दिल्ली में फिर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. हरियाणा के यमुनानगर में हथिनी कुंड बैराज के फ्लड गेट खोल दिए गए हैं. इससे दिल्ली की तरफ दो लाख नौ हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्च किया गया है. इससे दिल्ली में बाढ़ का खतरा फिर से बढ़ गया है. हाल के दिनों में दिल्ली के कई इलाकों में जलभराव और बाढ़ की स्थिति इसलिए देखी गई क्योंकि यमुना में हरियाणा ने भारी मात्रा में पानी का डिस्चार्ज किया था. इस डिस्चार्ज से यमुना के निचले क्षेत्रों में पानी भर गया. यहां तक कि कई प्रमुख इलाकों में पानी भर गया और बाढ़ की स्थिति हो गई. अब पानी लगभग निकल गया था. लेकिन कल हथिनी कुंड से पानी छोड़े जाने के बाद दिल्ली में बाढ़ का खतरा फिर से बढ़ गया है.
दिल्ली अभी यमुना में पहले आई बाढ़ से ठीक से संभली भी नहीं कि फिर से करीब 36 घंटों बाद मुसीबतों का सैलाब निचले इलाकों की परेशानी बढ़ाने के लिए तैयार है. यमुना में पानी छोड़े जाने के बाद हरियाणा में प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है. प्रशासन ने लोगों को यमुना से दूर रहने की चेतावनी दी है. हरियाणा और हिमाचल प्रदेश को जोड़ने वाले जगाधरी पोंटा साहिब मार्ग पर भी यमुना के बाढ़ का असर देखा जा रहा है. जगाधरी पोंटा साहिब मार्ग पर मलबा और बाढ़ का पानी फैल गया है. उससे सटे कलेसर मठ के नजदीक यातायात प्रभावित हुआ है.
21 जुलाई की शाम यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को एक बार फिर से पार कर गया था. हालांकि शनिवार सुबह 9:00 बजे से यमुना नदी खतरे के निशान से नीचे बह रही है. लेकिन चिंता की बात यह है कि हथिनी कुंड बैराज से छोड़े जाने वाले पानी में लगातार इजाफा हो रहा है. हथिनी कुंड बैराज से शुक्रवार सुबह 9 बजे एक लाख 47 हजार क्यूसेक, 10 बजे दो लाख नौ हजार क्यूसेक और 11 बजे दो लाख 23 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. अगर शुक्रवार को दिन भर इसी मात्रा में हर घंटे हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़ा जाता है तो अगले 24 से 48 घंटे में इसका असर देखने मिल सकता है. इससे दिल्ली के निचले इलाकों में फिर से पानी भर सकता है.
ये भी पढ़ें: Punjab: संगरूर में 45000 एकड़ में धान की फसल बर्बाद, घग्गर नदी में आई बाढ़ से मची तबाही
हथिनी कुंड से पानी छोड़े जाने के बाद यमुना नदी उफनाई चल रही है. यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. इससे दिल्ली और हरियाणा के अलावा उत्तर प्रदेश में भी बाढ़ की स्थिति है. इटावा जनपद में यमुना नदी के किनारे बसे एक गांव और घाट में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है. यहां लगातार जलस्तर बढ़ने के कारण धूमनपुरा गांव और यमुना घाट डूब क्षेत्र में आने लगे हैं. तलहटी के किनारे सुमेर सिंह किले के पास हनुमान घाट डूब गया है और पास के मंदिर भी डूबने लगे हैं. लगभग आठ फुट ऊंचाई तक यमुना का पानी भरने से ग्रामीणों को चिंता सताने लगी है. धूमनपुरा गांव के नीचे धूमेश्वर मंदिर पूरी तरह से जलमग्न हो गया है. आठ फुट से अधिक पानी होने के कारण पूजा-पाठ तो बंद हो ही गया है, फसलें भी पूरी तरह से डूब गई हैं.
ये भी पढ़ें: Haryana: बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए तैयार की जा रही धान की पौध, फ्री में उठा सकते हैं लाभ
यमुना नदी में पानी बढ़ने से कई राज्यों में नुकसान देखा जा रहा है. इससे किसानों की फसलें चौपट हुई हैं. सबसे अधिक क्षति धान और सब्जियों की फसल का हुआ है. हरियाणा में धान की नर्सरी पूरी तरह से डूब गई है या जिन खेतों में धान की रोपाई हो गई थी, उन खेतों में पानी भर गया है. दिल्ली के कई इलाकों में सब्जियों की खेती को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. यूपी के अलग-अलग इलाकों में भी यमुना का जलस्तर बढ़ने का खतरा देखा जा रहा है.(दिल्ली से पंकज जैन, इटावा से अमित तिवारी का इनपुट)
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today