संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के संयोजक किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन का आज 45वां दिन है. डॉक्टरों ने उनकी हालत बेहद नाजुक बताई है. इस बीच, बीते दिन उन्होंने आंदोलन कर रहे साथी किसानों से कहा कि अगर अनशन करते हुए उनकी मौत भी हो जाती है तो वे आंदोलन को जारी रखें, आंदोलन को खत्म नहीं होने दें. ‘दि ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के मुताबिक, डल्लेवाल ने बुधवार को अपने करीबी साथी काका सिंह कोटड़ा को एक संदेश भेजा, जिसमें उन्होंने कहा कि मृत्यु होने पर मेरे शव को धरनास्थल पर ही रखा जाए और अन्य कोई किसान नेता आमरण अनशन करे.
काका सिंह कोटड़ा ने कहा कि स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए डल्लेवाल ने किसी से भी बात करने से मना कर दिया है, क्योंकि उन्हें बोलने में परेशानी महसूस हो रही है. उन्होंने अन्य आंदोलनकारी किसान नेताओं से बातचीत करने के लिए कहा है. अनशन के 44वें दिन जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत को लेकर डॉक्टरों ने मेडिकल बुलेटिन जारी किया. इसमें कहा गया कि उनके पैरों को अगर शरीर के अन्य हिस्सों के समतल करते हैं तो उनका ब्लड प्रेशर काफी कम हो जाता है, ब्लड प्रेशर थोड़ा स्थिर करने के लिए उनके पैरों को ऊंचाई पर रखना पड़ता है.
जगजीत सिंह डल्लेवाल ने विशेष निवेदन किया कि बात करने में उनको परेशानी आती है, इसलिए किसी भी व्यक्ति को उनके टेंट में अंदर न आने दिया जाए. उन्होंने कहा कि वे सभी व्यक्तियों की भावना का सम्मान करते हैं, लेकिन मेडिकल मजबूरी की वजह से वे बात करने में असमर्थ हैं. वहीं, अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह के मंगलवार को बयान दिया, ‘सिख धर्म में भूख हड़ताल की अवधारणा नहीं है’. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि अकाल तख्त सिखों की सर्वोच्च संस्था है, लेकिन वहां से अभी तक डल्लेवाल को अपना अनशन तोड़ने के लिए निर्देश नहीं दिया गया है. पंढेर ने कहा कि अगर ऐसे निर्देश जारी किए गए तो मोर्चा इस विषय पर चर्चा के लिए बैठक बुलाएगा.
ये भी पढ़ें - कोई दमन करके हमें नहीं हरा सकता, डल्लेवाल बोले- हर गांव से ट्रॉली भरकर लोग मोर्चे पर आएं
किसान नेताओं ने कहा कि हमारे देश के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली के किसानों से मीटिंग कर के कहते हैं कि हमारी योजनाओं का लाभ आपको नहीं मिल रहा है, इसलिए वो दुखी हैं, लेकिन दूसरी तरफ उन्हें 13 फरवरी 2024 से सड़कों पर बैठे किसानों और 26 नवंबर 2024 से आमरण अनशन कर रहे जगजीत सिंह डल्लेवाल का संघर्ष, त्याग नहीं दिख रहा है. किसान नेताओं ने कहा कि एग्रीकल्चर सेन्सस 2016 के अनुसार, दिल्ली में 21000 किसान थे, जिनकी संख्या पिछले 8 साल में घट चुकी है, जगजीत सिंह डल्लेवाल की बिगड़ती हालत के मद्देनजर केंद्र सरकार को गंभीर होकर किसानों की समस्याओं का हल करना चाहिए.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today