारिश होगी. लेकिन इस साल भी महज एक हफ्ता ही बारिश हुई, उसके बाद किसानों ने बुवाई की और बारिश ने विदर्भ समिति महाराष्ट्र में मुंह मोड़ लिया जिस कारण किसान बेहद परेशान हैं. यदि ऐसा ही मौसम रहा तो फसलों की बुवाई और गुड़ाई के लिए लगा खर्च भी नहीं निकलेगा. इसलिए किसान बेहद परेशान हैं.

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सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग 

पिछले 20 से अधिक दिनों से बारिश नहीं होने की वजह से मनोहर पाटिल जैसी हालत और दूसरे किसानों की भी है जो अच्छी फसल होने की उम्मीद लगाए बैठे थे. वह उम्मीद दूभर नजर आ रही है. सोयाबीन के साथ कपास अरहर जैसी फसलें पानी नहीं होने के कारण कहीं जल रही हैं, तो कहीं मिट्टी की नमी कम होने की वजह से खेतों में दरारें पड़ती नजर आ रही हैं. ऐसे में किसान अब सरकार से सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग कर रहे हैं.

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अकोला में हुई है 40 प्रतिशत कम बारिश 

इस साल जहां कम बारिश होने की वजह से किसान परेशान हैं तो वहीं प्रशासन की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक अकोला में 52 मंडल हैं जिनमें कृषि विभाग ने सर्वे शुरू कर दिया है. इनमें से लगभग 21 मंडल में फसलों की हालत गंभीर बताई जा रही है, तो कहीं फसलों पर प्रादुर्भाव होने से किसान उसे पर छिड़काव करने से भी बचते नजर आ रहे हैं. आज तक से बात करते हुए अकोला के जिला कृषि अधिकारी शंकर किरवे ने बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस साल लगभग 30 से 40 प्रतिशत कम बारिश हुई है जिसकी वजह से फसलों की हालत अब ऑक्सीजन पर है. अगले 5 दिन में बारिश नहीं हुई तो फसलें बर्बाद हो सकती हैं. 

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