बिहार में बंदरों से परेशान एक गांव ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार करने का एलान किया है. मामला बिहार के सहरसा जिले का है. यहां के बनगांव गांव के लोग बंदरों से काफी परेशान हैं. पर उनकी परेशानी को दूर करने वाला कोई नहीं है. इससे परेशान होकर ग्रामीणों ने आपसी सहमति से वोट नहीं देने का निर्णय लिया है. ग्रामीणों का साफ कहना है कि जब तक उनके गांव को बंदरों की समस्या से निजात नहीं मिल जाती है वे वोट नहीं करेंगे. सभी ग्रामीण लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे. ग्रामीणों का कहना है कि अब उन्हें झूठे वादे और आश्वासन नहीं चाहिए, उनकी समस्या का समाधान चाहिए.
बनगांव के ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार का निर्णय लेते हुए गांव के बाहर एक बोर्ड भी लगा दिया है. जिसमें लिखा हुआ है कि बंदर भगाओ, लोकसभा 24 में वोट पाओ, झूठा वादा नहीं चलेगा, पहले समाधान तब मतदान, नहीं दो दबेगी नोटा. इस तरह से ग्रामीणों ने साफ कर दिया है कि अब वो झूठे वादों से नहीं मानने वाले हैं. वह तब वोट करेंगे जब उन्हें बंदरों की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा. पहले समस्या का समाधान होगा तभी ग्रामीण मतदान करेंगे. ग्रामीणों से बोर्ड के माध्यम से यह भी कहा है कि अगर समस्या का समाधान नहीं किया गया सभी ग्रामीण नोटा का बटन दबाएंगे.
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दरअसल बनगांव, पररी,चैनपुर,सुंदरवन,कंदाहा,और बघवा गांव के लोग बंदरो से काफी परेशान है. यहां पर बंदरों की संख्या इतनी है कि किसान अगर अपने खेत में कोई फसल लगाते हैं तो बंदर उनके पूरे खेत को बर्बाद कर देते हैं. इतना ही नहीं इनके घर पर भी अगर कोई पौधा लगा होता है तो ये बंदर उन पौधों को भी नोचकर नष्ट कर देते है. आलम यह है कि यहां के ग्रामीणों का अधिकांश समय बंदरों को भगाने में बीत जाता है. इस गांव में अगर आप जाएंगे तो देखगें की किसी के हाथ में गुलेल तो किसी के हाथ में एयरगन है. ग्रामीण हमेंशा इसे अपने हाथ में लेकर घूमते रहते हैं. ताकि गांव में इनके खेत बच जाए.
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ग्रामीणों की माने तो बिहार सरकार के पूर्व वन पर्यावरण मंत्री नीरज बबलू द्वारा भी इन्हे आश्वाशन भी दिया गया था कि इन बंदरो के लिए पार्क बनवाया जा रहा है जल्द ही इन बंदरो को यहां से उस बन रहे पार्क में शिफ्ट कर दिया जाएगा. पर आज तक उनका यह वादा पूरा नहीं हुआ. इसलिए अब ग्रामीणों को किसी पर भरोसा नहीं है.गांव के किसानों की माने तो लागातोर हो रहे फसल नुकसान के कारण किसान आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं. गांव में हजारों एकड़ जमीन खाली पड़ी हुई है. अगर कोई किसान हिम्मत करके खेती करता भी है तो बंदर उसे नष्ट कर देते हैं. इसलिए खेत रहते हुए भी किसान बाहर से सब्जी खरीद कर खाने को मजबूर हैं. इन्हीं सब कारणों को देखते हुए ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार करने का फैसला लिया है. ग्रामीणों ने कहा कि अगर उनकी समस्या का समाधान नहीं होगा तो वो वोट देने के लिए पोलिंग बूथ तक नहीं जाएंगे.(धीरज सिंह की रिपोर्ट)
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