ओडिशा के जाजपुर में किसान ने की आत्महत्या, अवैध पत्थर खदान के कारण बर्बाद हुई थी धान की फसल

ओडिशा के जाजपुर में किसान ने की आत्महत्या, अवैध पत्थर खदान के कारण बर्बाद हुई थी धान की फसल

फसल लगाने के बाद वो अच्छी उपज की उम्मीद भी कर रहे थे. उन्हें उम्मीद थी की फसल अच्छी होगी तो उन्हें कर्ज चुकाने में मदद मिलेगी. पर जब रविवार को अपने खेतों में धान को देखने गए तो अपनी फसल की बर्बादी को देखकर वह परेशान हो गए. 

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ओडिशा के जाजपुर में किसान ने की आत्महत्या, अवैध पत्थर खदान के कारण बर्बाद हुई थी धान की फसलओडिशा में किसान ने की आत्महत्या सांकेतिक तस्वीर

ओडिशा के जाजपुर में एक किसान के आत्महत्या का मामला सामने आया है. मामला प्रदेश के जाजपुर जिले का है. घटना को लेकर मिली जानकारी के अनुसार जाजपुर जिले के धर्मशाला प्रंखड में एक किसान ने आत्महत्या कर ली. मृतक किसान की उम्र 50 वर्ष बतायी जा रही है. आत्महत्या के पीछे का कारण धान की फसल में नुकसान होना बताया जा रहा है. मृतक किसान के परिवारवालों ने कहा कि धान की फसल बर्बाद होन के कारण किसान ने आत्महत्या कर ली. साथ ही बताया की मृतक किसान  खेत के बाद एक अवैध पत्थर खादान का संचालन किया जाता है जिसके कारण खेत में लगी धान की फसल को नुकसान हुआ, और जिसके कारण परेशान होकर किसान ने आत्महत्या कर ली. 

किसान आत्महत्या की खबर सामने आने के बाद जाजपुर जिले के कलेक्टर चक्रवर्ती सिंह राठौड़ ने इस पूरे मामले के जांच के आदेश दे दिए हैं. यह घटना जिले के धर्मशाला प्रखंड के पखरा पंचायत के अंतर्गत पड़ने वाले बाजाबती गांव की है. सूत्रों ने कहा कि मृतक किसान नित्यानंद परिदा ने अपनी तीन एकड़ जमीन पर धान की बुवाई की थी. फसल लगाने के बाद वो अच्छी उपज की उम्मीद भी कर रहे थे. उन्हें उम्मीद थी की फसल अच्छी होगी तो उन्हें कर्ज चुकाने में मदद मिलेगी. पर जब रविवार को अपने खेतों में धान को देखने गए तो अपनी फसल की बर्बादी को देखकर वह परेशान हो गए. 

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कीटनाशक खाकर कर ली आत्महत्या

खेत में बर्बाद फसल को देखकर वह तनावग्रस्त हो गए और कथित तौर पर फसल पर लगाने के लिए अपने साथ लाए कीटनाशकों का सेवन कर लिया. इसके बाद स्थानीय लोगों ने बेहोशी की हालत में देखा, फिर परिजनों को सूचित किया. इसके बाद उन्हें गंभीर हालत में धर्मशाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. बाद में, उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ले जाया गया. जहां इलाज के दौरान किसान की मौत हो गई. 

पत्थर खदान के कारण बर्बाद हुई फसल

नित्यानंद की बेटी झुनुलता परिदा ने कहा कि उनके पिता को पिछले दो वर्षों से फसल का नुकसान हुआ है, क्योंकि एक काला पत्थर माफिया उनके धान के खेत के पास खदान चला रहा है. जिससे खेती प्रभावित हुई है. किसान की बेटी ने बताया कि उनके पिता ने फसल के लिए पैसे उधार लिए थे और उन्हें अच्छे रिटर्न की उम्मीद थी. पर धान के क्षतिग्रस्त पौधों को देखने के बाद उनकी सारी उम्मीदें खत्म हो गई. 

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दर-दर भटकने के बावजूद किसी ने नहीं सुनी शिकायत

झुनुलता परिदा ने कहा कि नित्यानंद ने स्थानीय राजस्व अधिकारियों और सत्तारूढ़ दल के नेता की मिलीभगत से काले पत्थर की खदान के संचालन के कारण धान के खेतों के सूखने की शिकायत की थी. अपनी शिकायत लेकर वो कई लोगों के भटकते रहे पर उनकी बात पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. 


 

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