कर्नाटक के विजयपुरा में एक बड़ी घटना हुई है. यहां एक मक्का प्रोसेसिंग प्लांट में हादसा हो गया. पुलिस ने मंगलवार को बताया कि विजयपुरा के अलियाबाद औद्योगिक क्षेत्र में एक निजी फूड प्रोसेसिंग प्लांट के गोदाम में एक बड़ी प्रोसेसिंग मशीन के ढह जाने से लगभग 100 टन मकई के ढेर के नीचे कई मजदूर फंस गए. इस घटना में बिहार के सात मजदूरों की मौत हो गई. विजयपुरा सोनावणे के पुलिस अधीक्षक ऋषिकेश भगवान ने पीटीआई को बताया, "तीन लोग घायल हो गए लेकिन वे फंसे नहीं थे. फंसे हुए लोगों में से एक को बचा लिया गया, जबकि सात की मौत हो गई. वे सभी मजदूर हैं." घटना सोमवार शाम की है.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि तलाश और बचाव अभियान के दौरान सात मजदूरों के शव बाहर निकाले गए जबकि एक व्यक्ति को बचा लिया गया. एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "मशीन जो मक्के की प्रोसेसिंग करती है, उसमें मक्के से भरे फ़नल लगे होते हैं जो बहुत भारी होते हैं. इसके आंशिक रूप से ढह जाने से इसके नीचे काम कर रहे मजदूर फंस गए. ये मजदूर 100 टन मक्के के नीचे फंस गए." खोज और बचाव अभियान सोमवार शाम करीब छह बजे शुरू हुआ और मंगलवार सुबह 11 बजे तक चला.
विजयपुरा के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने घटनास्थल का दौरा किया. तीन श्रमिकों को पहले ही बचाया जा चुका है और घायलों को अस्पताल ले जाया गया है. बचाव कार्य जारी है. इस घटना में सात मजदूरों के शव निकाले जा चुके हैं. मृ़तकों में राजेश मुखिया (25 साल), रामरेज मुखिया (29 साल), शंभू मुखिया (26 साल), राम बालक (52 साल) और लुखो जाधव (45 साल) के नाम हैं.
कुछ और भी मजदूरों के शिव निकाले गए हैं जिनकी शिनाख्त की जा रही है. यह दर्दनाक घटना उस वक्त हुई जब प्रोसेसिंग प्लांट के अंदर मक्के से लदी बोरियों का ढेर 11 मजदूरों के ऊपर गिर गया.
एसडीआरएफ और दमकल विभाग की मदद से प्रोसेसिंग प्लांट में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. यह काम बहुत चुनौतीपूर्ण रहा क्योंकि बोरियों का ढेर बड़ा था और दबे लोगों को बचाने के लिए हर एहतियात के साथ कदम बढ़ाए गए. इस घटना में फंसे अधिकांश मजदूर बिहार से हैं. बचाव के काम में एक साथ कई जेसीबी मशीनें लगीं.
ये भी पढ़ें: CLFMA चेयरमैन ने 2025 में पोल्ट्री फीड की कमी को लेकर कही ये बड़ी बात, पढ़ें डिटेल
घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रभारी मंत्री एमबी पाटिल बचाव कार्यों का जायजा लेने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने प्रभावित मजदूरों को मुआवजा देने और उनकी सुरक्षा को प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया. पाटिल ने कहा कि मृतकों के शवों को उनके घरों तक पहुंचाया जाएगा और मामले में पुलिस जांच जारी है. मंत्री ने घायलों और मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने की सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया.
घटना की जानकारी मिलते ही पूरे प्रोसेसिंग प्लांट में अफरा-तफरी मच गई. मजदूरों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. मजदूरों ने प्रशासन और मंत्री से अपनी पुरानी शिकायतें भी कीं. मजदूर घटना के बाद विरोध पर अड़ गए और जब तक मुआवजा नहीं मिलेगा, तब तक शवों की उठाने की इजाजत नहीं दी. मंत्री एमबी पाटिल ने फिर बीच-बचाव किया, मुआवजे का आश्वासन दिया, तब जाकर शवों को उठाया गया.
ये भी पढ़ें: Poultry Expo-2023: देश में जीएम मक्का की खेती को मिले अनुमति, पोल्ट्री फेडरेशन ने की मांग, जानें वजह
इस पूरे ऑपरेशन में एसडीआरएफ के साथ केंद्र की एनडीआरएफ टीम भी लगी. पहले एसडीआरएफ का बचाव दल काम कर रहा था, लेकिन घटना की गंभीरता को देखते हुए पुणे से एनडीआरएफ के 30 लोगों का एक दल विजयपुरा घटनास्थल पर पहुंचा. घटना में 11 मजदूरों के दबे होने की खबर थी जिसमें से तीन को सकुशल निकाला गया. सात लोगों के शव निकाले गए हैं.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today