भारत में अब मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है. कुछ मैदानी राज्यों में हीटवेव तो वहीं, पहाड़ी इलाकों में बारिश और बर्फबारी देखने को मिल रही है. मौसम की खबर के अलावा किसान आंदोलन की बात करें तो खनौरी बॉर्डर पर जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन जारी है. ऐसे तमाम अपडेट्स के लिए पढ़ते रहें लाइव अपडेट...
जिन्होंने कभी खेत नहीं देखे, खेत की पगडंडियां नहीं देखीं, वो खेती-किसानी की बात करते हैं.
जिन्होंने कभी खेत नहीं देखे, खेत की पगडंडियां नहीं देखीं; वो खेती-किसानी की बात करते हैं। pic.twitter.com/ew9ltYp2jN
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) March 21, 2025
कृषि मंत्रालय से संबंधित अनुदान की मांगों पर चर्चा के दौरान जमकर बोले शिवराज सिंह चौहान. उन्होंने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा,
विपक्ष आलोचना को भी सुनें, सिर्फ आरोपों की राजनीति नहीं करें विपक्ष
हम तो आलोचना का भी स्वागत करते हैं, लेकिन विपक्षी सदस्यों का रूख बहुत गलत
विपक्ष के शोरगुल पर बोले शिवराज- टोकाटोकी की आदत नहीं, मैं साफ दिल का इंसान हूं
विपक्षी मेरे उत्तर से घबरा रहे, इसलिए मुझे बोलने नहीं दे रहे हैं
मैं सोचता था कि विपक्ष कोई सार्थक चर्चा करेगा, लेकिन खोदा पहाड़ और निकली चुहिया
मैंने कृषि मंत्रालय संभालने के बाद लाल किले की प्राचीर से हुए सारे भाषण सुने, दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि देश के पहले प्रधानमंत्री किसानो के प्रति कम संवेदनशील रहे
किसान अन्नदाता, किसानों की सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा के समान, यह भाजपा का दृष्टिकोण
नई दिल्ली: पर्याप्त आपूर्ति के बीच वायदा कारोबार में शुक्रवार को ग्वारसीड की कीमत 33 रुपये घटकर 5,412 रुपये प्रति क्विंटल रह गई. नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज में अप्रैल डिलीवरी वाले ग्वारसीड अनुबंध की कीमत 33 रुपये अथवा 0.61 प्रतिशत की गिरावट के साथ 5,412 रुपये प्रति क्विंटल रह गई, जिसमें 65,035 लॉट के लिए कारोबार हुआ. बाजार सूत्रों ने ग्वारसीड कीमतों में गिरावट का कारण उत्पादक क्षेत्रों से आपूर्ति में वृद्धि को बताया. (पीटीआई)
चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा ने गुरुवार को बीज (हरियाणा संशोधन) विधेयक, 2025 पारित कर दिया, जिसमें घटिया या नकली बीजों के उत्पादन और बिक्री को रोकने के लिए एक से तीन साल की कैद और 5 लाख रुपये तक के जुर्माने सहित कड़े प्रावधान किए गए हैं. इसके अलावा, कीटनाशक (हरियाणा संशोधन) विधेयक, 2025 भी विधानसभा द्वारा पारित किया गया, जिसका उद्देश्य राज्य में नकली और घटिया कीटनाशकों की बिक्री को रोकने के लिए एक सख्त कानून बनाना है. गुरुवार को राज्य विधानसभा ने कुल छह विधेयक पारित किए. (पीटीआई)
भिंड: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, "मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि आज भिंड में 1000 करोड़ से ज्यादा की राशि की इंडस्ट्रीज का भूमि पूजन हुआ... अब किसानों को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे. 15,000 से ज्यादा किसान इस इंडस्ट्री से लाभांवित होंगे...हम उम्मीद करते हैं कि यह इंडस्ट्रीज आगे बढ़ेंगी और कई प्रकार के रोजगार के अवसर देते हुए मध्य प्रदेश को समृद्ध करेंगी..."
आज चकबंदी आयुक्त की वार्ता के बाद BKU ने जारी किया पत्र, 30 अप्रैल तक लखनऊ शेरपुर लेवल का धरना मंडल अध्यक्ष अनार सिंह, अनु जिला अध्यक्ष राजेश रावत सहित नगर अध्यक्ष के नेतृत्व में धरना समाप्त कर दिया गया. 30 अप्रैल तक समस्यक समाधान नहीं हुआ तो चकबंदी आयुक्त का प्रदेश के किसानों के साथ किया जाएगा घेराव.
कुलदीप धालीवाल, कैबिनेट मंत्री हम किसानों के खिलाफ नहीं हैं और हमने हमेशा उनकी बात सुनी है. इसलिए मुझे लगता है कि उन्हें सरकार के साथ बैठक में शामिल होना चाहिए —- मंत्री
हम किसानों के खिलाफ नहीं हैं और हमने हमेशा उनकी बात सुनी है. इसलिए मुझे लगता है कि उन्हें सरकार के साथ बैठक में शामिल होना चाहिए —- मंत्री
पंजाब की महिलाओं को जल्द ही 1000 रुपये प्रति माह मिलेंगे, महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर वाटर कैनन के इस्तेमाल के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा- हम उस घटना में कड़ी कार्रवाई करेंगे, जिसमें एक कर्नल पर हमला किया गया था और जांच के आदेश दिए गए हैं — मंत्री
मोगा में किसान डीसी दफ्तर घेराव करने जाते समय मोगा पुलिस और किसान हुए आमने-सामने हुई धक्का मुक्की. शंभू और खनौरी बॉर्डर से किसानों के बुधवार धरना हटा ने को लेकर आज मोगा किसान मजदूर संघर्ष कमेटी की ओर से मोगा डीसी दफ्तर घेराव करने जाते समय मोगा के गांव तलवंडी भंगेरिया में पुलिस ने किसानों को रोकने के कोशिश किया, तो किसानों ने जबरदस्ती पुलिस की गाड़ी को धक्का मार के साइट करके डीसी दफ्तर की लिए हुए रवाना. पुलिस ने किसानों को रोकने में नाकाम रहा. (इनपुट- कमलदीप)
किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष - रामपाल जाट की खनोरी एवं शिम्भू बॉर्डर पर सरकारी कार्यवाही पर प्रतिक्रिया
मोदी की गारंटी होते हुए भी किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य से वंचित रहना पड़ रहा है. दूसरी ओर किसान हितेषी होने का दम भरने वाली पंजाब सरकार और उनके दल के मुखिया द्वारा आंदोलनकारियो की गिरफ्तारी सहित अन्य सभी कार्यवाहियों को सही और उचित कदम ठहराने वाले उनके वक्तव्यों ने उनके चेहरों से किसान हितैषी आवरण को हटा दिया है.
यद्यपि आंदोलनकारी केंद्र सरकार के समक्ष अपनी व्यथा प्रकट कर रहे हैं, जिसमें प्रमुख विषय संपूर्ण देश के किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून बनाना है. पंजाब सरकार और उनके दल के नेताओं द्वारा इस तथ्य को अनदेखा किया जा रहा है कि कृषि और किसान कल्याण पर कानून बनाने का दायित्व संविधान में राज्यों को सौप हुआ है. इसी आधार पर एक राष्ट्र एक कानून के अंतर्गत वर्ष 2020-21 में पंजाब विधानसभा में गेहूं और धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का विधेयक पारित किया गया था, जो राष्ट्रपति के अनुमोदन के अभाव में अटक गया था. यही काम पंजाब कृषि उपज मंडी कानून में संशोधन के द्वारा किया जाता तो उसके कानून बनने की संभावना बलवती रहती क्योंकि पंजाब कृषि उपज मंडी कानून को राष्ट्रपति का अनुमोदन प्राप्त है,
दिल्ली: सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा, "...सरकार नहीं चाहती है कि महत्वपूर्ण मंत्रालयों पर चर्चा हो. कृषि मंत्रालय जो पूरे देश को खाद्य सुरक्षा देता है, 60% से ज्यादा लोगों का रोजगार इससे है, उसे लेकर चर्चा थी... आज चर्चा हुई लेकिन जो समय दिया गया वह उतना पर्याप्त नहीं था, जितना महत्वपूर्ण मंत्रालय यह(कृषि मंत्रालय) है."
चंडीगढ़, पंजाब: कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने महिलाओं को प्रति माह 1,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने के वादे को पूरा नहीं कर पाई है, जिसे लेकर पंजाब सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. कांग्रेस कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया.
तमिलनाडु: किसान नेता पी. अय्याकन्नू के नेतृत्व में तिरुचिरापल्ली में किसानों ने कावेरी रेलवे ब्रिज पर 'रेल रोको' प्रदर्शन किया. यह प्रदर्शन पंजाब में किसान नेताओं पर कार्रवाई के जवाब में किया गया, जो विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और स्थानीय पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने और पटरियों को खाली करने के लिए हस्तक्षेप किया.
मध्यप्रदेश सरकार के कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना ने रेत माफिया पर अजीबोगरीब बयान दिया है
रेत माफिया पर मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री का अजीबोगरीब बयान
बोले 'रेत माफिया कोई नहीं, वो पेट माफिया है. पेट पालने के किये काम करते है'
मध्यप्रदेश सरकार के कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना ने रेत माफिया पर अजीबोगरीब बयान दिया है
विधानसभा में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि 'कोई रेत माफिया नहीं होता है. वो तो पेट पालने के लिए काम करते हैं'
दरअसल, मुरैना जिले के अंबाह में रेत माफिया ने वन विभाग की टीम पर हमला किया और जब्त ट्रैक्टर छुड़ाकर ले गए थे. इस घटना का वीडियो सामने आया था.
आज विधानसभा में जब पत्रकारों ने कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना से इस बारे में सवाल पूछा तो उन्होंने बोला कि 'कोई रेत माफिया नहीं होता है, वो पेट माफिया होते है. जो पेट पालने के लिए काम करते हैं. रेत माफिया उसे कहते हैं जो एक व्यक्ति के लिए काम करें. घटना की जानकारी लेते हैं मुरैना में रेत माफिया नहीं है. कानून अपना काम करेगा किसी शासकीय कर्मचारी पर हमला किया है तो'
आपको बता दें कि कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना भी उसी मुरैना ज़िले की सुमावली विधानसभा से आते हैं जहां की अंबाह में वनकर्मियों पर यह हमला हुआ था
(इनपुट- रवीश पाल)
सोनीपत हरियाणा में किसानों ने आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार के CM भगवंत मान का पुतला फुंका गया, यह किसानों के साथ गद्दारी की गयी है.
BKU शहीद भगत सिंह के सदस्यों ने आज अंबाला हरियाणा नारायणगढ़ में पंजाब सरकार के CM भगवंत मान सरकार का पुतला दहन किया गया, हम किसान मजदूरों पर कभी भी जुल्म बर्दास्त नहीं करेंगे.
चंडीगढ़: विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए प्रताप बाजवा
प्रताप बाजवा संबोधित करते हुए - हमने राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार किया है क्योंकि हमारा मानना है कि राज्यपाल को दिया गया अभिभाषण सब झूठ है.
हमारे बहिष्कार के दो कारण हैं -पहला, पटियाला में कर्नल पर हमला होने की घटना.
यह दुखद है कि सेना के एक अधिकारी पर हमला हुआ और एफआईआर में किसी पुलिसकर्मी का नाम नहीं है.
अब आंखों में धूल झोंकने के लिए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं.
इसलिए कांग्रेस मांग करती है कि मौजूदा जज या सेवानिवृत्त जज से एक सप्ताह के भीतर जांच पूरी की जाए.
इसमें शामिल पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया जाना चाहिए.
हमारे वाकआउट का दूसरा कारण किसानों के खिलाफ कार्रवाई है.
हमने देखा है कि एक समय सीएम मान और आप के कई नेता किसानों का समर्थन कर रहे थे.
किसानों ने साफ तौर पर कहा है कि उन्होंने हाईवे नहीं रोका बल्कि पुलिस ने उन्हें रोका.
मान ने ही इन धरनों की योजना बनाई थी.
लेकिन अब मान ने जो किया है वह बहुत दुखद है कि बैठक के बाद किसानों को हिरासत में लिया गया.
यह कार्रवाई एक साजिश का नतीजा है.
पंजाब सरकार सिर्फ उद्योगपतियों की सहानुभूति लेना चाहती है और लुधियाना चुनाव जीतना चाहती है.
केजरीवाल राज्यसभा जाना चाहते हैं.
(इनपुट- असीम बस्सी)
राज्यपाल के संबोधन के दौरान कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा के अंदर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया
वे किसानों के खिलाफ उठाए गए कदमों पर आप सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं
जय जवान जय किसान के नारे लगाये.
संसद के स्थगन को लेकर बोले शिवराज सिंह चौहान
विपक्ष, कृषि और किसान कल्याण को लेकर चर्चा नहीं चाहता
कल कृषि पर चर्चा थी, विपक्ष के चलते कृषि, किसान कल्याण पर चर्चा नहीं हो सकी
आज कृषि पर चर्चा के दौरान या पहले विपक्ष हंगामा करता है तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि हाथी के दांत खाने के अलग, दिखाने के अलग और विपक्ष किसान विरोधी है, किसानों का कल्याण नहीं चाहता
कृषि एवं किसान कल्याण मतलब खेती-बाड़ी और किसान पर संसद में चर्चा होनी थी, लोकसभा में चर्चा होनी थी.
चर्चा लोकतंत्र के प्राण हैं, चर्चा व संवाद कल्याण के कामों को आगे बढ़ाते हैं.
किसानों का कल्याण पीएम मोदी की सर्वोच्च प्राथमिकता है और कल्याण की कई योजनाएं सरकार चला रही है.
हम चाहते थे कि कृषि पर और किसानों पर प्रतिपक्ष भी सार्थक चर्चा करे. अपनी बात रखे, अच्छे सुझाव दे, सकारात्मक सुझावों का सदैव स्वागत है.
लेकिन दुख की बात है कि कल विपक्ष ने हंगामा करके कृषि और किसानों पर चर्चा को बाधित करने का पाप किया है, अपराध किया है.
मैं तो सालभर से चर्चा की प्रतीक्षा कर रहा था, ताकि विपक्ष भी हमें अपनी बात कह सके.
मैं प्रतिपक्ष से आग्रह करता हूं कि कम से कम आज वह चर्चा होने दें, चर्चा का मार्ग खोलें, सार्थक बहस करें, ताकि सही अर्थों में हम सब किसान कल्याण के कामों को आगे बढ़ा सकें.
अगर वह बाधा पैदा करते हैं तो यही सिद्ध होगा कि हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और वो किसानों पर और कृषि कल्याण पर चर्चा चाहते ही नहीं हैं.
जोगिंदर सिंह उगराहा ने आज पंजाब सरकार की 21वीं बैठक में जाने से इनकार कर दिया
उन्होंने कहा कि हमारे किसान संगठन इस बैठक का हिस्सा नहीं होंगे
ऐसे में बैठक आयोजित करने का कोई औचित्य नहीं है
हमने 19 तारीख को बैठक की तो हमारे साथी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया, अब आज की बैठक में जाएंगे तो सबूत है कि हमें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा.
हमारे साथी हड़ताल पर चले गये हैं. और दोबारा आने पर उनका सामान आज भी फेंक दिया जाता है.
हम जानते हैं कि बैठक से ही समस्या का समाधान होगा, लेकिन ऐसे में हम बैठक में नहीं जायेंगे
दोफाड़ है संयुक्त किसान मोर्चा, मुझे नहीं किया शामिल, चढूनी बोले: 3 बार कर चुका प्रयास, आंदोलन करने वाले अब भी फिर सोचें
बीमा कंपनी और सरकार की सांठ- गांठ, किसान हो रहे परेशान.....
हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन के दौरान हुई कार्रवाई से गुरनाम सिंह चढूनी ने खुद को पूरी तरह दूर कर लिया है. चढूनी ने वीरवार को रेवाड़ी में कहा कि SKM अब दोफाड़ हो चुका है, जिसका फायदा सरकार उठा रही है.
गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि जब से आंदोलन शुरू हुआ है, वो 3 बार प्रयास कर चुके हैं लेकिन SKM अराजनैतिक वाले उन्हें साथ नहीं ले रहे हैं. अब अलग-अलग लड़ाई लड़ी जाएगी तो परिणाम इसी प्रकार से आएंगें. आंदोलन की शुरूआत ही SKM को दोफाड़ करने के बाद हुई थी. वे तो चाहते हैं कि सभी किसान एक जगह लड़ाई लड़ें और वे उन SKM वाले भाईयों से भी कहना चाहते हैं कि एक बार फिर से सोचें और सांझा लड़ाई की तैयारी करें.
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