
UP News: वॉटर वुमेन के नाम से मशहूर उत्तर प्रदेश की बेटी शिप्रा पाठक (Shipra Pathak) ने अयोध्या से रामेश्वरम तक 3,952 किमी की पदयात्रा के उपरांत अपने अनुभवों को साझा किया है. शनिवार को राजधानी लखनऊ में शिप्रा पाठक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) से शिष्टाचार मुलाकात की. उन्होंने इस बात पर सबसे ज्यादा हर्ष व्यक्त किया कि योगी आदित्यनाथ का यूपी मॉडल दक्षिण के राज्यों में भी लोकप्रिय है. कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे प्रांतों में योगी मॉडल के प्रति लोगों में काफी उत्सुकता देखने को मिलती है. वहीं उन्होंने ये भी कहा कि योगी आदित्यनाथ के यूपी के मुख्यमंत्री होने के कारण आज प्रदेश की बेटियों के मन में सुरक्षा की भावना पैदा हुई है. यूपी की बेटियों में सबसे ज्यादा इस बात को लेकर भरोसा पैदा हुआ है कि उनके साथ अगर कुछ भी गलत होता है तो महाराज जी के भय से उनकी सुनवाई हर कहीं होगी. उन्होंने बताया कि योगी आदित्यनाथ आज पूरे देश में उत्तर प्रदेश के पर्यायवाची बन चुके हैं.
सरयू से सागर तक जाने वाली राम जानकी वन गमन पथ की भारत की प्रथम पदयात्री वॉटर वूमन शिप्रा पाठक ने यात्रा की शुरुआत 27 नवंबर को राम नगरी अयोध्या से की थी. राम नाम के संकल्प के साथ उतर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में पड़ने वाले राम वन गमन पद चिन्ह के साथ साथ चलकर 11 मार्च को उनकी यात्रा रामेश्वरम पहुंची. शिप्रा ने अपनी इस यात्रा के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि उनकी पदयात्रा के साथ-साथ विभिन्न नदियों का जल लेकर एक वाहन भी चल रहा था, जिसपर उत्तर प्रदेश का रजिस्ट्रेशन नंबर अंकित था. ये कार ही उनके यूपी के होने की पहचान थी. वह जहां से भी गुजरतीं, लोग खुशी और आश्चर्य व्यक्त करते हुए ये जरूर पूछते थे की आप योगी जी महाराज के यूपी से आ रही हैं?
शिप्रा ने बताया कि यूपी की विकास यात्रा में धर्म को संरक्षण और विरासत को सम्मान देने के भाव का सभी वर्ग खुलकर स्वागत करते दिखे. शिप्रा पाठक ने बताया कि उनकी यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत को भविष्य में होने वाले जल संकट से बचाने के लिए अध्यात्म जागरण से पर्यावरण जागरण की यात्रा है.
बता दें कि वॉटर वुमेन शिप्रा पाठक मूल रूप से यूपी के दातागंज (बदायूं) की रहने वाली हैं. सोशल एक्टिविस्ट शिप्रा पाठक ने इंग्लिश लिट्रेचर से पोस्ट ग्रेजुएट किया है. इनका राजनीतिक परिवेश से भी जुड़ाव रहा है. शिप्रा की दादी स्व. संतोष कुमारी पाठक दातागंज से चार बार विधायक रह चुकी हैं. इसके अलावा उनके नाना त्रिवेणी सहाय शर्मा भी दातागंज से विधायक रह चुके हैं. उनके पिता का भी संबंध राजनीति से रहा है. इससे इतर शिप्रा सामाजिक सरोकारों से जुड़े कार्यक्रमों से जुड़ी रहती हैं.
वह भगवा वस्त्र पहनती हैं और नदियों और वनस्पतियों की रक्षा और उसके संवर्धन के संकल्प के साथ अभियानों का नेतृत्व करती हैं. शिप्रा ने इससे पहले मां नर्मदा की 3600 किमी परिक्रमा, मानसरोवर परिक्रम, मां शिप्रा परिक्रमा, सरयू पद यात्रा और ब्रज चौरासी कोसी पद यात्रा करते हुए नदियों के संरक्षण की अलख जगा चुकी हैं. शिप्रा कई पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित की जा चुकी हैं. इसके अलावा वो एक जानी-मानी मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं, जो पूरे देश में युवाओं से जुड़कर उन्हें राष्ट्रहित और प्रकृति से जुड़े मुद्दों को लेकर जागरूक करती हैं.
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