Bird Flu: इन दो राज्यों में बर्ड फ्लू से हड़कंप, चिकन और अंडों की बिक्री पर रोक, 721 टीमें तैनात

Bird Flu: इन दो राज्यों में बर्ड फ्लू से हड़कंप, चिकन और अंडों की बिक्री पर रोक, 721 टीमें तैनात

उधर आंध्र प्रदेश के अमरावती जिले में भी बर्ड फ्लू का संक्रमण सामने आया है. अमरावती जिले के दो गांवों में इसकी पुष्टि हुई है. इसके बाद एच5एन1 की निगरानी और इसे रोकने के लिए 721 रैपिड रेस्पांस टीम (RRT) लगाई गई हैं. उधर झारखंड की राजधानी रांची में भी बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं.

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इन दो राज्यों में बर्ड फ्लू से हड़कंप, चिकन और अंडों की बिक्री पर रोक, 721 टीमें तैनातझारखंड और आंध्र प्रदेश में बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं

झारखंड के रांची में बर्ड फ्लू का मामला सामने आया है. यहां बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (BAU) के पोल्ट्री फार्म में एवियन फ्लू (Bird Flu) का मामला सामने आने के बाद सोमवार को रांची में कुल 5,163 पक्षियों को मारा गया. एक अधिकारी ने बताया कि पिछले दो दिनों में बीएयू में 5,488 पक्षियों को मारा गया है और पूरे प्रभावित क्षेत्र को सैनिटाइज किया गया है. जिला पशुपालन अधिकारी (डीएएचओ) कविंद्र नाथ सिंह ने पीटीआई-भाषा को बताया, "रविवार को कुल 325 गिनी फाउल मारे गए, जबकि सोमवार को विश्वविद्यालय परिसर में 5,163 पक्षियों को मारा गया."

उन्होंने कहा कि अब 10 किलोमीटर के दायरे में आने वाले स्थानों पर निगरानी रखी जाएगी. अधिकारियों ने बताया कि बीएयू के पशु चिकित्सा महाविद्यालय में स्थित फार्म में पिछले 20 दिनों में करीब 150 गिनी मुर्गियां मर चुकी हैं. 

रांची में बर्ड फ्लू का मामला

रांची पशु चिकित्सा महाविद्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि भोपाल स्थित आईसीएआर-राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान (NIHSAD) को भेजे गए नमूनों में एवियन इन्फ्लूएंजा ए वायरस के एक प्रकार एच5एन1 की मौजूदगी की पुष्टि हुई है.

केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने राज्य को इसके फैलने को रोकने के लिए सभी उपाय करने को कहा है, जिसमें संक्रमित और निगरानी क्षेत्र घोषित करना, प्रभावित इलाके तक पहुंच को प्रतिबंधित करना और पक्षियों को मारना शामिल है. राज्य के पशुपालन विभाग ने शनिवार को एक सलाह और SOP जारी की, जिसमें क्षेत्र में पक्षियों की बिक्री और खरीद पर रोक लगा दी गई.

आंध्र प्रदेश में भी संक्रमण

उधर आंध्र प्रदेश के अमरावती जिले में भी बर्ड फ्लू का संक्रमण सामने आया है. अमरावती जिले के दो गांवों में इसकी पुष्टि हुई है. इसके बाद एच5एन1 की निगरानी और इसे रोकने के लिए 721 रैपिड रेस्पांस टीम (RRT) लगाई गई हैं. 

पश्चिमी गोदावरी जिले के वेलपुरु और पूर्वी गोदावरी जिले के कनुरू अग्रहारम में इस वायरस का पता चला, जिसके बाद पशुपालन अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्रों में दो पोल्ट्री फार्मों में पक्षियों को मारना शुरू कर दिया. पशुपालन विभाग के निदेशक दामोदर नायडू ने कहा कि आरआरटी ​​बीमारी को नियंत्रित करने के लिए तत्काल कदम उठा रहे हैं. 

नायडू ने एक आधिकारिक प्रेस रिलीज में कहा, "पूरे राज्य में 721 आरआरटी ​​स्थिति पर नजर रख रहे हैं. राज्य की सीमाओं पर मुर्गियों और इसके उत्पादों के परिवहन पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है, जबकि पशुपालन विभाग सतर्क है और सभी जरूरी रोकथाम उपायों को लागू कर रहा है." 

बचाव में अलर्ट जोन घोषित

वायरल रोग से प्रभावित क्षेत्रों के चारों ओर 1 किमी के दायरे को अलर्ट जोन घोषित किया गया है, जबकि प्रभावित गांवों के चारों ओर 10 किमी के दायरे को निगरानी क्षेत्र घोषित किया गया है, जिससे मुर्गियों और इसके उत्पादों की आवाजाही पर रोक लगाई जा सके.

नायडू के अनुसार, कृष्णा जिले और गोदावरी क्षेत्र में भी आरआरटी ​​तैनात किए जा रहे हैं, जहां पोल्ट्री फार्मों की संख्या अधिक है. प्रवासी पक्षियों को आकर्षित करने वाले तालाबों और झीलों की बड़ी संख्या वाले जिलों में भी इसी तरह के रोकथाम उपाय लागू किए जा रहे हैं. 

अलर्ट जोन के बाहर, नायडू ने आश्वासन दिया कि उबले अंडे और चिकन खाने के लिए सुरक्षित हैं. इस बीच उन्होंने पोल्ट्री फार्म मालिकों को प्रवासी पक्षियों को अपने फार्म में घुसने से रोकने सहित सावधानी बरतने का निर्देश दिया.

 

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