जरूरी खबर: UPI एक्टिव नहीं है तो जल्द बंद हो जाएगा खाता, पढ़ लें सरकार का नया नियम
एनसीपीआई की तरफ से जारी किए गए नए गाइडलाइंस के अनुसार अब थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स को कुछ कार्य करने होंगे साथ ही इन नियमों को 31 दिसंबर 2023 तक लागू करना होगा.
गूगल पे, पेटीएम, फोन पे जैसे यूपीआई पेमेंट ऑप्शन का इस्तेमाल करने वाले लोगों के लिए यह बेहद जरूरी खबर है. क्योंकि नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने ऐसे पेमेंट ऐप्स और बैंकों से कहा है कि उन नंबरों को निष्क्रिय कर दिया जाए जो पिछले एक साल या अधिक समय से एक्टिव नहीं है. यानि अब यूपीआई आईडी बंद हो जाएंगे जिनका इस्तेमाल पिछले एक साल या उससे अधिक समय से लेन-देन के लिए नहीं हुआ है. नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने सात नवंबर 2023 को इससे संबंधित सर्कूलर भी जारी किया है. इसके अलावा एनसीपीआई की तरफ से यह भी कहा गया है कि अगर कोई ग्राहक अपना पुराना नबंर को बैंकिग प्रणाली से अलग किए बिना ही नंबर बदल देते हैं तो वो उनके खाते से लेन-देन में रोक लगा दी जाएगी, जब तक की वो नया नंबर बैंक अकाउंट से लिंक नहीं करता है. क्योंकि पुराना नंबर किए नए यूजर के नाम से भी जारी किया जा सकता है.
एनसीपीआई की तरफ से जारी किए गए नए गाइडलाइंस के अनुसार अब थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स को कुछ कार्य करने होंगे साथ ही इन नियमों को 31 दिसंबर 2023 तक लागू करना होगा.
नई गाइडलाइंस के मुताबिक सभी थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर उन ग्राहकों की यूपीआई आईडी और उससे जुड़ा हुआ यूपीआई नंबर और फोन नंबर की पहचान करेंगे जिन्होंने पिछले एक साल या उससे अधिक समय से यूपीआई ऐप्स के जरिए किसी भी तरह का लेन-देन नहीं किया है.
ऐसे जो भी यूपीआई आईडी पाए जाएंगे जिन्होंने एक साल या उससे अधिक समय से लेन-देन नहीं किया है, उन आईडी को लेन-देन के लिए अक्षम कर दिया जाएगा. इसके अलावा पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर उन सभी फोन नंबर को यूपीआई मैपर से भी अनरजिस्टर्ड कर देगा.
जिन यूपीआई आईडी से लिंक नंबरों में इनकमिंग को ब्लॉक किया गया है वैसे फोन नंबर वाले ग्राहकों को यूपीआई मैपर लिंकेजे के लिए अपने यूपीआई ऐप में फिर से रजिस्ट्रेशन करना होगा. इसके बाद आवश्यकता के अनुसार यूपीआई पिन का उपयोग करके वो लेन-देन कर सकते हैं.
यूपीआई ऐप्स के जरिए पे टू कॉनटैक्ट और पे टू मोबाइल नंबर की सुविधा शुरू करने से पहले अनुरोधकर्ता को सत्यापन करना पड़ेगा. इसके बाद यूपीआई ऐप्स में ग्राहक का नाम दिखाया जाएगा जो लेनदेन शुरू करने से पहले किया गया है.
उल्लेखनीय है कि सुरक्षित लेनदेन का अनुभव कराने के लिए एनसीपीआई की तरफ से यह एक नई पहल शुरू की गई है. एनसीपीआई के सर्कूलर के अनुसार देश में डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में ग्राहकों के लिए एक सुरक्षित लेनदेन का अनुभव सुनिश्चित करने के लिए बैंकिग प्रणाली के भीतर अपनी जानकारी की नियमित रुप से समीक्षा और सत्यापन करना आवश्यक है.