भारत में एक बार फिर मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. देश के कई राज्यों में जहां अगले कुछ दिनों तक गर्मी बनी रहेगी, वहीं कुछ हिस्सों में भारी बारिश की संभावना जताई जा रही है. आइए जानते हैं अलग-अलग राज्यों में कैसा रहेगा मौसम. मौसम विभाग के अनुसार, बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली-NCR में अगले कुछ दिनों तक मौसम शुष्क रहेगा. यानी इन राज्यों में बारिश नहीं होगी और तापमान में बढ़ोतरी देखी जा सकती है. लेकिन 12 जून 2025 के बाद एक बार फिर मौसम करवट लेगा और कई जगहों पर तेज बारिश देखने को मिल सकती है. मौसम विभाग ने महाराष्ट्र के कई हिस्सों और खासतौर पर मुंबई के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. इसका मतलब है कि इन इलाकों में बहुत तेज बारिश हो सकती है, जिससे जलभराव और यातायात में दिक्कतें आ सकती हैं. स्थानीय प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है.
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून, जिसने इस सप्ताह फिर से गति पकड़ी है, के सामान्य तिथियों से काफी पहले 25 जून तक दिल्ली सहित उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश भागों को कवर करने की उम्मीद है.
प्राथमिक वर्षा-वाहक प्रणाली 24 मई को केरल पहुंची, जो 2009 के बाद से भारतीय मुख्य भूमि पर इसकी सबसे पहले शुरुआत थी, जब यह 23 मई को पहुंची थी.
अरब सागर और बंगाल की खाड़ी पर मजबूत निम्न-दबाव प्रणालियों की सहायता से, मॉनसून अगले कुछ दिनों में तेज़ी से आगे बढ़ा, और 29 मई तक मुंबई सहित मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों और पूरे पूर्वोत्तर को कवर कर लिया.
हालांकि, यह 28-29 मई से 10-11 जून तक रुका रहा, फिर फिर से सक्रिय हो गया.
जून की शुरुआत से बारिश की कमी के कारण तापमान में तेज़ वृद्धि हुई, जिससे 8-9 जून से उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के बड़े हिस्से में लू की स्थिति पैदा हो गई.
आईएमडी ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के कुछ जिलों में भारी बारिश का अनुमान लगाया है, क्योंकि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून अगले सप्ताह के मध्य तक राज्य के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ने की संभावना है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 18 जून तक के अपने पूर्वानुमान में कहा कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए अनुकूल परिस्थितियों और बंगाल की खाड़ी से नमी के आने के कारण राज्य के कुछ जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है. इसमें कहा गया है कि 14 जून को उत्तर बंगाल के जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है.
देश के पूर्वी हिस्से में अगले दो दिनों में मॉनसून की शुरुआत होगी. जल्द ही देश के बाकी हिस्सों में भी सुपर एक्टिव फेज शुरू हो जाएगा. 10 दिनों से ज़्यादा समय तक मॉनसून की सुस्ती के बाद, मौसम संबंधी परिस्थितियाँ देश के विभिन्न हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की प्रगति में विकास दिखा रही हैं, साथ ही उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में गर्मी की चिंता भी बनी हुई है. आईएमडी ने अगले कुछ दिनों के लिए विस्तृत पूर्वानुमान जारी किया है. आने वाले दिनों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के और आगे बढ़ने की उम्मीद है अगले दो दिनों में, अनुकूल परिस्थितियां विदर्भ, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के विभिन्न क्षेत्रों में मॉनसून की प्रगति का समर्थन करेंगी. इसके बाद, अगले तीन दिनों में, मॉनसून के गुजरात, पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार के कुछ हिस्सों में फैलने की संभावना है. इस तेज गति से आगे बढ़ने के साथ बारिश की गतिविधियों में वृद्धि होगी जो इन क्षेत्रों में नमी के स्तर को बेहतर बनाने में मदद करेगी, जो कृषि और धान जैसी फसलों की बुवाई के लिए महत्वपूर्ण है.
यूपी में जौनपुर जिले के बदलापुर विधानसभा क्षेत्र में लुप्तप्राय पीली नदी को पुनर्जीवित करने के लिए अभियान शुरू किया गया."बदलापुर संकल्पित, पीली नदी संरक्षित" टैगलाइन के तहत संचालित अभियान की आधिकारिक शुरुआत गुरुवार को वैदिक प्रार्थना के साथ हुई. विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक रमेश चंद्र मिश्रा ने अभियान की शुरुआत की. विधायक मिश्रा ने बताया कि नदी के किनारों की मरम्मत का काम अब सक्रिय रूप से चल रहा है. उन्होंने बताया कि नदी बदलापुर विधानसभा क्षेत्र की जीवन रेखा है और इसे पुनर्जीवित करने से क्षेत्र के किसानों, पक्षियों और जानवरों को राहत मिलेगी.
आंध्र प्रदेश में टीडीपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने 'तल्लिकी वंदनम' योजना शुरू की है, जिसके तहत हर घर में स्कूल जाने वाले हर बच्चे को सालाना 15,000 रुपये दिए जाएंगे. एक अधिकारी ने बताया कि 'तल्लिकी वंदनम' मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू द्वारा 2024 के चुनावों से पहले किए गए कल्याणकारी वादों के 'सुपर सिक्स' में से एक है. सरकार के सचिव कोना शशिधर ने एक आदेश में कहा, 'सरकार ने 'तल्लिकी वंदनम' योजना के कार्यान्वयन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं जो राज्य भर में माताओं/अभिभावकों को सशक्त बनाने के लिए बनाई गई एक प्रमुख पहल है. इसमें हर पात्र मां/अभिभावक को प्रति बच्चे 15,000 रुपये प्रति वर्ष की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी.' कक्षा 1 से इंटरमीडिएट तक स्कूल जाने वाले घर में बच्चों की संख्या चाहे जो भी हो, इस योजना को सभी पात्र घरों तक बढ़ाया जाएगा. इसी तरह, सरकार इस योजना के लिए कक्षा 1 और जूनियर इंटरमीडिएट में अपेक्षित पात्र नामांकन को भी ध्यान में रखेगी, उसने कहा.
हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर के कई स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावकों ने शुक्रवार को जिला प्रशासन से अपने बच्चों के लिए स्कूल के समय को बदलने का आग्रह किया क्योंकि हिमाचल प्रदेश के मैदानी इलाकों में तापमान लगातार बढ़ रहा है. एक अभिभावक रोशन लाल ने कहा कि स्कूल प्रबंधन नियमित टाइम टेबल के अनुसार कक्षाएं ले रहे हैं. इसके लिए छात्रों को सुबह 9 बजे तक स्कूल पहुंचना है और प्रशासन से समय की समीक्षा करने का आग्रह किया है. अभिभावकों के अनुसार, उन्होंने शिक्षा उपनिदेशक (डीओई) और उपायुक्त, हमीरपुर से स्कूल के समय की समीक्षा करने और इसमें बदलाव करने की मांग की है क्योंकि दिन के समय तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को छू रहा है और दोपहर में हीट स्ट्रोक का खतरा है. उन्होंने मांग की है कि छात्रों की सुविधा के लिए गर्मियों में स्कूल का समय बदलकर - सुबह 7 से दोपहर 12 बजे या सुबह 7.30 से दोपहर 12.30 बजे किया जाए. ऊना जिले में गर्मी की छुट्टियों के लिए स्कूल 30 जून तक बंद हैं, जबकि हमीरपुर में गर्मी की छुट्टियों का पहला चरण 8 जून को खत्म हो गया था और दूसरा चरण 13 जुलाई से शुरू होगा. एक और अभिभावक रजनी ने कहा कि बच्चे जिले भर में भीषण गर्मी के बीच स्कूल पहुंच रहे हैं और शिक्षा विभाग की ओर से छुट्टियों को लेकर कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए हैं. ऐसे में छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अभिभावकों ने कहा कि गर्मी के कारण स्कूल में बच्चे हर दिन बीमार पड़ रहे हैं और उन्हें चक्कर आ रहे हैं जिसमें प्री-प्राइमरी कक्षाओं के छात्र सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि प्रशासन स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है और शिक्षा विभाग से रिपोर्ट मांगी गई है.
नर्मदापुरम में 10 फिट लंबे अजगर की सर्जरी, 21 टांके आए. सर्जरी के दौरान अजगर के मसल्स में 8 टांके, स्किन में 13 टांके आये. शिकार पकड़ते समय अजगर बुरी तरह घायल हुआ था.
मात्र 42 दिन की केदारनाथ यात्रा में 10 लाख से अधिक भक्तों ने बाबा केदार के दर्शन कर एक नया रिकॉर्ड कायम किया है. मौसम कि तमाम दुशवारियों और विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद भी केदारनाथ धाम कि यात्रा में आस्था का सैलाब उमड़ा है. जिला प्रशासन की ओर से भी यात्रियों को हर सुविधा देने के सफल प्रयास किये जा रहे हैं. 2 मई को आम भक्तों के लिए बाबा केदार के कपाट खुले थे. तब से लेकर अब तक 10 लाख से अधिक भक्त बाबा केदार के दरबार में माथा टेककर एक नया रिकॉर्ड बना चुके हैं. हर रोज हज़ारों कि संख्या में भक्त बाबा केदार के दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं. धाम में पहली बार टोकन सिस्टम के जरिये दर्शन करने कि पहल की गई है. प्रशासन का यह प्रयास प्रयास बेहद सफल रहा और धाम पहुंच रहे हर यात्री को बहुत कम समय में मन्दिर के गर्भ गृह में जाकर दर्शन हो रहे हैं. भक्तों की भीड़ को देखकर मन्दिर भी दिन रात खुला हुआ है. ऐसे में हर भक्त को बाबा केदार के दर्शन सुगमता से हो रहे हैं. कठिन चढ़ाई होने के बावजूद भी सबसे अधिक यात्री केदार धाम पहुंच रहे हैं. अभी चार माह की यात्रा बची हुई है. प्रशासन की ओर से भी धाम पहुंच रहे यात्रियों को पैदल मार्ग सहित अन्य स्थानों पर बेहतर से बेहतर सुविधाएं देने के प्रयास किया जा रहे हैं.
पीएम-किसान योजना की 20वीं किस्त में करीब 22000 करोड़ रुपये रिलीज किए जाएंगे. इस तरह 20वीं किस्त आने के बाद इस योजना पर खर्च होने वाली कुल रकम 3.9 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी. भारत के इतिहास में किसी भी योजना के तहत पांच साल में किसानों को कभी इतनी बड़ी मदद नहीं मिली.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान से कर्नाटक में आम किसानों के लिए तत्काल मूल्य कमी भुगतान और बाजार हस्तक्षेप योजना लागू करने का अनुरोध किया.उन्होंने केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखकर उनका ध्यान कर्नाटक में आम किसानों द्वारा सामना किए जा रहे "गंभीर संकट" की ओर आकर्षित किया है, क्योंकि मौजूदा फसल सीजन के दौरान बाजार की कीमतों में तेज और अस्थिर गिरावट आई है.सिद्धारमैया ने एक पत्र में कहा, "कर्नाटक की प्रमुख बागवानी फसलों में से एक आम है, जिसकी खेती लगभग 1.39 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में की जाती है और इस रबी सीजन में इसका उत्पादन 8-10 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान है, खासकर बेंगलुरु ग्रामीण, बेंगलुरु शहरी, चिक्काबल्लापुरा, कोलार और बेंगलुरु दक्षिण जिलों में."
अमरूद के अच्छे उत्पादन के लिये उपजाऊ बलुई दोमट मृदा अच्छी पाई गई है. इसके उत्पादन हेतु 6-7.5 पी-एच मान की मृदा उपयुक्त होती है, किन्तु 7.5 से अधिक पी-एच मान की मिट्टी में उकठा रोग के प्रकोप की आशंका होती है. अमरूद को गर्म और उपोष्ण जलवायु में सफलतापूर्वक उगाया जा सकता है. अमरूद की खेती के लिये 15-30 डिग्री सेल्सियस तापमान अनुकूल होता है. यह सूखे को भलीभांति सहन कर लेता है. तापमान के अधिक उतार-चढ़ाव, गर्म हवा, कम वर्षा, जलक्रान्ति का फलोत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव कम पड़ता है.
पिछले कई दिनों से भीषण गर्मी झेल रहे राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में शनिवार से प्री-मॉनसून गतिविधियां शुरू हो सकती हैं. मौसम विभाग के अनुसार, इससे चिलचिलाती गर्मी से कुछ राहत मिल सकती है. मौसम विभाग ने बताया कि दक्षिणी राजस्थान के ऊपर एक सर्कुलेशन सिस्टम बना है, जबकि बंगाल की खाड़ी से आने वाली पूर्वी हवाएं भी सक्रिय हैं. विभाग ने बताया कि उदयपुर, कोटा, जयपुर और भरतपुर के कुछ हिस्सों में प्री-मॉनसून गतिविधियां बढ़ने की संभावना है, जहां तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की उम्मीद है.
उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में आज सुबह मौसम ने अचानक करवट ली. राजधानी देहरादून सहित तीर्थनगरी ऋषिकेश, टिहरी, कोटद्वार और पौड़ी में आसमान में बादल छा गए और कई इलाकों में बारिश शुरू हो गई, जिससे लोगों को भीषण गर्मी और उमस से राहत मिली.
ऋषिकेश में सुबह से ही आसमान में घने काले बादल छाए रहे. हल्की बूंदाबांदी के साथ मौसम में ठंडक घुल गई. बीते दो दिनों से तेज धूप और बढ़ते तापमान के कारण लोग गर्मी से बेहाल थे, ऐसे में बारिश ने राहत पहुंचाई.
डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के पर्यावरण विज्ञान विभाग ने जलवायु परिवर्तन पर राज्य मानव विकास रिपोर्ट के निर्माण पर केंद्रित परामर्श बैठक आयोजित की. बैठक का उद्देश्य हिमाचल प्रदेश में जलवायु-लचीले मानव विकास के लिए रोडमैप तैयार करने के लिए जानकारी जुटाना था. इस सत्र में हिमाचल प्रदेश सरकार के पर्यावरण, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन विभाग (डीईएसटीएंडसीसी) के निदेशक डॉ. सुरेश अत्री के साथ-साथ विशेषज्ञों की एक टीम और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों में पर्यावरण विज्ञान विभाग के प्रमुख और राज्य मानव विकास रिपोर्ट पहल के समन्वयक डॉ. एस.के. भारद्वाज, संकाय सदस्य, विषय विशेषज्ञ और पीएचडी विद्वान शामिल थे. इस अवसर पर संयुक्त निदेशक अनुसंधान डॉ. विशाल राणा और खाद्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख डॉ. राकेश शर्मा ने भी बदलती जलवायु परिस्थितियों में सतत विकास पर अपने दृष्टिकोण साझा किए. अपने स्वागत भाषण में डॉ भारद्वाज ने जलवायु प्रभाव अनुसंधान में विभाग के चल रहे काम पर प्रकाश डाला और एक कार्रवाई योग्य खाका की आवश्यकता पर बल दिया, जो वैज्ञानिक समझ को जमीनी हकीकत से जोड़ता हो. चर्चा कृषि, बागवानी और वानिकी क्षेत्रों में क्षेत्र-विशिष्ट कमजोरियों और अनुकूली रणनीतियों पर केंद्रित थी. डॉ विशाल राणा ने एक प्रभावी अनुकूलन रणनीति के रूप में फलों की फसल विविधीकरण के महत्व को रेखांकित किया.
केंद्रीय कैबिनेट ने झारखंड के लिए 3063 करोड़ की परियोजनाओं को मंजूरी दी है. इसके तहत कोडरमा और बड़काकाना के बीच 133km रेल ट्रैक का दोहरीकरण किया जाएगा. इस मल्टीपल ट्रैक के कई फायदे होंगे.पीएम नरेंद्र मोदी के अध्यक्षता में बुधवार को हुए केंद्रीय कैबिनेट के बैठक में झारखंड को एक बड़ी सौगात मिली है. मल्टी ट्रैकिंग के कई फायदे न सिर्फ झारखंड को बल्कि देश भर को मिल सकेंगे.
बरकाकाना रांची रेल डिवीजन में है जबकि कोडरमा धनबाद रेल डिवीजन में. इसी ट्रैक से हजारीबाग होते हुए वंदे भारत पटना और रांची के बीच शटल करती है. कुल 5 ट्रेनें चलती हैं और ज्यादातर मालगाड़ी हैं. इस ट्रैक के निर्माण से रांची पटना की दूरी 32 किलोमीटर से ज्यादा कम हो गई थी. अब दोहरीकरण होगा तो गुड्स ट्रेन के साथ ही पैसेंजर्स ट्रेन भी बढ़ेंगी.
किसान नेताओं की धमकियों से परेशान मथुर सिविल लाइन डाक अधीक्षक (एसएसपी) बृजेंद्र गुरुवार दोपहर अपनी पत्नी और दोनों बच्चों के साथ धरना स्थल पर पहुंच गए. सभी सदस्य रस्सी का फंदा लिए हुए थे. उन्होंने किसान नेताओं से कहां कि हमें मार दो, फांसी दे दो. डाक अधिकारी और उनके परिवार वालों के तेवर देख किसान नेताओं की सिटी पट्टी गुम हो गई.आनन फानन में मामला बिगड़ता देख धरना खत्म करने की घोषणा की.सिविल लाइन स्थित प्रधान डाकघर परिसर की पहली दो मंजिल पर विभागीय कार्यालय है और तीसरी मंजिल पर प्रवर्तन अधीक्षक का आवास है. भारतीय किसान यूनियन चंडौनी तीन दिन से परिसर में धरना दे रहा था.
सरकार ने हरियाणा, गुजरात और उत्तर प्रदेश से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 54,166 टन मूंग और उत्तर प्रदेश से 50,750 टन मूंगफली की खरीद को मंजूरी दी है. 2025-26 की ग्रीष्मकालीन फसलों की खरीद केंद्रीय मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत की जाएगी, जो बाजार दरों के एमएसपी से नीचे आने पर सक्रिय हो जाती है. कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के हितों की रक्षा के लिए पीएसएस के तहत फसलों की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दी। मंत्री ने आंध्र प्रदेश में खरीद अवधि को 26 जून तक 15 दिन के लिए बढ़ाने को भी मंजूरी दी.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून, जिसने इस सप्ताह फिर से गति पकड़ी है, के सामान्य तिथियों से काफी पहले 25 जून तक दिल्ली सहित उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों को कवर करने की उम्मीद है. मॉनसून 24 मई को केरल पहुंचा, जो 2009 के बाद से भारत पर इसका सबसे पहले आगमन था. उस समय यह 23 मई को भारत आया था. अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के ऊपर मजबूत निम्न दबाव प्रणालियों की सहायता से, मानसून अगले कुछ दिनों में तेजी से आगे बढ़ा. 29 मई तक मुंबई सहित मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों और पूरे पूर्वोत्तर को कवर कर लिया. हालांकि, यह फिर से सक्रिय होने से पहले 28-29 मई से 10-11 जून तक रुका रहा. आईएमडी के विस्तारित अवधि के पूर्वानुमान के अनुसार, मॉनसून अब 18 जून तक मध्य और पूर्वी भारत के शेष हिस्सों और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ इलाकों को कवर कर लेगा. इसके 19 जून से 25 जून के बीच उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में आगे बढ़ने की उम्मीद है. आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा कि सिस्टम के 27 जून की सामान्य शुरुआत की तारीख से पहले 22-23 जून तक दिल्ली पहुंचने की संभावना है.
तेलंगाना के आदिलाबाद जिले में बिजली गिरने की तीन अलग-अलग घटनाओं में छह किसानों की मौत हो गई जिनमें चार महिला किसान भी शामिल थीं. वहीं पांच किसान गंभीर रूप से घायल है. जिले में तीन अलग-अलग स्थानों पर बिजली गिरने की घटना हुई, क्योंकि क्षेत्र में अचानक बारिश के साथ-साथ आंधी भी आई. किसानों की मौत बुधवार को होने की पुष्टि की गई है.
आईएमडी ने मॉनसून के सक्रिय रहने की संभावना जताई है. इसकी वजह से दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में 12 से 17 जून के दौरान कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा और कोंकण और गोवा में 12-14 जून के दौरान कुछ स्थानों पर बहुत ज्यादा बारिश होने की संभावना है. इसके अलावा पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र सहित उत्तर-पश्चिम भारत में अगले 2 दिनों के दौरान हीटवेव और भीषण हो सकती है और इसके बाद इसमें कमी आएगी.
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