एमएसपी गारंटी कानून और स्वामीनाथन आय़ोग की सिफारिशों को लागू करने समेत अन्य मांगों को लेकर चल रहे किसान आंदोलन के फिलहाल खत्म होने के आसार नहीं दिखाई दे रहे हैं. किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं और दिल्ली कूच करने को आमादा है. किसानों का कहना है कि उन्होंने अपने दिल्ली कूच करने के फैसले को नहीं बदला है. किसान नेताओं का कहना है कि इस बार जबतक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी वो वापस नहीं जाएंगे. इस बीच किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि सभी आंदोलनकारी किसान खनौरी और शंभू बॉर्डर पर रहेंगे. उन्होंने कहा कि किसानों ने दिल्ली मार्च का फैसला नहीं बदला है.
सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हम अपने ट्रैक्टरों और ट्रॉलियों के बिना आगे नहीं बढ़ेंगे. हम तब तक इंतजार करेंगे जब तक सरकार फिर से सड़कों पर हमे रोकने के लिए लगाए गए बैरिकेड्स को हटा नहीं देती है. एएनआई से बात करते हुए उन्होंने बताया कि हमने अन्य राज्यों के किसानों से 6 मार्च को रेलवे, बसों या किसी अन्य वाहन का उपयोग करके दिल्ली की ओर मार्च करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने मोदी सरकार ने हमसे ट्रैक्टर-ट्रॉली के बिना आने का अनुरोध किया है. इसके साथ ही आंदोलन में और तेजी लाने के लिए 10 मार्च को दोपहर 12 बजे से शाइम 4 बजे तक 'रेल रोको आंदोलन' किया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि तीन मार्च को किसान संगठनों के बीच आगे की रणनीति तैयार करने को लेकर बैठक आयोजित की गई थी. इस बैठक के बाद किसान नेताओं की तरफ से इस तरह के बयान आए की आंदोलन और तेज किया जाएगा.गौरतलब है कि मृतक किसान शुभकरण सिंह के घर तीन मार्च को भोज कार्यक्रम के बाद बाद पंजाब मजदूर संघर्ष समिति और भाकियू सिद्दूपुर समेत अन्य किसान संगठनों की बैठक आयोजित की गई थी.बैठक के बाद किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा था कि किसानों ने बैठक में सरकार को घुटनो के बाल लाने की रणनीति बनाई है. साथ ही कहा था कि आंदोलन को मजबूती देने के लिए बॉर्डर पर किसानों की संख्या बढ़ाई जाएगी.
ये भी पढ़ेंः सिहोर में नई तकनीक से प्याज की खेती के जरिए बंपर उत्पादन हासिल कर रहे किसान, लागत में आई कमी
इससे पहले सरवन सिंह पंढेर से केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि हमने सड़कों को बंद नहीं किया है. केंद्र सरकार ने सड़कों पर हमे रोकने के लिए बैरिकेडिंग की है. यह देश की 140 करोड़ लोगों ने देखा है. पंढेर ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि सरकार ने खुद दिल्ली पंजाब औऱ हरियाणा के बॉर्डर पर बैरिकेडिंग करके सड़क को अवरुद्ध किया है.उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान किसानों के मांगों पर नहीं है. सरकार का ध्यान सिर्फ चुनाव जीतने पर है. इसलिए जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएगी आंदोलन चलता रहेगा.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today